विवादित दस्तावेज सहित उनके परीक्षण सम्बंधी दी गयी जानकारी

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जबलपुर :पुलिस अधीक्षक जबलपुर  आदित्य प्रताप सिंह के मार्गदर्शन में आयोजित कार्यशाला में ‘‘विवादित दस्तावेज एवं उनके परीक्षण’’ के सम्बंध में अनुसंधानकर्ता अधिकारियों को  प्रशिक्षण दिया गया।इस कार्यशाला में क्यू.डी. शाखा , अ.अ.वि. पुलिस मुख्यालय, भोपाल के उप पुलिस अधीक्षक एस.के. वर्मा द्वारा पावर प्वांईंट प्रजेन्टेशन के माध्यम से ‘‘विवादित दस्तावेज एवं उनके परीक्षण’’ सम्बंधी जानकारी दी गई।

कंट्रोल रूम में हुई कार्यशाला 

पुलिस कन्ट्रोलरूम जबलपुर में पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह (भा.पु.से.)* के मार्गदर्शन में क्यू.डी. शाखा, अ.अ.वि. पुलिस मुख्यालय, भोपाल के उप पुलिस अधीक्षक  एस.के. वर्मा द्वारा कार्यशाला में पावर प्वाईंट प्रजेन्टेशन के माध्यम से विवादित दस्तावेज परीक्षण हेतु अनुसंधानकर्ता अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया।कार्यशाला में अति. पुलिस अधीक्षक शहर  प्रियंका शुक्ला (भा.पु.से.), अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (शहर दक्षिण)  कमल मौर्य, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर (उत्तर/यातायात)  प्रदीप कुमार शेण्डे, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) सूर्यकांत शर्मा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण  सोनाली दुबे , नगर पुलिस अधीक्षक कोतवाली रीतेश कुमार शिव, नगर पुलिस अधीक्षक ओमती पंकज मिश्रा, नगर पुलिस अधीक्षक केैंट  उदयभान बागरी, थाना प्रभारी मदनमहल, बेलबाग, सिविल लाईन, रांझी, घमापुर, खमरिया, गोहलपुर, हनुमानताल, कैंट तथा थानों में पदस्थ 75 उप निरीक्षक/सहायक उप निरीक्षक उपस्थित रहे।

क्या है पावर प्वाईंट प्रजेन्टेशन

उप पुलिस अधीक्षक एस.के. वर्मा ने पावर प्वाईंट प्रजेन्टेशन के माध्यम से बताया कि वह दस्तावेज जिस पर विवाद उत्पन्न हो विवादित दस्तावेज कहलाता है, मृत्यु पूर्व पत्र, जाली चैक, जाली रजिस्ट्री, हिसाब में गडबड़ी कर शासकीय सम्पत्ति का गबन, किसी अन्य व्यक्ति के हस्ताक्षर/ हस्ताक्षरों का उपयोग करना इत्यादि विवादित दस्तावेजों की श्रेणी में आते हैं।

मानक (स्टेण्डर्ड) लेख दो प्रकार के होते है :-

1-स्वाभाविक (नेचुरल) लेख- इन दस्तावेजों को अनुसंधानकर्ता अधिकारी द्वारा आवश्यक रूप से एकत्रित करने का प्रयास करना चाहिये एवं उन व्यक्तियों से जो इस लिखावट को पहचानते है प्रमाणित करना चाहिये ताकि इनकी विश्वसनीयता संदिग्ध न हों।
2- नमूना (स्पेशिमेन) लेख- इस प्रकार के लेख अनुसंधानकर्ता अधिकारी द्वारा संदेही व्यक्ति से लिखवाये जाते है।जांच एवं अनुसंधान के दौरान पाये जाने वाले सभी दस्तावेज विवादित नहीं होते है। दस्तावेज कई तरह से अलग-अलग कारणों से विवदित हो सकता है।
भोपाल स्थित क्यू.डी. शाख में दस्तावेजों पर विवादित हस्ताक्षर, विवादित लिखावट, अंकों व शब्दों के परिवर्तन या परिवर्धन, की जांच के साथ साथ झुलसे हुये दस्तावेजों का पुर्नस्थापन एवं पढना, कूडेदान अथवा खुले स्थान में मिले, फाडे गये दस्तावेजों के टुकडों की, दीवारों, पत्थर, फर्श, कपडे, शरीर पर लिखे हुये लेखों की जांच की जाती है।
आपने बताया कि प्रकरण में जप्त सभी दस्तावेज परीक्षण हेतु न भेजकर, अति आवश्यक कम से कम विवादित दस्तावेज, जो प्रकरण सिद्ध करने में सहायक को ही परीक्षण हेतु भेजा जावे।


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