अतिथि शिक्षक शब्द बना सर दर्द,सड़क पर उतरे अतिथियों ने सौपा ज्ञापन 

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जबलपुर :भारतीय मजदूर संघ से संबद्ध अतिथि शिक्षक संघ मध्य प्रदेश के आह्वान पर संपूर्ण मध्य प्रदेश के सभी 55 जिलों के साथ जबलपुर जिले इकाई ने भी पुलिस अधीक्षक कार्यालय से कलेक्टर कार्यालय एवं जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय तक विशाल रैली निकाली और जिला कलेक्टर व जिला शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन सौंपा व आक्रोश व्यक्त किया,

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रैली के माध्यम से सरकार की उदासीनता और अतिथि शिक्षकों के साथ अन्याय के विरुद्ध नारेबाजी करते हुए जिलेभर के शासकीय स्कूलों में कार्य कर चुके सत्रह सौ से अधिक अतिथि शिक्षकों में दिव्यांग अतिथि शिक्षक महिला,दिव्यांग अतिथि शिक्षक पुरुष व गर्भवती अतिथि शिक्षक महिलाओं के भारी संख्या में अतिथि शिक्षक सड़कों पर उतरे अतिथि शिक्षकों का कहना है की सरकार के द्वारा उनके साथ अन्याय और शोषण किया जा रहा है जिससे शिक्षक पद की मर्यादा धूमिल हो रही है 15-16 वर्षों से लगातार सेवा देते आ रह अतिथि शिक्षकों को आज दिनांक तक नियमित नहीं किया गया अतिथि शिक्षकों का कहना है कि अब हमारे पद का नाम परिवर्तित कर हमें नियमित किया जाए अब अतिथि शिक्षक शब्द हमारे लिए सर दर्द बन गया है इतने वर्षों से लगातार शैक्षिक सेवा करते हुए हमारे नियमित शिक्षक न होने के कारण अब समाज भी हमें हीन दृष्टि से देखा जा रहा है जबकि हमारे द्वारा उत्कृष्ट परीक्षा परिणाम लगातार दिए जा रहे हैं अतिथि शिक्षकों ने बताया कि 02 सितंबर 2023 को तत्कालीन मुख्यमंत्री द्वारा अतिथि शिक्षकों को नियमित शिक्षक भर्ती में अनुभव के आधार पर प्रतिवर्ष के चार अंक अधिकतम 20 अंक बोनस के रूप में और 50% प्रतिशत आरक्षण एवं विभागीय परीक्षा आयोजित कर नियमित करने की बात कही गई थी बावजूद आज दिनांक तक इस पर कोई पहल नहीं की गई अतिथि शिक्षकों ने बताया कि 1 साल में मात्र जुलाई- अगस्त से 9 से 10 महीने सेवा कार्य लिया जाता है और 30 अप्रैल से समस्त अतिथि शिक्षकों को बाहर कर दिया जाता है जिसका मानदेय भी प्रतिमाह नहीं मिलता दो-दो महीने का मानदेय चार-चार महीने 6-6 महीने में दिया जाता है जिससे उनकी आर्थिक स्थिति दयनीय हो जाती है ऐसी स्थिति में प्रदेश के लगभग ढाई सौ से अधिक अतिथि शिक्षकों ने अब तक आत्महत्या कर ली है वहीं अनेक अतिथि शिक्षक स्कूल आने जाने में दुर्घटना में मृत्यु को प्राप्त हो चुके हैं अतिथि शिक्षकों को किसी प्रकार बीमा व स्वास्थ्य सुविधाओं आदि का कोई प्रावधान सरकार द्वारा आज दिनांक तक नहीं किया गया जबकि स्कूल शिक्षा की रीढ़ माने जाने वाले अतिथि शिक्षकों के दम पर संपूर्ण मध्य प्रदेश के परीक्षा परिणाम में सुधार आया है वर्तमान की स्थिति को बताते हुए अतिथि शिक्षकों ने कहा 1जून से स्कूल शिक्षा सत्र 2024-25 आरंभ हो चुका है लेकिन अभी तक अतिथि शिक्षकों को जॉइनिंग नहीं की गई लगभग दो माह गुजर गए हैं अगले माह तिमाही परीक्षाएं आयोजित होंगी जिसका ठीक भी अतिथि शिक्षकों के ऊपर फोड़ा जाता है और शासकीय शिक्षकों की भारी कमी को अतिथि शिक्षकों के द्वारा पूरा कर प्रति वर्ष शिक्षा का स्तर सुधारा जाता रहा है बावजूद उनके कार्य की कोई सराहना और उन्हें कोई प्रोत्साहन सरकार और स्कूल शिक्षा विभाग के द्वारा नहीं दिया जाता अतिथि शिक्षकों ने सरकार को ज्ञात कराया की मध्य प्रदेश के पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ सहित देश के 6 राज्यों में अतिथि शिक्षकों के लिए नीति बनाकर उन्हें नियमित शिक्षक की तरह 62 वर्ष 12 माह पद सुरक्षित किया गया है तो मध्य प्रदेश में अतिथि शिक्षकों के साथ सौतेला व्यवहार क्यों किया जा रहा है छत्तीसगढ़ सरकार स्कूल शिक्षा विभाग के आदेश का पत्र संलग्न करते हुए बताया कि वहां अतिथि शिक्षक के पद पर ट्रांसफर,प्रमोशन और सीधी नई भर्ती से अतिथि शिक्षक का पद सुरक्षित कर दिया गया है तब मध्य प्रदेश में भी अतिथि शिक्षकों का पद सुरक्षित क्यों नहीं किया जा रहा अतिथि शिक्षकों ने बताया की जबलपुर उच्च न्यायालय ने भी मध्य प्रदेश सरकार को कई बार अतिथि शिक्षकों के लिए नीति बनाने आदेश जारी किए बावजूद इसके आज दिनांक तक मध्य प्रदेश सरकार द्वारा अतिथि शिक्षकों के लिए कोई नीति नहीं बनाई गई जिससे लगातार अतिथि शिक्षकों का भविष्य अंधकार में बना हुआ है और उम्र दराज होते अतिथि शिक्षकों की चिंता बढ़ती जा रही है 35-40 वर्ष की आयु वाले अतिथि शिक्षक अब अन्य जगह रोजगार भी नहीं ढूंढ सकते बच्चों का भविष्य बनाने में अब अतिथि शिक्षकों का भविष्य भी संकट से घिर गया है अतिथि शिक्षकों ने मांग की है कि म.प्र.कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा आयोजित पात्रता एवं चयन परीक्षा उत्तीर्ण अतिथि शिक्षकों को सीधे नियमित किया जाए और अन्य अतिथि शिक्षकों की विभागीय परीक्षा लेकर उन्हें नियमित नियुक्त किया जाए साथ ही छत्तीसगढ़ सरकार स्कूल शिक्षा विभाग के आदेश जिसमें अतिथि शिक्षकों के पद को ट्रांसफर,प्रमोशन और सीधी नई भर्ती से मुक्त रखने तत्काल आदेश जारी किया जाए ज्ञापन पत्र में सरकार को सात दिवस की अवधि तक अतिथि शिक्षकों के हित में निर्णय के लिए चेतावनी देते हुए कहा है यदि 24 जुलाई तक ठोस निर्णय और आदेश जारी नहीं होते तो 25 जुलाई से भोपाल की धरती में अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन और आत्मदाह के लिए भी चेतावनी दी गई है जिसकी संपूर्ण जवाब देही मध्य प्रदेश सरकार शासन प्रशासन की होगी। भारतीय मजदूर संघ के संगठन मंत्री कृष्णकांत शर्मा अतिथि शिक्षक संघ के संभाग अध्यक्ष सुरेंद्र तिवारी संभाग उपाध्यक्ष डॉ विमल किशोर यादव सचिव हेमलता उपाध्याय जिला अध्यक्ष जगन्नाथ अवस्थी महिला जिला अध्यक्ष अंजना साहू सचिन नामदेव सूर्य प्रताप अजय दीपांकर सुलभ मिश्रा आदि उपस्थित रहे।

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