मुख्यमंत्री ने इस वीरांगना के जीवन से संबंधित विविध पक्षों को सामने लाने के लिये कर दी 5 लाख रुपये के पुरस्कार प्रदान करने की घोषणा
जबलपुर, समूचे भारतवर्ष को गौरवान्वित करने वाली अद्भुत व्यक्तित्व वीरांगना रानी दुर्गावती का शासन काल अपनी प्रजा की भलाई के लिए जाना जाता है। उनके द्वारा सुशासन के सभी मापदंड पूरे किए गए, जिसमें लोक कल्याणकारी राज्य की कल्पना परिलक्षित होती है। उन्होने अपने राज्य की रक्षा करने के लिए न सिर्फ़ अपने बलबूते पर 52 युद्ध लड़े बल्कि मुगलकाल के शासक अकबर को भी तीन बार हराया। विगत 500 वर्ष का इतिहास रानी दुर्गावती के अदम्य शौर्य एवं साहस का प्रतीक है। यह उद्बोधन प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने वेटरनरी कॉलेज ग्राउंड जबलपुर में रानी दुर्गावती के 461 वें बलिदान दिवस के अवसर पर आयोजित पुण्य स्मरण समारोह में कहे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने रानी दुर्गावती के बलिदान दिवस पर श्रद्धासुमन अर्पित करते हुये कहा कि हमारे लिए यह गर्व की बात है कि वीरांगना रानी दुर्गावती ने अपने पराक्रम से शेरशाह सूरी एवं मालवा के शासक बाज बहादुर के भी दाँत खट्टे किए। उनके इस शौर्य एवं पराक्रम को दुनिया के सामने लाने की आवश्यकता है।कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मुग़ल सम्राट अक़बर से युद्ध के दौरान रानी दुर्गावती की दूरदर्शिता का वर्णन भी किया। उन्होने कहा कि रानी दुर्गावती ने यह पहले ही भाँप लिया था कि अक़बर द्वारा युद्ध में तोपों का प्रयोग किया जा रहा है इसके लिए उससे लड़ने में हमें रात्रि में भी युद्ध करना चाहिए। डॉ. यादव ने कहा कि रानी दुर्गावती एक रानी के साथ ही माँ के रूप में पूजी जाती है। क्योंकि उन्होंने समाज के सभी वर्गो के लिये कल्याणकारी योजनायें बनाई। उनके सुशासन जनोन्मुखी शासन व्यवस्था में 52 तालाबों का निर्माण कर जल प्रबंधन के नवाचार कराया। अपने शासन काल में अपनी प्रजा एवं अपने सहयोगियों का भी ख़याल रखा। इस कड़ी में उन्होंने अपने सहयोगी के नाम से अधारताल, सहेली के नाम पर जबलपुर में चेरीताल बनवाया। साथ ही अनेक जल संरचनायें बनवाई। उनके द्वारा बनाये ताल, जल संरचनायें ही नहीं बल्कि एक जीवन है। उन्होंने बताया कि जल गंगा संवर्द्धन अभियान के तहत तालाबों की सफ़ाई एवं जीर्णोद्धार का कार्य समूचे प्रदेश में 30 जून तक किया जाएगा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भारतीय इतिहास में उनके द्वारा किए गए इन कार्यों को जो अहमियत मिलनी चाहिए थी, वह नहीं मिली। भारतीय संस्कृति सभ्यता और परंपराओं के सम्मान व रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान करने वाली रानी दुर्गावती के इस योगदान के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने शहडोल आकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और यहां प्रधानमंत्री श्री मोदी ने उनकी 500वीं जन्म जयंती को धूमधाम से मनाने का निर्णय लिया है। उनके प्रति सम्मान और इस परम्परा को आगे बढ़ाते हुए राज्य सरकार द्वारा पहली कैबिनेट जबलपुर में आयोजित करने का निर्णय लिया गया। रानी दुर्गावती के जन्मदिवस 5 अक्टूबर 2024 तक यह जन्म शताब्दी के कार्यक्रम आयोजित किए जाएँगे जिसके अंतर्गत हर माह आयोजन भी किये जायेंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बताया कि सरकार आदिवासी वर्ग के उत्थान के लिए कार्य कर रही है। आदिवासी वर्ग से संबंध रखने वाली देश की राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मुर्मू महिला शक्ति का प्रतिनिधित्व कर रही है। रानी दुर्गावती के जीवन से संबंधित विविध पक्षों को सामने लाने के लिये 5 लाख रुपये का पुरस्कार प्रदान करने का भी निर्णय लिया है। वीरांगना रानी दुर्गावती की वीरगाथा को पाठ्यक्रम में शामिल करने के साथ ही विभिन्न सेमिनार कार्यक्रमों के माध्यम से इनके जीवन को समाज के सामने लाया जाएगा। इसके अलावा मध्य प्रदेश के सबसे बड़े फ़्लाइओवर का नाम रानी दुर्गावती के नाम पर किए जाने की घोषणा की। साथ ही जबलपुर स्थित अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का नाम भी रानी दुर्गावती के नाम पर किये जाने के लिये भारत सरकार को उक्त आशय का प्रस्ताव भेजा जायेगा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जबलपुर के कलाकारों द्वारा रानी दुर्गावती के जीवन चरित्र की अद्भूत प्रस्तुति करने पर कलाकारों को धन्यवाद भी प्रेषित किया। उन्होंने रानी दुर्गावती के जीवन चरित्र से जुड़े प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।
इस अवसर पर प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री श्री राकेश सिंह ने वीरांगना रानी दुर्गावती के बलिदान दिवस पर कहा कि महारानी दुर्गावती बावन गढ़ों की मालकिन थीं पर अपनी प्रजा के लिए सिर्फ मां थी। इतिहास में उनके साथ न्याय नहीं हुआ लेकिन प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने शहडोल जिले में आयोजित भव्य कार्यक्रम में न केवल वीरांगना रानी दुर्गावती को श्रद्धांजलि दी बल्कि उनकी 500 वीं जयंती को धूमधाम से मनाने का निर्णय भी लिया। मंत्री श्री सिंह ने रानी दुर्गावती के बलिदान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की उपस्थिति पर खुशी जाहिर की। श्री सिंह ने कहा कि रानी दुर्गावती के बारे में मुख्यमंत्री डॉ यादव की जानकारियां असीमित हैं। उन्होंने कहा कि रानी दुर्गावती के सुशासन और जल प्रबंधन की गूंज संपूर्ण विश्व में है। रानी दुर्गावती ने 23 हजार गांवों को चिन्हित किया था। इन गांवों में समयानुसार होने वाली खेती की जानकारी थी। वह किसानों के साथ खेती के संबंध में निर्णय भी करती थी। उन्होंने कहा कि जितने भी युद्ध जीती थी उनकी स्मृति में अपने सहयोगियों के नाम पर तालाब बनाकर जल संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य करती थी। सुशासन और जल प्रबंधन के लिये वह हमेशा प्रेरणा स्त्रोत रहेंगी।पंचायत एवं ग्रामीण विकास व श्रम मंत्री श्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि आज का दिन वीरांगना रानी दुर्गावती को नमन करने का दिन है। उनकी शहादत पर हमें गर्व है लेकिन यह दिन हमें हमारी संस्कृति और जमीन को रौंदने वाले लोगों की क्रूरता के इतिहास का स्मरण भी कराता है। मंत्री श्री पटेल ने कहा कि हमने वह तिथियां भी देखी हैं जब इतिहास अपनी पुनरावृत्ति करता है। हमें दोनों पक्षों को याद रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि मुझे गर्व है रानी दुर्गावती की 500 वीं जयंती में वर्ष भर चलने वाले कार्यक्रमों में हम सभी शामिल हुए। उन्होंने कहा कि मुझे इस बात का भी सौभाग्य प्राप्त है कि चार दशक पहले जब हम समाधि स्थल पर नमन करने जाते थे। उनकी सरकार ने समाधि स्थल को विशाल और भव्य स्वरूप दिया है। उसके लिए मध्यप्रदेश की सरकार बधाई की पात्र है। श्री पटेल ने कहा कि उन्होंने दमोह जिले में स्थित सिंगौरगढ़ का वह किला भी देखा है। जो वीरांगना रानी दुर्गावती की पहली राजधानी थी। जब अकबर से युद्ध करने का समय आया तो रानी दुर्गावती ने नरसिंहपुर जिले में स्थित चौरागढ़ को अपनी राजधानी बनाया। जब हमारे पास संचार तंत्र नहीं था, तब रानी दुर्गावती का अनुमान उनकी दूरदर्शिता का प्रमाण है। मंत्री श्री पटेल ने सभा में उपस्थित लोगों को रानी दुर्गावती से संबंधित कलिंजर के किले का भी स्मरण कराया।कार्यक्रम में प्रमुख सचिव जनजातीय कार्य विभाग श्री ई.रमेश कुमार ने रानी दुर्गावती की पेंटिंग और श्री पारितोष वर्मा द्वारा रानी दुर्गावती के जीवन पर आधारित पुस्तक वीरांगना दुर्गावती भेंट की। इस दौरान राज्य सभा सांसद श्रीमती सुमित्रा वाल्मीक, महापौर श्री जगत बहादुर अन्नू, विधायक श्री अजय विश्नोई, श्री सुशील इंदू तिवारी, श्री अशोक रोहाणी, डॉ. अभिलाष पांडे, श्री संतोष बरकड़े, श्री नीरज सिंह के साथ जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती आशा मुकेश गोंटिया सहित अन्य जनप्रतिनधि व कमिश्नर श्री अभय वर्मा, आईजी श्री अनिल कुशवाहा, कलेक्टर श्री दीपक सक्सेना, पुलिस अधीक्षक श्री आदित्य प्रताप सिंह सहित अन्य अधिकारी व बड़ी तदाद में जन मानस उपस्थित थे।
इंडिया पोल खोल को आर्थिक सहायता प्रदान करने हेतु इस QR कोड को किसी भी UPI ऐप्प से स्कैन करें। अथवा "Donate Now" पर टच/क्लिक करें।
Click Here >>
Donate Now
इंडिया पोल खोल के YouTube Channel को Subscribe करने के लिए इस YouTube आइकन पर टच/Click करें।
इंडिया पोल खोल के WhatsApp Channel को फॉलो करने के लिए इस WhatsApp आइकन पर टच/Click करें।
Google News पर इंडिया पोल खोल को Follow करने के लिए इस GoogleNews आइकन पर टच/Click करें।