क्या खितौला में हुई झोलाछाप डॉक्टरों की जांच के बाद आंगे भी होगी कार्यवाही ?

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जबलपुर :कलेक्टर जबलपुर के निर्देश पर एसडीएम सिहोरा रूपेश सिंघई और सिविल अस्पताल प्रभारी डॉक्टर सुनील लटियार सहित अन्य विभागों की टीमो द्वारा खितौला में 12 जुलाई 2024 शुक्रवार के दिन आयुष्मान हॉस्पिटल सहित   खितौला के झोलाछाप डॉक्टरों की क्लिनको में छापा मार कार्यवाही की गई थी ,वहीँ प्रशासन की इस कार्यवाही से हड़कम्प मचा हुआ है ,हलाकि सिहोरा खितौला सहित ग्रामीण अंचलों में सैकड़ो झोलाछाप डॉक्टर देखे जा सकते हैं, लेकिन अभी प्रशासन कुछ गिने चुने डॉक्टरों तक ही पहुँच सका।

क्या जांच तक सिमिट कर रह जायेगी कार्यवाही ?

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वहीँ 12 जुलाई की कार्यवाही के बाद सवाल उठना लाजमी हो जाता है की क्या सिर्फ जांच तक सिमिट कर रह जायेगी कार्यवाही या फिर इन डॉक्टरों के खिलाफ कोई बड़ी कार्यवाही होगी ?जांच अधिकारियों की मानें तो जांच के  दौरान  डॉक्टर मोटवानी सहित कुछ डॉक्टर क्लिनिक बंद करके भाग गए थे,तो वहीँ विभाग को जो भी डॉक्टर मिले उनमें से किसी के पास भी एलोपैथी से इलाज करने की डिर्गी नहीं मिली ।अब ऐसे में सवाल उठता है की क्या सिर्फ प्रशासन की कार्यवाही जांच तक ही सीमित रह जायेगी या फिर बिना डिग्री वाले डॉक्टरों पर कड़ी कार्यवाही की जायेगी?

इलोक्ट्रो होम्योपैथी से कर रहे एलोपैथी इलाज

वहीं इस दौरान प्रशासन द्वारा की गई जांच के पर खितौला के मझगवां रोड में कई सालों से मरीजों का एलोपैथी पद्धति से इलाज कर रहे भागचंद रजक के पास न तो दवा रखने का ड्रग लायसेंस मिला न ही डिग्री खुद को डॉक्टर कहने वाले भागचंद के पास सिर्फ इलोक्ट्रो होम्योपैथी की डिग्री बस मिली लेकिन डॉक्टर रजक कई सालों से एलोपैथिक पद्धत्ति से इलाज कर रहे हैं,

इनके पास मिली यूनानी और आयुवेर्दिक पद्धत्ति का रजिस्ट्रेशन

वहीं डॉक्टर खान के नाम से मशहूर खितौला निवासी अब्दुल रहीम खान के पास एलोपैथी से इलाज करने की न तो डिर्गी मिली न ही अग्निशमन यंत्र,जांच अधिकारियों को इनके पास सिर्फ 40 साल पुराना यूनानी एवं आयुवेर्दिक पद्धति का रजिस्ट्रेशन मिला,

आयुष्मान हॉस्पिटल में मिली ये कमियां

जांच अधिकारियों की मानें तो खितौला में स्तिथ आयुष्मान हॉस्पिटल के पास जांच के दौरान मौके पर न तो इमरजेंसी एमबीबीएस डॉक्टरों का स्टॉप मिला न ही बी एम डब्ल्यू वेस मैनेजमेंट का प्रावधान मिला ,इतना ही नही यहां पर अग्निशमन यंत्र की वैधता भी खत्म पाई गई थी।

कहीँ समझाइस तक तो न सिमिट कर रह जायेगी कार्यवाही

वहीँ स्थानीय लोगों का कहना है जो डॉक्टर सरकारी नियमों के हिसाब से ईलाज नहीं कर रहे हैं और जिनके पास डिग्री नहीँ उन डॉक्टरों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए,लोगों का तर्क है की जिसके पास होम्योपैथी इलाज की डिग्री है वो उसी पद्धत्ति से इलाज करे आखिर क्यों मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है?वैसे तो सिहोरा खितौला सहित आसपास ग्रामीणो अंचलों में झोलाछाप डॉक्टरों की भरमार है,लोगो ने प्रशासन से अपील की है की नियम विरुद्ध इलाज करने वाले डॉक्टरों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए।

इनका कहना है,प्रशासन द्वारा समझाइश देने के हिसाब सकारात्मक कार्यवाही की जा रही है।

एसडीएम सिहोरा रूपेश सिंघई

 

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