मोक्षदा एकादशी की पौराणिक कथा,इस दिन  अपनाएं ये आसान उपाय

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ज्योतिषचार्य, निधिराज त्रिपाठी :पौराणिक कथा के अनुसार, प्राचीन काल में गोकुल नामक का एक नगर था, जहां वैखानस नामक एक धर्मनिष्ठ राजा राज करते थे। राजा वैखानस अपनी प्रजा का अत्यंत ध्यान रखते थे और न्यायप्रिय, धर्मपरायण तथा परोपकारी राजा थे। उनके राज्य में लोग सुखी और संतुष्ट थे। राजा स्वयं भी धार्मिक कर्मों का पालन करते थे और वेदों में गहरी आस्था रखते थे।

एक दिन राजा वैखानस ने एक बुरा सपना देखा। सपने में उन्होंने अपने पिता को नरक में अत्यधिक कष्ट सहते हुए देखा। यह दृश्य देखकर राजा बहुत दुखी और व्याकुल हो गया। राजा ने अपने दरबार के सभी विद्वान पंडितों और ज्योतिषियों को बुलाया और स्वप्न के बारे में चर्चा की। उन्होंने सभी से पूछा कि उनके पिता नरक में क्यों कष्ट भोग रहे हैं और इस समस्या का समाधान कैसे हो सकता है। लेकिन कोई भी विद्वान इस प्रश्न का सटीक उत्तर नहीं दे सका। तब मंत्रियों ने राजा को सुझाव देते हुए बताया कि वे पर्वत मुनि के आश्रम जाकर उनसे सहायता मांगे। व उनकी जरूर मदद करेंगे।मंत्रियों की बात सुनकर राजा मुनि के आश्रम पहुंचे और उनसे अपने सपने के बारे में बताया। तब राजा पर्वत मुनि के पास गए और वहां उन्होंने पूरी बात बताई। पर्वत मुनि ने राजा को बताया कि ‘राजन! आपके पिता पूर्वजन्म के पापों के कारण नरक में कष्ट भोग रहे हैं। लेकिन उनके उद्धार और मोक्ष के लिए एक उपाय है। पर्वत मुनि ने कहा, “तुम मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी, जिसे मोक्षदा एकादशी कहा जाता है, का विधिपूर्वक व्रत और पूजन करो। इस व्रत से तुम्हारे पिता को नरक से मुक्ति मिल जाएगी और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होगी।” राजा वैखानस ने पर्वत मुनि के निर्देशानुसार मोक्षदा एकादशी का व्रत रखा। व्रत के प्रभाव से उनके पिता को नरक से मुक्ति मिली और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति हुई।

मोक्षदा एकादशी पर अपनाएं ये आसान उपाय

मोक्षदा एकादशी पर कुछ विशेष ज्योतिषीय उपाय करने से व्यक्ति को जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति होती है। पितरों की आत्मा की शांति के लिए भी इस दिन किए गए उपाय बेहद प्रभावशाली माने जाते हैं। आइए जानते हैं इन उपायों के बारे में:

सुख सौभाग्य के लिए
सुख-समृद्धि के लिए मोक्षदा एकादशी के दिन सुबह पीपल के पेड़ के पास जाकर उसकी पूजा करें। पेड़ पर जल अर्पित करें और दीपक जलाएं। साथ ही, पीपल के पेड़ की 7 बार परिक्रमा करें और मन में भगवान विष्णु का स्मरण करें।

मानसिक शांति के लिए
चंद्रमा की स्थिति को मजबूत करने के लिए मोक्षदा एकादशी पर चांदी का एक छोटा टुकड़ा बहते पानी में प्रवाहित करें। इससे मानसिक शांति और स्थिरता प्राप्त होती है।
सकारात्मक ऊर्जा के लिए
इस दिन अपने घर में श्री यंत्र की स्थापना करें और उसकी विधिवत पूजा करें। श्री यंत्र को शुभ माना जाता है और इसके पूजन से धन-समृद्धि और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। साथ ही, घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

आर्थिक समस्याओं के लिए
मोक्षदा एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा के साथ माता लक्ष्मी की आराधना करें। विष्णु और लक्ष्मी का संयुक्त पूजन करने से धन की वृद्धि होती है और आर्थिक समस्याओं से छुटकारा मिलता है।

पितरों के आशीर्वाद के लिए
पितरों की आत्मा की शांति और मोक्ष प्राप्ति के लिए इस दिन पिंडदान और तर्पण करें। यह उपाय करने से पितरों की कृपा प्राप्त होती है और परिवार में सुख-शांति का वातावरण बनता है। इसके अलावा, तिल, कुशा और जल से तर्पण करना भी शुभ माना जाता है।

राहु-केतु के दोषों से मुक्ति पाने के लिए
यदि आपकी कुंडली में राहु-केतु से जुड़े दोष या समस्याएं हैं, तो इस दिन भगवान शिव की पूजा करें और “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें। इसके साथ ही, राहु-केतु के दोषों से बचने के लिए शनिवार को काले तिल और सरसों का तेल दान करें।

स्वस्थ जीवनशैली के लिए
इस दिन गाय को गुड़ और रोटी खिलाना बहुत शुभ माना जाता है। यह उपाय जीवन में सुख-समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य का प्रतीक है। इसके अलावा, गाय को हरा चारा खिलाने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और व्यक्ति सभी समस्याओं से राहत पाता है।

नवग्रह शांति के उपाय
यदि आपकी कुंडली में ग्रहों की स्थिति प्रतिकूल है, तो इस दिन नवग्रह शांति के लिए उपाय करें। नवग्रह यंत्र की पूजा करें और हर ग्रह के लिए विशेष मंत्र का जाप करें।

पितरों की आत्मा की शांति के लिए
मोक्षदा एकादशी के दिन गरीबों और जरूरतमंदों को दान करना बहुत शुभ माना जाता है। चावल, आटा, कपड़े, और धन का दान करें। इसके अलावा, दान-पुण्य जरूर करें। इससे पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।

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