कटनी कलेक्टर की बड़ी कार्यवाही,डीएव्ही कैल्डरीज पब्लिक स्कूल पर लगाया दो लाख का जुर्माना 

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सुग्रीव यादव कटनी :कलेक्टर अवि प्रसाद ने मध्यप्रदेश निजी विद्यालय फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन, नियम एवं अधिनियम तथा शासन द्वारा जारी निर्देशों का उल्लंघन किये जाने पर डी.ए.व्ही कैल्डरीज कटनी के शाला प्रबंधन के विरूद्ध 2 लाख रूपये की शास्ति अधिरोपित किया है। डी.ए.व्ही कैल्डरीज पब्लिक स्कूल शाला प्रबंधन को यह राशि 15 दिवस के अंदर जमा किया जाना अनिवार्य किया गया है। कटनी जिले के इतिहास में किसी भी शाला प्रबंधन के विरूद्ध कलेक्टर द्वारा जुर्माना किये जाने की यह अब तक सबसे बड़ी कार्यवाही है।कलेक्टर श्री प्रसाद की अध्यक्षता में आज बुधवार को आयोजित जिला समिति की बैठक में शाला प्रबंधन डी.ए.व्ही कैल्डरीज स्कूल के विरूद्ध कार्यवाही करने और उनके वरिष्ठ कार्यालय डी.ए.व्ही कॉलेज मैनेजिंग कमेटी को भी शाला प्रबंधन द्वारा पालकों पर अनावश्यक दवाब डालनें की सूचना के संबंध में जानकारी भेजने का निर्णय लिया गया। इसके पहले कलेक्टर की अध्यक्षता वाली जिला समिति ने डी.ए.व्ही शाला प्रबंधन की शिकायतों की जांच हेतु तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की थी और जांच समिति द्वारा प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन के आधार पर शाला प्रबंधन को बीते 30 अप्रैल को जिला समिति के समक्ष उपस्थित होकर अपना कथन प्रस्तुत करने निर्देशित किया गया था। इस दिन शाला प्रबंधन द्वारा जिला समिति के समक्ष दिये गए कथनों को जिला समिति ने मध्यप्रदेश निजी विद्यालय फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन नियम एवं अधिनियम तथा शासन के निर्देशों का उल्लंघन और पालन करना नहीं पाया । इस पर शाला प्रबंधन के विरूद्ध 2 लाख रूपये का जुर्माना किया गया है।

*मनमानी फीस वृद्धि*

शाला प्रबंधन द्वारा प्रस्तुत जवाब को जिला समिति ने असत्य मानते हुए विद्यालय प्रबंधन द्वारा प्रवेष शुल्क के नाम पर पांच हजार रूपये एवं प्रवेष फार्म के लिये एक हजार रूपये की मांग किये जाने के साक्ष्य के तौर पर पालकों से साफ्टवेयर अपडेट करने के नाम पर पुरानी रसीदें वापस मांगे जाने पर साक्ष्य के तौर पर विद्यालय प्रबंधन द्वारा पालकोें को भेजे गये मोबाईल मैसेज की प्रति प्रस्तुत की गई है। पालकों का कहना है कि शाला प्रबंधन समिति में हम में से किसी भी पालक को सम्मिलित नहीं किया गया है। समिति की बैठक कब की जाती है, इसकी हमें कोई सूचना प्राप्त नहीं होती है। विद्यालय द्वारा क्या निर्णय लिये गये उसमें हम पालकोें से केाई सहमति नहीं ली जाती। विद्यालय द्वारा की गई फीस वृद्धि मनमानी है।

*निजी प्रकाशको की किताबें*

विद्यालय में प्रचलित पुस्तकें एनसीईआरटी से भिन्न निजी प्रकाशकों की होती हैं, इनके स्कूल का खुद का पब्लिकेषन है उस पब्लिकेषन की किताबें हमें बेची जाती हैं, उनमें भी कुछ पुस्तकें डीएव्ही पब्लिकेषन एवं एनसीईआरटी से भिन्न प्राईवेट पब्लिकेषन की होती हैं। साक्ष्य के तौर पर धनपत राय पब्लिकेषन की गणित की किताब की छायाप्रति पालक द्वारा प्रस्तुत की गई। साथ ही मेरी पुत्री को क्लास में खड़ा करके फीस जमा करने एवं एडमिषन कराने कहा गया। जो स्कूल शिक्षा विभाग के निर्देश का उल्लंघन है।

*शिकायत वापस लेने का दवाब*

षिकायतकर्ताओं द्वारा लिखित आवेदन प्रस्तुत कर लेख किया गया कि डी.ए.व्ही. कैल्डरीज पब्लिक स्कूल कटनी द्वारा उनके विरूद्ध की गई षिकायत के संबंध में हमें शाला बुलाकर षिकायत वापस लेने हेतु दबाव बनाते हुये आवेदन पर जबरदस्ती हस्ताक्षर कराने हेतु दबाव बनाया गया है समिति द्वारा इसे भी संज्ञान में लिया गया।

*आर.टी.ई के छात्रों से प्रवेश शुल्क लेना*

शाला प्रबंधन द्वारा प्रस्तुत जवाब में कहीं भी इस बात का उल्लेख नहीं है कि कक्षा 8वीं में आर.टी.ई. के तहत कितने छात्र दर्ज हैं और कितने छात्रों को सीधे प्रवेष दिया गया है। इस संबंध में किसी प्रकार का प्रमाण जैसे कक्षा 9वीं की छात्र उपस्थिति पंजी जिसमेें उस कक्षा के छात्र, छात्रा का नाम अंकित रहता है आदि प्रस्तुत नहीं की गई। विद्यालय प्रबंधन द्वारा जिनसे 5000 रूपये प्रवेष शुल्क एवं 1000 रूपये रजिस्टेªषन फीस दिये जाने हेतु कहा गया है, जोकि षिकायतकर्ताओं द्वारा अपने कथन में लेख कर साक्ष्य प्रस्तुत किये गये हैं। साथ ही षिकायतकर्ताओं द्वारा लेख किया गया कि उन्हें षिकायत वापस लेने हेतु शाला प्रबंधन द्वारा दबाव बनाया गया। समिति ने इसे आपत्तिजनक और नियम विरूद्ध माना है।

*पोर्टल मे फीस अपलोड नहीं*

डीएव्ही शाला प्रबंधन द्वारा मध्यप्रदेश शासन स्कूल षिक्षा विभाग द्वारा मध्य प्रदेष निजी विद्यालय (फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन) अधिनियम-2017 एवं नियम 2020 के तहत शाला की सामान्य जानकारी तथा फीस संरचना पोर्टल में अपलोड करने के प्रावधान हैं, जिनका पालन शाला प्रबंधन द्वारा नहीं किया गया।जिला समिति की बैठक मे डी.ई.ओ पी.पीसिंह, जिला कोषालय अधिकारी अरविंद सिंह और संहायक संचालक शिक्षा राजेश अग्रहरी मौजूद रहे। समिति की बैठक में पालक, शिकायतकर्ताओं के द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों के आधार पर निर्णय लिया गया।

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