वीडियो काल से रहें सावधान,अनजान नंबर से आई व्हाट्सएप वीडियो कॉल बन सकती है मुसीबत 

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अनजान नंबर से आई व्हाट्सएप वीडियो कॉल मुसीबत का सबब बन सकती है. आपकी बिना जानकारी और सहभागिता के आपका अश्लील वीडियो बनाकर आपको ब्लैकमेल किया जा सकता है. व्हाट्सएप पर वीडियो कॉल आई. कोई नंबर फ्लैश नहीं हो रहा था. इधर से फोन उठा लिया गया. उधर से एक लड़की दिखाई देने लगी. उसने कपड़े उतारने शुरू कर दिए. फोन पर देख रहा शख्स हतप्रभ हो जाता है, वो कुछ ही देर बाद कॉल काट देती है. उसके बाद फिर से कॉल फिर आती है. रिसीव करने के बाद काल काट दिया जाता है . आधे घंटे बाद व्हाट्सएप पर वीडियो मिला. इसमें उसी शख्स का अश्लील वीडियो पड़ा रहता है उधर से धमकी दी जाती है की यदि पैसे नहीं दिए तो ये वीडियो वायरल कर दी जाएगी. इतना सुनते ही सामने वाले के होश उड़ जाते हैं जी हां, ये कहानी नहीं हकीकत है.ऐसा कई लोगों के साथ हो चुका है ,लेकिन कुछ लोग लोकलाज के कारण पुलिस से शिकायत नहीँ करते और धमकी से डरकर पैसे दे देते हैं।इस तरह के कारनामे पूरे देश मे सुने जा सकते हैं ,जिसका सबसे बड़ा माध्यम फेसबुक ,इंस्टाग्राम ,और अन्य शोशल मीडिया साईट है ,इसीलिए आप सावधान रहें नहीं तो आप भी इनके चक्कर मे पड़कर फस सकते हैं।

यूपी की राजधानी लखनऊ के 28 साल के एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर के साथ ऐसी ही घटना घटी है.

मीडिया रिपोर्ट की मानें तो पीड़ित इंजीनियर का नाम अंकित कुमार है. बीते सप्ताह अचानक रात के 11 बजे अनजान नंबर से अंकित के मोबाइल पर वीडियो कॉल आई. अंकित ने   वीडियो कॉल को जैसे ही अटेंड किया, दूसरी तरफ एक लड़की की अश्लील तस्वीर सामने आ गई. अचानक अनजान नंबर से आई वीडियो कॉल और फिर उस वीडियो कॉल पर कपड़े उतारती लड़की को देख अंकित कुछ भी समझ नहीं पाया. थोड़ी ही देर में उसने वीडियो कॉल बंद कर दी. अगले दिन उसके मोबाइल नंबर पर एक मैसेज आया. मैसेज देखकर अंकित के होश उड़ गए. मैसेज में उससे गूगल पे पर पैसों की मांग की गई. पैसा नहीं देने पर उसकी अश्लील वीडियो वायरल करने की धमकी दी जाने लगी.

साइबर अपराधियों का शिकार होने पर बिना डरे सबसे पहले पुलिस में रिपोर्ट करनी चाहिए.

अब अंकित को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि अचानक से यह सब कैसे हो गया? बदनामी के डर से वह किसी से कुछ बताए या नहीं? पुलिस या कानून की मदद ले भी तो कैसे? हालांकि किसी तरह हिम्मत करके अंकित ने पुलिस को सूचना दी. पुलिस की साइबर सेल इस मामले की जांच कर रही है. बताया जा रहा है कि साइबर सेल को ऐसी शिकायतें लगातार मिल रही हैं. बीते कुछ महीनों से ऐसे मामलों में तेजी से इजाफा हुआ है. डीप फेक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके यह सब हो रहा है. इसे अंजाम देने वाला गैंग राजस्थान के भरतपुर, यूपी के मथुरा और हरियाणा के मेवात इलाके में ज्यादा सक्रिय है, जहां पर लड़के और लड़कियां ब्लैकमेलिंग के इस धंधे में जोर-शोर से लगे हुए हैं.इंटरनेट मोबाइल के इस दौर में ऐसी घटना किसी के साथ भी हो सकती है. फेसबुक की फर्जी आईडी बनाकर दोस्तों से पैसे मांगने वालों की तरह अभी साइबर क्राइम करने वालों का ये तरीका पूरी तरह चर्चा में नहीं आया है, लेकिन आप सावधान हो जाएं. ये साइबर अपराधियों का नया मॉड्यूल है. ये देर रात ऑनलाइन रहने वाले नंबरों पर नजरें गड़ाए रखते हैं. उनके बारे में तमाम जानकारियां इकट्ठा करते हैं. सारी जानकारी हो जाने के बाद होता है फोन का खेल. फोन व्हाट्सएप या मैसेंजर पर आता है, जिसमें नंबर फ्लैश नहीं करता. फोन पर लड़की आती है, जो बताती है कि वो हाईप्रोफाइल है और दोस्ती करना चाहती है. उसका मकसद उस शख्स को ज्यादा से ज्यादा देर तक फोन पर इंगेज करना होता है. ताकि वीडियो में उसके चेहरे के तमाम हाव-भाव रिकॉर्ड हो सके. इस कोशिश के लिए लड़की तमाम तरह की हरकतें भी करती हैं.

ऐसे शुरु होता है…

बताया जा रहा है की लड़की अपने कपड़े भी उतारती है, सामने वाले को भी ऐसा करने के लिए कहती है. तमाम लोग ऐसी कॉल आते ही समझ जाते हैं कि ये झांसेबाजी है तो कई लोग इस झांसेबाजी में फंस भी जाते हैं. कॉल डिस्कनेक्ट होने के बाद ये लोग उस शख्स के चेहरे को मॉर्फ करके न्यूड वीडियो बना लेते हैं. फिर शुरू होता है ब्लैकमेलिंग का खेल. आपसे गुजारिश है कि ऐसे झांसों में न खुद फंसें और न अपने आसपास के लोगों और दोस्तों को फंसने दें. समझें और समझाएं कि फोन पर लड़की कहीं से अचानक नहीं टपकती. अपराधी बाकायदा जाल बिछाकर ऐसे शिकार करते हैं. अपराध का ये ट्रेंड बहुत तेजी से चल रहा है. इनका शिकार होने से बचिए और जानकारी शेयर करके दूसरों को भी बचाइए.

यदि कोई ऐसे साइबर अपराधियों का शिकार हो गया है तो पहली बात कि डरना बंद करके पुलिस में रिपोर्ट करनी चाहिए. उससे पहले अपने परिवार में बताएं, अपनी पत्नी, अपनी मां, अपने पिता को बताएं. ध्यान रहे कि एक बार इनकी धौंस में आकर अगर पैसे दे दिए तो आप इनके लिए एटीएम हो जाएंगे. ये अपने इशारों पर नचाते जाएंगे, आप नाचते जाएंगे. ज्यादातर गुंजाइश तो इसी बात की है कि अपराधी सिर्फ डराकर पैसा वसूलना चाहते हैं. पुलिस के चक्करों में वो भी नहीं पड़ना चाहते होंगे. क्योंकि ये ठग हैं, डकैत नहीं. खुद पुलिस भी कहती है कि ऐसे साइबर अपराधी कुछ भी वायरल नहीं करते, क्योंकि ऐसा करने पर उनके पकड़े जाने का ज्यादा खतरा होता है. वे सिर्फ धमकी देते हैं.पुलिस से शिकायत पर बदनामी और कानूनी झमेले में फंसने का डर भी पीड़ित को सताता है. यही वजह है लोग पुलिस से मदद मांगने तो आते हैं, लेकिन एफआईआर दर्ज कराने से कतराते हैं. यदि आप धोखे से भी इस तरह के मामले के शिकार बन गए हैं, तो बिल्कुल भी डरिए मत. जब आपने गलती नहीं कि तो डर किस बात का. डरे वो जिसने आपके साथ गलत किया और आगे भी करने की कोशिश कर रहा है. सबसे पहली बात तो सावधानी और सतर्कता ही सबसे बड़ा बचाव है. ऐसे में सोशल मीडिया पर किसी भी अनजाने नंबर से आई वीडियो कॉल को कभी भी न उठाएं न ही किसी को उठाने दें. सोशल मीडिया पर अपनी फ्रेंड लिस्ट को भी चेक करके संदिग्ध लोगों को अनफ्रेंड किया जाना ही सबसे कारगर है.


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