आर्थिक मदद के लिए बैतूल की सड़कों पर भटक रही उच्च शिक्षित विवाहित महिला

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राजेश मदान बैतूल । निजी स्वार्थ और भागमभाग से भरी इस दुनियाँ में गरीबी और लाचारी एक बहुत बड़ा अभिशाप है जब निजी स्वार्थ के चलते कोई अपना जब अपने सगे संबंधियों का त्याग कर देता है तो मन को जितनी पीड़ा होती है उसका शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता। खंजनपुर निवासी ऐसी ही एक लाचार महिला है शुभांगी प्रजापति। जो विवाहित है और शारीरिक तथा आर्थिक रूप से कमजोर भी है। उसका पति भी उसे छोड़कर बैतूल की इंदिरा कॉलोनी में रहता है। इसका एक तीन वर्षीय बेटा भी है जिसे वह खंजनपुर स्थित पड़ोसियों के निवास पर छोड़कर शहर में व्यापारियों और आम जनता से मदद की गुहार लगाकर किसी तरह अपनी गुजर बसर कर रही है। शुभांगी बताती है कि वह सांसद, विधायक, कलेक्टर आदि सभी से मिलकर गुहार लगा चुकी है लेकिन अभी तक शासन प्रशासन की ओर से कोई आर्थिक मदद प्राप्त नहीं हुई है एक बार विधायक हेमंत खंडेलवाल जी ने दो हजार रुपए की आर्थिक मदद अवश्य की थी। किंतु अन्य किसी राजनेता या प्रशासनिक अधिकारी ने कोई मदद नहीं की। बहुत जगह काम की तलाश भी की लेकिन शारीरिक रूप से कमजोर व अस्वस्थ होने से कोई काम पर भी नहीं रखता ऐसे में भला किससे उम्मीद करें। शुभांगी ने कलेक्टर एवं जनप्रतिनिधियों आदि से उसके बेहतर ईलाज एवं आर्थिक समस्या का समाधान कर मदद की गुहार लगाई है।


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