सरकार के स्वच्छता अभियान की इन पंचायतों में उड़ाई जा रहीं धज्जियां,कहीँ डेम में तो नहीं हो रहा गेम ?

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जबलपुर :कई महीने से गांव में नालियों की सफाई न होने के कारण थोड़ी सी बरसात होने पर ही गांव की नालियों का कीचड़ सड़को पर ही बहने लगा है,मामला मझोली जनपद की ग्राम पंचायत खुडावल और धनगवा का है, जहाँ पर अधिकारी और कर्मचारियों को न तो सरकार के नियम कानून की परवाह है न ही आमजन के स्वास्थ्य की।

कहाँ जाते हैं सरकारी पैसे 

गौरतलब है की गांव में स्वच्छता अभियान के लिए सरकार द्वारा हर पँचायत में स्वच्छता को लेकर एक राशि जारी की जाती है, या फिर टैक्स वसूली कर भी पँचायत गांव की सफाई करवा सकती है लेकिन इस तरफ न तो ग्राम सरपँच न ही सचिव ध्यान देते हैं, जिसके पीछे की बजह है जनपद सीईओ का ढुलमुल रवैया मझोली जनपद अंतर्गत आने वाली अधिकांश  पंचायतों के हाल बेहाल हैं ग्रामीणो की शिकायत और दर्द सुनकर लगता है कि मझोली जनपद में बिन राजा की फ़ौज चल रहा है जिन्हें सरकारी नियमों कानूनों की कोई परवाह नहीं है ,परवाह है तो अपनी और सचिवों की ग्रामीणों की समस्याओं से कोई लेना देना नहीं है चाहे पँचायत स्टॉप डेम को गुडवत्ता हीन बना दे या फिर गांव में सिर्फ कीचड़ ही कीचड़ क्यों न हो।ग्रामीणो की इन समस्याओं से किसिको कोई लेना देना नहीं है।

डेम में गेम

पहला मामला मझोली जनपद की ग्राम पँचायत खुडावल का है जहाँ पर लगभग 8 लाख रुपये की लागत से कनाड़ी नदी में बनने वाले डेम का बेस में लाल पत्थर और मिट्टी डालने का आरोप है , जिसके चलते जल सरंक्षण के लिए बनाया जाने वाला स्टॉप डेम  भ्रष्टाचार की भेंट तक चढ़ता जा रहा है जिसकी जांच तक करने की जनपद के एसी ऑफ़िस में बैठे अधिकारियों को फुर्सत नहीं है,अब ऐसे में ग्रामीणों का कहना है की ये सब इंजीनियर सीईओ और सरपँच सचिव की मिलीभगत के चलते ही हो सकता है।साथ ही ये कहना भी गलत नहीं होगा की स्टॉप डेम के निर्माण कार्य में लगे आरोपो  पर अधिकारी लीपापोती करने में लगे हैं।

स्वच्छता अभियान की उड़ाई जा रहीं धज्जियां 

तो वहीं ग्रम पँचायत खुडावल की  ताजा तस्वीर दो दिन पूर्व की आई है जहां पर  हुई हल्की-फुल्की बरसात के बाद आई है ग्रामीणों को कहना है कि कई महीनो से  पँचायत द्वारा नालियों की सफाई नहीं की गई जिसके चलते बरसात होते ही नालियों की गंदगी गांव की सड़कों में आ गई ,अब ऐसे में सड़क में ग्रामीणों का चलना भी दूभर हो गया है।

दूसरा मामला 

वहीं मैं दूसरा मामला मझौली जनपद की ग्राम पंचायत धनगवा  का है जहाँ पर कहने को तो यह निर्मल ग्राम पंचायत है लेकिन इस निर्मल ग्राम पंचायत में स्वच्छता के दर्शन कहीं नहीं होते यदि हम बात करें तो गांव के बीचों बीच  से निकाली पुरानी nh7 की जहाँ पर कई महीनों से पँचायत द्वारा नालियों की सफाई न करवाने से दो दिन पूर्व ही हुआ हल्की सी बरसात के कारण नालियों से निकली गंदगी सड़क में बहने लगी जिसके कारण ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है गंदगी के कारण ग्रामीणो का जीवन किसी नर्क से कम नहीँ हैं।अब ऐसे में सवाल उठता है की स्वच्छता मिशन के लिए पँचायत को भेजे गए पैसे कहा गए क्या पँचायत इतने महिनों तक कागजो में सफाई करवाती रही औऱ मझोली  जनपद के एसी ऑफिस में ही बैठकर अधिकारी पंचायतों का निरीक्षण करते रहे।

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