सिहोरा में महिला की हुई अंधी हत्या का खुलासा,महिला को मौसी बोलता था महिला को मौत के घाट उतारने वाला
जबलपुर :जिसको मौसी बोलता था उसी महिला को रुपये न देने पर बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया,पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार करते हुए न्यायालय में पेश किया जहां से उसे जेल भेज दिया गया है।बताया जा रहा है की मृतिका ब्याज पर रुपये चलाती थी और आरोपी ब्याज के रूपयों की वसूली करता था,वहीं आरोपी ने महिला से 1 लाख रुपये मांगे और जब महिला ने रुपये देने से मना कर दिया तो आरोपी ने महिला को मौत के घाट उतार दिया।
क्या है पूरा मामला
मामला सिहोरा थाना का है जब थाना सिहोरा में दिनंाक 24-8-24 की रात्रि वार्ड नम्बर 4 सिहोरा में एक महिला को सिर में चोट लगने से मृत अवस्था में शासकीय अस्पताल लाये जाने की सूचना पर पहुॅची पुलिस को राजेन्द्र उर्फ गुड्डू श्रीवास्तव उम्र 55 वर्ष निवासी वार्ड नम्बर 4 बल्ले मोर अखाड़ा सिहोरा ने बताया कि उसके मकान से लगा हुआ उसकी बड़ी बहन चंदा श्रीवास्तव उम्र 57 वर्ष का मकान है उसकी बड़ी बहन की एक बेटी नंदनी श्रीवास्तव उम्र 30 वर्ष है जो अपने ससुराल में रहती है बड़ी बहन घर मे अकेली रहती थी जो दोनों टाईम उसे खाना देती थी दिनंाक 24-8-24 को सुवह लगभग 10 बजे बड़ी बहन के यहां पोहा खाकर झंडा बजार गया था दोपहर मे खाना नहीं खाया था रात लगभग 9 बजे वह अपनी बड़ी मम्मी सरोज श्रीवास्तव के घर पर था दस मिनिट बैठने के बाद अपनी बड़ी मम्मी की बेटी के साथ अपनी बड़ी बहन चंदा श्रीवास्तव के घर गया तो सामने से दरवाजा बद था उसकी बड़ी मम्मी की बेटी मोना श्रीवास्तव गेट खोली और दोनेां घर के अंदर गये देखा उसकी बड़ी बहन चंदा श्रीवास्तव पंलग के बाजू से फर्स पर पड़ी थी, सिर में 2-3 जगह चोट लगने से खून निकल रहा था उसने एवं मोना ने चिल्लाया तो उसके चाचा के लड़के अनुज तथा पड़ौसी मुबारक, आयुष यादव आये बहन चंदा श्रीवास्तव केा शासकीय अस्पताल सिहोरा उपचार हेतु ले गये डाक्टर ने चैक कर बहन श्रीमती चंदा श्रीवास्तव उम्र 57 वर्ष को मृत घोषित कर दिया। सूचना पंर पंचनामा कार्यवाही कर शव केा पीएम हेतु भिजवाते हुये मर्ग कायम कर जांच में लिया गया।
शार्ट पीएम रिपोर्ट में मृतिका की मृत्यु सिर में ठोस वस्तु से गम्भीर चोट आने के कारण मृत्यु होना लेख गया गया है। प्राप्त शार्ट पीएम रिपोर्ट एवं परिस्थति जन्य साक्ष्य पाये जाने पर अज्ञात के विरूद्ध धारा 103(1) भा.न्या.संहिता का अपराध पंजीबद्ध कर प्रकरण विवेचना में लिया गया।
ऐसे हुआ खुलासा
वहीं पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह (भा.पु.से.)* द्वारा पतासाजी कर आराोपी की शीघ्र गिरफ्तारी हेतु आदेशित किये जाने पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण सूर्यकांत शर्मा , तथा एसडीओपी सिहोरा पारूल शर्मा कें मार्गदर्शन में थाना प्रभारी सिहोरा विपिन बिहारी सिंह के नेतृत्व में टीम गठित कर लगायी गयी।गठित टीम को पतासाजी पर ज्ञात हुआ कि चंदा श्रीवास्तव ब्याज से रूपये चलाती थी जिसकी वसूली पडौसी विकास उर्फ मोना त्रिपाठी करता था विकास उर्फ मोना का चंदा श्रीवास्तव के घर आना जाना था।
एक लाख रुपये के लिए हथौड़ी से कर दी थी हत्या
वहीँ पुलिस ने संदेही विकास उर्फ मोना त्रिपाठी उम्र 32 वर्ष निवासी बल्ले मोर अखाडा के पीछे सिहोरा को अभिरक्षा मे लेते हुये पूछताछ की जिसने श्रीमति चंदा की हत्या करना स्वीकार करते हुये बताया कि मौसी चंदा बाई ब्याज पर रूपये चलाती थी जिसके पैसों की वह वसूली करता था, उस पर काफी कर्जा हो गया था उसे रूपयो की जरूरत थी, । दिनॉक 24-8-24 को दोपहर के समय मौसी चंदा बाई के घर जाकर 1 लाख रूपये मांगा, तो मौसी चंदा बाई ने रूपये देने से मना कर दिया, लालच में आकर वह अपने घर से लोहे की हथौडी लेकर चंदा मौसी के घर पहुंचा एवं जान से मारने की नीयत से चंदा मौसी पर हथौडी से हमला कर सिर मे चोट पहुंचा दी, मौसी के सिर से खून निकलने लगा मौसी वही फर्श पर गिर गयी, तो चंदा मौसी के गले से सोने की चेन तथा कान के टाप्स निकालकर, मौसी के घर के दरवाजे को बाहर से बंद कर अपने घर चला गया था।
आरोपी पहुँचा जेल
वहीं आरोपी की निशादेही पर मृतिका की सोने की चेन एवं कान के टाप्स तथा घटना में प्रयुक्त हथौडी, घटना के वक्त पहने हुये कपडे, जप्त करते हुये आरोपी को प्रकरण मे विधिवत गिरफ्तार करते हुये मान्नीय न्यायालय के समक्ष पेश करते हुये न्यायिक अभिरक्षा मे जेल भेज दिया गया।
*उल्लेखनीय भूमिका:
24 घंटे के अंदर अंधी हत्या हत्या का खुलासा कर आरोपी को पकडने में थाना प्रभारी सिहोरा विपिन बिहारी सिंह, उप निरीक्षक पी.एस. धुर्वे, उप निरीक्षक विनोद बागरी, उप निरीक्षक पुष्कर मिश्रा, उप निरीक्षक ज्योति खैरवार, सहायक उप निरीक्षक रामा सिंह धुर्वे, प्रधान आरक्षक ओमप्रकाश, मुकेश राजपूत, आरक्षक गणेश्वर, संतकुमार, संजीत मेश्राम, राजीव सिंह, परमजीत यादव, राजेश पटेल, राजेश यादव, देवराज, चंदन, शुभम मिश्रा, सुनील कौशल की सराहनीय भूमिका रही।
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