चुनावी बांड:बॉन्ड से किस पार्टी को मिला कितना चंदा?

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electoral bonds:चुनावी चंदा इस समय पूरे देश मे चर्चा का विषय बना हुआ है,चुनाव आयोग ने इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर नया डेटा रविवार को सार्वजनिक कर दिया। यह डेटा आयोग ने सीलबंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट को सौंपा था। कोर्ट ने बाद में आयोग से यह डेटा सार्वजनिक करने के लिए कहा था। माना जा रहा है कि ये विवरण 12 अप्रैल, 2019 से पहले के हैं। 12 अप्रैल, 2019 को सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश के निर्देशानुसार राजनीतिक दलों ने सीलबंद कवर में चुनावी बॉन्ड पर डेटा दाखिल किया था। नई जानकारी के मुताबिक, BJP को 2018 में चुनावी बॉन्ड योजना के लागू होने के बाद से इनके जरिए सबसे ज्यादा 6,986.5 करोड़ रुपये मिले। इसके बाद पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस (1,397 करोड़ रुपये), कांग्रेस (1,334 करोड़ रुपये) और तेलंगाना की पार्टी बीआरएस (1,322 करोड़ रुपये) का नंबर रहा। बॉन्ड से DMK को 656.5 करोड़ रुपये मिले। इनमें से 509 करोड़ वह राशि है जो ‘फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज’ ने उसे दान दी। DMK डोनर्स की पहचान का खुलासा करने वाले कुछ राजनीतिक दलों में से एक है। BJP, कांग्रेस, TMC और AAP जैसे प्रमुख दलों ने आयोग को इनकी जानकारी नहीं दी है।

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बॉन्ड से किस पार्टी को मिला कितना चंदा
पार्टी                 राशि करोड़ रुपये में
BJP                    6,986.5
TMC                  1,397
कांग्रेस                  1,334
‌BRS                   1,322
BJD                    944.5
DMK                 656.5
YSR कांग्रेस          442.8
JDS                     89.75

बॉन्ड को लेकर हुआ घोटाला,कांग्रेस 

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वहीं कांग्रेस ने आरोप लगाया कि इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए बीजेपी ने काले धन को अपने अकाउंट में भेजा। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने रविवार को कहा कि स्कीम का सबसे ज्यादा फायदा बीजेपी को ही मिला। ‘चंदा दो, धंधा दो’ के रास्ते के जरिए कई बड़ी कंपनियों ने भारी चंदा दिया और उसके बाद उन्हें बड़े ठेके मिले। दूसरे तरीके के तौर पर ईडी, आयकर विभाग और सीबीआई जैसी जांच एजेंसियों का दुरुपयोग किया गया। पहले कंपनियों पर रेड डाली गई। उसके बाद उन कंपनियों ने भारी रकम चंदे के तौर पर दी। जयराम ने कहा कि बॉन्ड घोटाले के तीसरे तरीके के तहत सरकार ने रिश्वत दो, कॉन्ट्रैक्ट लो का रास्ता अपनाया।

 

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