सच्ची भक्ति से ही की जा सकती है भगवान की प्राप्ति,मित्रता मैं नही होनी चाहिए छल-कपट की भावना
(सुग्रीव यादव )स्लीमनाबाद : ग्राम पंचायत राम पाटन मैं चल रहे सप्ताह ज्ञान यज्ञ का शुक्रवार को समापन हो गया।
सप्ताह ज्ञान यज्ञ के अंतिम दिवस श्रीकृष्ण-सुदामा चरित्र की कथा पर प्रकाश डाला गया।सप्ताह ज्ञान यज्ञ के अंतिम दिन कथा वाचक सिद्धेश्वर धाम प्रमुख आकर्षण महाराज के द्वारा उपस्थित जनमानस को बतलाया की श्रीकृष्ण का नाम अनमोल है।यदि पापी भी श्रीकृष्ण का नाम लेता है तो उसे सद्गति मिल जाती है।जिसके ह्दय मैं प्रभु के प्रति भाव जागते है वही लोग प्रभु की कथा मैं शामिल होते है।श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण कर उसके उपदेश को जीवन मैं उतारे तभी कथा की सार्थकता है।भगवान का आगमन सदैव धर्म की रक्षा के लिए हुआ है।श्रीमद्भागवत कथा हमे समाज के संस्कार ,अच्छे बुरे की पहचान सिखाती है।सच्ची भक्ति से ही भगवान की प्राप्ति की जा सकती है।
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मित्रता हो तो श्रीकृष्ण सुदामा जैसी-
शुक्रवार को संगीतमय कथा मैं श्रीकृष्ण-सुदामा मित्रता का प्रसंग सुनाया गया।कथा वाचक ने कहा कि सच्ची मित्रता के लिए कृष्ण सुदामा की मित्रता का उदाहरण दिया जाता है। द्वारपाल के मुख से सुदामा सुनते ही द्वारिकाधीश नंगे पांव मित्र की अगवानी करने पहुंच गए। लोग समझ नहीं पाए कि आखिर सुदामा में क्या खासियत है कि, भगवान खुद ही उनके स्वागत में दौड़ पड़े। श्रीकृष्ण ने स्वयं सिंहासन पर बैठाकर सुदामा के पांव पखारे। कथा सुनकर श्रद्धालु भाव विभोर हो उठे।देर शाम हवन यज्ञ पूर्णाहुति हुई।शनिवार को विशाल भंडारा आयोजित किया गया।जहां बड़ी संख्या मैं लोगो ने पहुंचकर प्रसाद ग्रहण किया।रविवार को दाधिकंधोत्सव आयोजन होगा।इस दौरान बड़ी संख्या मैं लोगो की उपस्थिति रही।
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