स्लीमनाबाद असाठी मैरिज गार्डन मै हुआ बड़े आकार का सिंकहोल,रात में अचानक धंसी टनल के ऊपर की मिट्टी

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सुग्रीव यादव स्लीमनाबाद- बरगी व्युत्पर्जन परियोजना के तहत स्लीमनाबाद मे 12 किलोमीटर अंडर ग्राउंड टनल बनाई जा रही है!जिसमें अप व डाउन स्ट्रीम की ओर खुदाई कार्य स्लीमनाबाद समीप पहुंच गया है!लेकिन आये दिन हो रहे सिंक होल की समस्या से अब रहवासी परेशान है!गुरुवार की रात करीब 12 बजे अचानक स्लीमनाबाद असाठी मैरिज गार्डन मे बड़े आकार का सिंकहोल हो गया!मिट्टी के धसकने की आवाज सुन वहां पर सो रहे कर्मचारी उठकर भागे।तब पता चला कि मिट्टी धसकी है।गनीमत रही की शादी का मुहूर्त नही था अन्यथा गंभीर घटना घटित हो सकती थी।बड़े आकार का सिंक होल होने की स्थिति से अब रहवासी सकते मैं आ गए उन्हें अब डर सता रहा है कि यदि इस प्रकार से सिंकहोल होने का क्रम आगामी समय रहा तो फिर निवास करना खतरों से खाली नही रहेगा।क्योंकि आगे बस्ती की ओर ही टनल खुदाई कार्य बढ़ेगा!हालांकि सुबह जब एनवीडीए के अधिकारियो को सिंकहोल होने की जानकारी दी गई तो उनके द्वारा सिंकहोल को मिट्टी व मुरम डलवाकर पूर्ण कर दिया गया!ग्राउटिंग में करोड़ो का खेल ,दहशत में स्थानीय लोग-
टनल निर्माण कार्य बेहद सुरक्षित तरीके से कराए जाने की शर्त के साथ एनवीडीए के द्वारा ठेका दिया गया था लेकिन बनने के साथ ही ऊपर से खतरनाक ढंग से मिट्टी धसकने का क्रम शुरू हो गया।अब तक करीब 20 जगह सिंक होल बन चुके है।जिसको आधार बनाकर विभाग ने अनुबंध के विपरीत  ग्राउंड ग्राउटिंग के लिए नया ठेकेदार तैनात कर 10 करोड़ रुपए खर्च कर दिए।लेकिन अभी भी सिंक होल बनने में रोक नहीं लग पाई है।अकेले स्लीमनाबाद के आसपास 5 सिंक होल हो चुके हैं जिनमे 2 लोगो के घर भी जमीदोज हो गए।यह हाल तब है जबकि अभी आबादी बस्ती से टनल गुजरना बाकी है।लोगों का कहना है कि ग्राउंड ग्राउटिंग के नाम पर 10 करोड़ रुपए कागजों में खर्च दिखाकर बंदरबांट कर लिए गए है।जिसके कारण लगातार सिंक होल बनने का सिलसिला नहीं थम रहा है।

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विभागीय और निर्माण एजेंसियों की हीलाहवाली

करीब 12 किलोमीटर लंबाई की टनल पिछले 16 सालों से प्रोजेक्ट की राह में रोड़ा बनी हुई है।यह कार्य ठेकेदार को 40 महीने में पूर्ण करना था,लेकिन 16 साल गुजरने के बाद भी पूरा नहीं हुआ है।अभी भी करीब 1250 मीटर टनल बाकी है।इतना लम्बा समय गुजरने के पीछे विभागीय अधिकारियों की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में है जो बार बार समयवृद्धि और दर वृद्धि देकर ठेकेदार को उपकृत कर रहे है।कमीशन बाजी के खेल में ठेके की लागत दो गुनी हो चुकी है।इधर दो ठेकेदारों के बीच पैसों और काम को लेकर एक साल से जारी खींचतान ने प्रोजेक्ट को गर्त में ला दिया है।मिली जानकारी के मुताबिक मुख्य ठेकेदार पटेल इंजीनियरिंग ने डाउन स्ट्रीम में टनल निर्माण का काम 7 साल पहले रॉबिंस कंपनी को सौप दिया था।लेकिन पिछले साल टीबीएम बिगड़ने के बाद सुधार की प्रक्रिया में सहयोग करने से न केवल हाथ खींच लिए बल्कि बिगड़ी हुई टीबीएम के बाहर निकालने के लिए विभागीय अधिकारियों से मिलीभगत कर पक्के सॉफ्ट निर्माण का काम हासिल कर इसे ठप्प कर दिया।करीब 8 महीने बाद सॉफ्ट नही बनाया गया।जिससे न मशीन ऊपर आ सकी और न ही इसके सुधार की कोई गुंजाइश बन रही है।जिससे पेटी ठेकेदार उलझकर रह गया है। नया काम जुड़ने से मुख्य ठेकेदार और अधिकारियों की मौज हो गई है,भले प्रोजेक्ट गर्त में जा रहा है।

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डाउन स्ट्रीम टीबीएम एक साल से बंद,इधर अप स्ट्रीम की भी बंद –
टनल निर्माण का कार्य दो टनल बोरिंग मशीन से किया जा रहा है!लेकिन इसमें से डाउन स्ट्रीम की टीबीएम पिछले एक साल से अधिक समय 10 जून 2023 से बिगड़ी पड़ी है।जिसमे अब तक सुधार नहीं किया गया।इधर अप स्ट्रीम की टीबीएम भी हिचकोले खाकर बोल गई है।जिसकी रिपेयरिंग में करीब चार माह का समय लग सकता है।इसका मतलब है की टनल निर्माण का काम अगले चार माह तक पूरी तरह ठप्प रहना निश्चित है। ऐसे में टनल के इस साल के आखरी तक पूर्ण होने के विभागीय दावे खोखले साबित होना तय है।अंडर ग्राउंड टनल कार्य पूर्ण न होने के कारण कटनी, मैहर, सतना के साथ रीवा जिले के लाखों किसानों और कटनी शहर के लोगों को पानी का इंतजार करना पड़ रहा  है।जिनको दस साल पहले पानी मिल जाना था लेकिन अभी अगले साल तक इसकी उम्मीद नजर नहीं आ रही है।

इनका कहना है – सहज श्रीवास्तव कार्यपालन यंत्री एनवीडीए

टनल खुदाई के दौरान सिंक होल होने की समस्या आती है ये आम बात है!

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