यज्ञ और कथा_पुराण के लिए विशेष लाभदाई है खरमास

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स्लीमनाबाद_ खरमास का आगाज 14 मार्च से हो गया है जो 13 अप्रैल तक चलेगा।खरमास मैं सनातन धर्म के सोलह संस्कारों सहित संपत्ति,वाहन क्रय और नए कार्य शुरू करने की मनाही ।लेकिन इस खरमास मैं भी भगवान कृष्ण और शंकर की आराधना जारी रहेगी।क्योंकि फाल्गुन मास मैं भगवान श्रीकृष्ण और शिव पूजन का विशेष महत्व है।
खरमास मैं कथा _पुराण,यज्ञ_हवन व अन्य धार्मिक कार्य वर्जित नही है।खरमास में भागवत कथा वाचन-श्रवण, ध्यान, मंत्र जाप, पूजा-पाठ , शिव पूजन, धार्मिक अनुष्ठान, दान और पवित्र नदियों में स्नान का विशेष महत्व है।  इस माह में किए गए धर्म-कर्म से मानसिक अशांति दूर हो सकती है।
साथ ही खरमास में शादी-विवाह करने से दाम्पत्य जीवन में सुख नहीं रहता। उपनयन संस्कार, अन्नप्रासन सहित अन्य संस्कार भी नहीं होते।किंतु खरमास में व्रत, तप, ध्यान,पूजन, अनुष्ठान, हवन,यज्ञ व अन्य धार्मिक गतिविधियां पुण्यकारी मानी जाती हैं।

स्लीमनाबाद तहसील क्षेत्र मै जगह जगह हो रहे आयोजन_

खरमास मैं स्लीमनाबाद तहसील क्षेत्र के दर्जनों गांवों मैं कथा _पुराण,यज्ञ_हवन का कार्यक्रम चल रहा है।जहां श्रद्धालु पहुंचकर धर्म लाभ अर्जित कर रहे है ।डुडसरा के भटिया मै विराजित हनुमान मंदिर मै सप्ताह ज्ञान यज्ञ चल रहा है!
जहाँ श्रीमद भागवत कथा का वाचन संत ब्रह्मनंद दास जी महाराज के मुखारविंद से किया जा रहा है!वही 20 मार्च गुरुवार से पौड़ी मैं श्रीविष्णु महायज्ञ आयोजित होगा!

 

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