जल पर्यटन केन्द्र के तौर पर विकसित होगा कोनिया

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कटनी(सुग्रीव यादव ): कलेक्टर अवि प्रसाद गुरूवार को अपने विजयराघवगढ़ क्षेत्र के प्रवास के दौरान यहां बाण सागर डैम में मोटर वोट से करीब तीन किलोमीटर का जलविहार कर तटीय गांव कोनिया से इटौरा के चंडिन माता मंदिर पहुंचे और इसे जल पर्यटन केन्द्र के तौर पर संवारने और विकसित करने की संभावनाओं का जायजा लिया। इस दौरान तिमुआ सरपंच तीरथ पटेल सहित मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम के अभियंता, तहसीलदार बी.के.मिश्रा मौजूद रहे।

इटौरा में स्थित भव्य चंडिन माता मंदिर के प्रति क्षेत्रीय लोगों में गहरी आस्था और श्रद्धा है। बाण सागर के तटीय गांव कोनिया स्थित मॉ कालीधाम से इटौरा की चंडिन माता मंदिर तक पहंुचने में बांध के पानी में तैरती राजसी सफेद बादलों की छाया और अथाह जल राशि यहां की जल यात्रा को और मनमोहक और खुशनुमा एहसास दिलाती है।

मरम्मत कार्य की वजह से महानदी पुल बंद होने के कारण सड़क मार्ग की बजाय कलेक्टर श्री प्रसाद को कौनिया से चंडिन माता मंदिर तक पहुंचने और वापास आने को मिलाकर करीब 6 किलोमीटर लम्बे जलमार्ग का सहारा लेना पड़ा।

यहां की नैसर्गिक प्राकृतिक छटा से सम्मोहित कलेक्टर श्री प्रसाद ने प्रकृति की गोद में चंडिन माता के मंदिर तक की रोमांचक और अविस्मरणीय धार्मिक जल यात्रा कर यहां की भव्यता से खासे प्रभावित हुए। उन्होने दूरबीन से बाणसागर के विहंगम नजारों का दृश्यावलोकन भी किया।

कलेक्टर श्री प्रसाद को यहॉ जल पर्यटन की अपार संभावनांयें दिखीं। जल पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित होने पर यहां रोजगार के अवसर बढेंगे और ग्राम पंचायत की आय में भी बढोत्तरी होगी। इस स्थल में पर्यटन सुविधाओं का विकास और विस्तार कर भविष्य में इसे देश के पर्यटन मानचित्र में खूबसूरत जल पर्यटन केन्द्र के तौर पर पहचान दिलाई जायेगी। कालान्तर में यहां जल महोत्सव जैसे भव्य आयोजन के माध्यम से दिल को छू लेने वाली वाटर स्पोर्टस जैसी साहसिक गतिविधियों के आयोजन का भी मार्ग प्रशस्त हो सकेगा।

इस अवसर पर एस.डी.ई आर एफ की टीम सी.ई.ओ जनपद पंचायत ब्रजेश जैन, पर्यटन निगम के नीरज शुक्ला भी उपस्थित रहे।

*पूजा-अर्चना कर निरीक्षण*

चंदिन धाम इटौरा पहुँचकर कलेक्टर श्री प्रसाद ने माँ काली की पूजा-अर्चना कर जिले की सुख-समृद्धि की कामना की। तदुपरांत मंदिर प्रांगण का निरीक्षण कर मंदिर समिति के पदाधिकारियों से चर्चा की।

*कोटवार लालजी से हुए प्रभावित*

गाँव के कोटवार लालजी पूरी तैयारी के साथ मुस्तैद थे, वे सारे खसरा-खतौनी, नक्शा के साथ डटे रहे, कलेक्टर को उन्होंने मंदिर की भूमि के बारे में नक्शा दिखाया। ग्राम कोटवार की मुस्तैदी देख कलेक्टर खुश हुए और कोटवार के जज्बे की तारीफ भी की। मंदिर समिति के पदाधिकारियों ने मंदिर तक पहुँचने के लिए सड़क निर्माण कराने की मांग रखी।

*3 किलोमीटर, 45 मिनट का सफर*

कोनिया से इटौरा जल मार्ग 3
किलोमीटर का सफर तय करने में करीब 45 मिनट का वक्त लगा। लौटते वक्त अंधेरा हो चुका था। दरअसल इटौरा पहुँचने के लिए महानदी पुल बंद होने की वजह से कलेक्टर जल मार्ग से इटौरा पहुँचे और यहां विकास की संभावनाओं को करीब से देखा गया।

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