हार्वेस्ट्रा को आने देते सरकार तो शायद न होता इतना नुकसान

अरविंद हल्दकार बहोरीबंद:असमय हुई बरसात से धान की फसलों में हुए नुकसान को लेकर किसानों के माथे में चिंता की लकीरें खिंच गई है,किसानो ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि हार्वेस्ट्रा के आने पर यदि कटनी जबलपुर जिलों मे रोक न लगी होती तो आधी फसल किसानो की कट चुकी होती उन्होंने ये भी कहा ,जिस तरीके पराली जलाने से रोकने के लिए ड्रोन से सर्वे कर के देखते है क्या अधिकारि पानी से खराब हुई धान की फसल की निगरानी भी ड्रोन से सर्वे कर के मुआवजा दिलवायेंगे ।ग्राम राखी जुझावल,तेलेहरी, निमास, नीमखेड़ा, पिपरिया कुआ के किसानों ने बताया कि उन्होंने अपनी पूरी मेहनत और पूंजी लगाकर धान की फसल तैयार की थी, लेकिन लगातार वर्षा से सारी फसल बर्बाद हो गई। किसानों का कहना है कि प्रशासनिक अधिकारी आये और सर्वे कर के किसानो को मुआवजा दिलवाये।

किसानों की मेहनत में फिर गया पानी
वही जुजावल के किसानों ने बताया हमारी सारी मेहनत पर पानी फिर गया है। अब हम क्या करें, कहाँ जाएँ? अधिकारी अभी तक देखने तक नहीं आए। अगर फसल का सर्वे नहीं होगा तो मुआवज़ा कैसे मिलेगा?”
अब किसानों को मामा से आस
किसानों का कहना है कि सरकार बार-बार किसानों के साथ खड़े रहने की बात करती है, लेकिन जब वास्तव में संकट आता है, तो प्रशासन मौन हो जाता है। अब देखना यह है कि क्या जिला प्रशासन और मध्यप्रदेश सरकार इन किसानों की मदद के लिए आगे आती है या फिर किसान एक बार फिर भगवान भरोसे छोड़ दिए जाएंगे। किसानों की अपील है की किसानों के हितेसी मामा कहा गये का गाना गा कर केंद्रीय कृषि मंत्री जो पूर्व मध्यप्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री थे उनसे पुकार लगाई है अब किसानों को मामा से आस हैं।
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