गांव गांव जाकर हैंडपंपो व जल स्त्रोतो पर दवा का करें छिड़काव ताकि दूषित न हो पानी

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सुग्रीव यादव स्लीमनाबाद : बहोरीबंद विकासखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी लोग कुआं और हैंडपंप के पानी पर निर्भर हैं। बारिश के मौसम में गंदा पानी इन स्रोतों में पहुंचने पर पानी दूषित हो जाता है, लेकिन जांच न होने पर यही पानी ग्रामीण पीते हैं और फिर बीमारियां फैलती हैं।वर्षा काल सीजन शुरू हो गया है लेकिन स्थानीय प्रशासन के द्वारा ध्यान नही दिया गया जिस कारण प्रशासन अनदेखी ग्रामीण अंचलो मे भारी पड़ने लगी!शुक्रवार को बहोरीबंद विकासखंड की ग्राम पंचायत पटना मे बारिश के मौसम में दूषित पानी पीने के बाद ग्रामीण बीमार हो गये!उल्टी -दस्त का प्रकोप फ़ैल गया और फिर प्रशासन हरकत में आया है।शनिवार को एसडीएम बहोरीबंद राकेश चौरसिया, बीएमओ डॉ आनंद अहिरवार, बीपीएम डॉ अरुण शुक्ला स्वास्थ्य व पीएचई विभाग के अमले के साथ ग्राम पटना पहुंचें!जहाँ एसडीएम के निर्देश पर गांव के हैण्डपंपो पर हाईपोक्लोराइट दवा डाली गईं!साथ ही स्वास्थ्य शिविर लगाकर लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया!
बीएमओ डॉ आनंद अहिरवार ने बताया कि शुक्रवार को उल्टी दस्त प्रकोप के 6 मरीज सामने आये थे, जिनमें पांच का समुचित उपचार कर घर मे आराम दिया गया!
एक मरीज को उपचार के लिए बहोरीबंद अस्पताल भेजा गया!शनिवार को घर घर जाकर लोगों से चर्चा की गईं!

गांव गांव जाकर पीएचई विभाग दवा डालने का करें कार्य

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दूषित पानी के सेवन से उल्टी दस्त का प्रकोप आने के बाद एसडीएम हरकत मे आये ओर शनिवार को पीएचई विभाग के एसडीओ को निर्देशित किया कि बहोरीबंद विकासखंड के गांव गांव मे जाकर हैंडपम्पो पर दवाई डलवाये जिससे बारिश के मौसम मे पानी दूषित न हो!गांव गांव जाकर सप्ताह मे एक दिन जरूर जलस्त्रोतो मे दवा डलवाये!इस कार्य को प्रमुखता के साथ किया जाये लाफ़रवाही न की जाये!गौरतलब है कि वर्षाकाल मे समय-समय पर पहले ही सैम्पल लेकर इनकी जांच की जाए, तो बीमारी फैलने की नौबत ही नहीं आएगी। जबकि हैंडपंप के पानी की जांच जरूरी होती है, क्योंकि इसमें फ्लोराइड का स्तर बढऩे पर इसका उपयोग घातक हो जाता है। सामान्य मात्रा से अधिक फ्लोराइड होने पर नलकूप को बंद तक कर दिया जाता है, लेकिन जांच नहीं होने से दूषित पानी पीने की आशंका है।
बारिश के मौसम में कुआं, हैंडपंपों में दवाएं भी डाली जाती हैं। पीएचइ विभाग हैंडपंपों में दवा डालती है, लेकिन पंचायत कुओं मेंं दवाएं नहीं डालती है, जिससे ग्रामीणों के बीमार होने का खतरा रहता है।

इनका कहना है – राकेश चौरसिया एसडीएम

वर्षा काल का समय चल रहा है!
ग्रामीण क्षेत्रों मे हैंडपंपो का पानी दूषित न हो, गांव -गांव जाकर हैंडपंपो मे दवाई डलवाई जाये इसके लिए पीएचई विभाग के एसडीओ को निर्देशित किया गया है!

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