राजस्व कोर्ट की वीडियो कॉल पर सुनवाई, व्हाट्सएप पर मिलेगी आदेश की प्रति

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कटनी/स्लीमनाबाद(सुग्रीव यादव ); नए साल में बहोरीबंद राजस्व अनुभाग की स्लीमनाबाद व बहोरीबंद तहसील साइबर तहसील बन जाएगी। अविवादित नामांतरण और बंटवारे के प्रकरणों को आसानी से निपटाने के लिए साइबर तहसील का गठन किया गया है। अब लोगों को नामांतरण, बंटवारे के प्रकरणों के लिए तहसील कार्यालय जाने की जरूरत नहीं होगी। वीडियो कॉल पर राजस्व कोर्ट की सुनवाई होगी और ऑनलाइन आवेदन पर व्हाट्सएप पर दस्तावेज की ई-कॉपी मिल जाएगी। इससे जनता को राहत मिलेगी, वहीं पटवारियों की तरफ से बेवजह लटकाकर रखे जाने वाले अविवादित आवेदन जल्द निपटेंगे। इसके दो फायदे होंगे, एक तो लोगों का तय समय सीमा में काम होगा, दूसरा तहसीलों में भ्रष्टाचार पर कुछ हद तक लगाम कसी जा सकेगी।

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ये रहेगी प्रक्रिया-
स्लीमनाबाद तहसीलदार संदीप ठाकुर ने जानकारी देते हुए बताया कि रजिस्ट्री होने के बाद नामांतरण के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे, इसके बाद आरसीएमएस पोर्टल पर प्रकरण दर्ज होने की सूचना मिलेगी। स्वचालित प्रणाली द्वारा विज्ञापन का प्रकाशन किया जाएगा। इसके बाद सारा एप पर पटवारी ऑनलाइन प्रतिवेदन के लिए पत्र लिखेगा। कोई दावा आपत्ति न होने पर केस तहसीलदार के पास जाएगा। साइबर तहसीलदार भू अभिलेख में नामांतरण को अपडेट कर आरसीएमएस पोर्टल पर भेजेंगे। एक प्रति आवेदक को ईमेल और वाट्सएप पर मिल जाएगी। इसमें खसरे तथा नक्शे में भी क्रेता का नाम चढ़ जाता है।
साइबर तहसील में मुख्य रूप से रजिस्ट्रीकरण अधिकारी, क्षेत्रीय तहसीलदार, पटवारी, रीडर की भूमिका महत्वपूर्ण होती है।

गौरतलब है कि बहोरीबंद राजस्व अनुभाग अंतर्गत स्लीमनाबाद व बहोरीबंद  तहसील में ही हर माह 500 आवेदन नामांतरण और बंटाकन व सीमांकन के आते हैं। लोकसेवा गारंटी केंद्र से आवेदन होने के बाद ये तहसील में आते हैं और कई बार पटवारियों और आरआइ की रिपोर्ट में देरी के चलते लंबित रहते हैं। विवादित नामांतरण तो छह माह और साल भर से ज्यादा समय तक पेंडिंग रहते हैं।

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इनका कहना है- प्रदीप मिश्रा एसडीएम बहोरीबंद

साइबर तहसीलों में जनता के काम और तेज होंगे, नामांतरण और बंटवारे के केसों की पेंडेंसी कम होगी। इससे सीएम हेल्पलाइन के केसों की पेंडेंसी ज्यादा नहीं रहेगी।1 जनवरी से बहोरीबंद राजस्व अनुभाग की दोनो तहसीलों मैं साइबर तहसील की सुविधा शुरू हो जाएगी।

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