आसमान से पानी की धार, किसानों पर आफत अपार

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सुग्रीव यादव स्लीमनाबाद – मौसम के करवट बदलते ही जिले भर में कहीं मध्यम तो कहीं हल्की बारिश हो रही है। बेमौसम बारिश ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। अन्नदाता संकट के दौर से गुजर रहे हैं।विगत चार दिनों से मौसम बदलाव चल रहा है!बुधवार की शाम को झमाझम बारिश तो गुरुवार को दिनभर स्लीमनाबाद तहसील मुख्यालय मै सहित ग्रामीण अंचलों में रुकरूककर बारिश का दौर चलता रहा। बारिश से किसानों के खेतों में पककर तैयार  धान की खड़ी फसल खेतों में बिछने के नजारे दिखाई दिए!किसानों का कहना है कि बेमौसम बारिश से किसानों की करीब 30 से 40 प्रतिशत फसलों का नुकसान होने का अनुमान है।बारिश होने से खेत की खड़ी फसल के दाने काले पडऩे और गुणवत्ता प्रभावित होने का अनुमान है।पहले से ही धान की उपज मै रोगों के प्रकोप से उत्पादन कम गया है!वही अब बारिश ने किसानों की कमर तोड़ रखी है!किसानों के अनुसार बारिश से खड़ी और कटी दोनों फसल को नुकसान हुआ है। दाने काले पड़ जाते हैं और एफएक्यू मापदंड में नहीं आने से उन्हें फसल का वाजिब दाम नहीं मिल पाता है।

अचानक बदल रहा मौसम

किसानों का कहना है कि महीने भर का वक्त गुजर रहा है, मौसम पूरी तरह से साफ नहीं हो पाया है। खेतों में पककर तैयार हल्की प्रजाति की धान फसल की कटाई फिलहाल किसानों ने शुरू कर दी है। लेकिन बुधवार से मौसम को देखते हुए एक बार फिर कटाई का काम रूक गया है।बहोरीबंद विकासखंड में इस वर्ष खरीफ सीजन का रकबा 28 हजार हैक्टेयर है, जिसमें 25 हजार हैक्टेयर मै धान की फसल लगाई गई है।समूचे विकासखंड मै अभी तक मात्र 20 फीसदी फसल की ही कटाई हुई है, शेष 80 फीसदी फसल खेतों मै अधपकी व पकी ख़डी हुई है!बुधवार की शाम ओर गुरुवार की दिनभर बारिश होने से विकासखंड से खेतों के खेतों में बड़ी मात्रा में पानी भर जाने के दृश्य सामने आ रहे हैं। बारिश से खेतों में पानी भर गया और किसानों की आधे से अधिक फसलों के दाने काले पडऩे की जानकारी किसान दे रहे हैं।

मौसम विभाग का अलर्ट

मौसम विभाग ने पश्चिमी विक्षोभ के कारण बारिश की चेतावनी जारी की है।अभी 31 अक्टूबर व 1 नवंबर तक बारिश की संभावना व्यक्त की गई है। लगातार बारिश से धान की कटाई पूरी तरह रुक गई है। किसानों की चिंता बढ़ गई है।
बारिश होने से धान की फसल प्रभावित हुई है। कई किसानों के खेतों में पानी भर गया है, कटाई के लिए तैयार खड़ी फसलें बर्बाद होने की कगार पर हैं। किसानों ने बताया कि उनकी फसल को 35 से 40 प्रतिशत तक नुकसान हुआ है। क्षेत्र के कई गांवों में जिन किसानों ने पहले ही कटाई कर ली थी और फसल को खेत के किनारों या खलिहान में रखा था, उनकी धान भी लगातार भीगने से सडऩे लगी है। किसानों ने बताया कि उनकी कटी हुई धान बारिश में पूरी तरह भीग चुकी है और यदि मौसम जल्द साफ नहीं हुआ तो पूरी फसल खराब हो जाएगी।

किसानों ने की मुआवजे की मांग

किसानों ने सरकार से आग्रह किया है कि वे जल्द से जल्द फसल क्षति का आंकलन कर मुआवजा घोषित करें। उनका कहना है कि यदि समय पर आर्थिक सहायता नहीं मिली, तो यह नुकसान उनके परिवारों की आजीविका पर गंभीर असर डालेगा। किसानों ने बताया कि बेमौसम बारिश से उनकी धान भीग चुकी है। अनाज में नमी बढ़ गई है, दाना काला पड़ जायेगा!बारिश के कारण अगली फसल भी अब देरी से होगी।

इनका कहना है- राकेश चौरसिया एसडीएम बहोरीबंद

बारिश से धान की फसल को नुकसान होने की बात सामने आ रही है। कृषि विभाग एवं राजस्व विभाग की टीमें प्रभावित इलाकों में पहुंचकर नुकसान का आंकलन करेंगी ।
नुकसानी की बात आयेगी तो मुआवजा दिलाने के लिए प्रकरण जिला प्रशासन- शासन स्तर पर भेजा जायेगा!

इनका कहना है- प्रणय पांडेय विधायक
बे मौसम बारिश होने से धान फसल नुकसान की बातें सामने आ रही है!
किसानों को उनकी नुकसानी फसलों का मुआवजा मिल सके इसके लिए सरकार हसंभव किसानों के साथ ख़डी है!
किसानों की फसल क्षति नुकसानी के
सर्वे कराने राजस्व व कृषि विभाग के अधिकारियो को निर्देश दिए जायेंगे!

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