जगह-जगह सड़क और गलियों में पसरा कूड़ा 

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जबलपुर /सिहोरा :दीपावली का पर्व स्वच्छता का संदेश देने वाला है। इस त्यौहार के एक सप्ताह पहले से ही घरों-प्रतिष्ठानों में साफ-सफाई शुरू भी हो जाती है। जाहिर है, ऐसे में आम दिनों की अपेक्षा अधिक कूड़ा भी निकलता है लेकिन इसके निस्तारण के कोई अतिरिक्त इंतजाम नगरपालिका के पास नहीं है। नतीजा यह कि शहर में इन दिनों जगह-जगह सड़कों व गलियों में कूड़ा पसरा नजर आ रहा है।नगरपालिका के सफाई कर्मचारियों की मानें तो सामान्य दिनों से रोजाना पूरे नगरपालिका क्षेत्र में दो से तीन अधिक कचरा निकल रहा है। यह कूड़ा कचरा लोग सड़क व गलियों में ही रख देते हैं, जिसे बाद में नपा के सफाईकर्मी हटा ले जाते हैं। खास बात यह कि दीपावली से पहले सफाई के चलते कूड़ा निकलना तो बढ़ गया लेकिन सफाई का कोई अतिरिक्त इंतजाम नपा ने नहीं किया है। नतीजतन कूड़ा सड़कों व गलियों में पूरे दिन पसरा रह रहा है। डोर टू डोर कचरा कलेक्शन बंद होने के बाद नगर की सफाई व्यवस्था दिन प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है।लोग घरों के कचरे का सड़क पर ढ़ेर लगा देते हैं जिसे जानवर सड़क पर फैला देते हैं ।
*मन्दिर के सामने कचरे का अंवार*
वार्ड नंबर 5 सरावगी मोहल्ला स्थित हनुमान मंदिर के मुख्य द्वार के सामने हफ्तों से कचरे का अंबार लगा हुआ है जिसे जानवर सड़क पर फैला रहे हैं। बताया जाता है कि नगर पालिका के सफाई कर्मचारी संकीर्ण गलियों का कचरा हाथ कचरा वाहन से एकत्र कर मंदिर के समीप डम्प कर देते हैं जिसे बाद में ट्रैक्टर ट्राली के द्वारा हटाया जाता है लेकिन एक-एक सप्ताह तक कचरा नहीं उठने के कारण जानवर उसे पूरी सड़क पर फैला देते हैं जिस मंदिर आने जाने वाले लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
*वार्ड नंबर 8 में भी सफाई व्यवस्था बेपटरी*
वार्ड नंबर 8 बकरी के पीछे पूर्व पार्षद बालमुकुंद चौबे के निवास के पास की नाली की महीनों से सफाई न होने के कारण नाली में बड़े-बड़े पेड़ उग आए हैं स्थानीय लोगों की माने तो पूरी नाली कचरे से पति पड़ी हुई है वही बी एन कुररिया के निवास के सामने वाली गली में हफ्तों से सफाई न होने के कारण गंदगी का साम्राज्य स्थापित हो गया है।
*लगते हैं और गायब हो जाते हैं कूड़ेदान*
नगर की स्वच्छता पर लगे ग्रहण के लिए नगर की पालक संस्था के साथ-साथ स्थानीय नागरिक भी उतने ही जिम्मेदार हैं शहर को साफ-सुथरा रखने के लिये जगह-जगह कूड़ेदान लगाये गये। दो रंगों वाले प्लास्टिक के डिब्बों को लोहे के खम्भों पर टांगा गया, जिसमें से लाल रंग वाले डिब्बे में प्लास्टिक व हरे रंग वाले डिब्बे में सामान्य प्रकार के कूड़ों को डालने की व्यवस्था थी। हालांकि कुछ महीनों के अंदर ही सभी कूड़ेदान अपनी जगह से गायब हो गये। इसके बाद नमामी गंगे योजना के तहत लाखों रुपये की लागत से कूड़ेदान नपा की ओर से लगाये गये लेकिन देखते ही देखते वह भी लापता हो गये।

इनका कहना है
पर्व विशेष के चलते सफाई व्यवस्था दुरुस्त रखने तीन दर्जन अतिरिक्त सफाई कर्मचारी लगाए गए हैं। सरावगी मोहल्ला से प्रतिदिन कचरा संग्रहित किया जाता है लेकिन शाम तक पुनः ढेर लग जाता है।
शैलेंद्र ओझा
मुख्य नगर पालिका अधिकारी सिहोरा


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