178 किसानों ने समर्थन मूल्य पर विक्रय की 18 हजार क्विंटल धान

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सुग्रीव यादव स्लीमनाबाद : खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 के तहत समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का कार्य जारी है!
किसान भी अपनी उपज समर्थन मूल्य पर विक्रय कर रहा है!
लेकिन किसानों को अपनी ही उपज का विक्रय करने के बाद राशि नहीं मिल पा रही है, जिससे अन्नदाता परेशान है!
ताज़ा मामला स्लीमनाबाद तहसील अंतर्गत खरीदी केंद्र धरवारा का सामने आया है!जहाँ 3 दिसंबर से खरीदी का कार्य शुरू हुआ ओर अब 178 किसानों से 18 हजार क्विंटल उपज की तौल की जा चुकी है!लेकिन 178 किसानों मे से एक भी किसान का भुगतान समर्थन मूल्य पर उपज विक्रय करने के बाद नहीं हुआ!जिससे किसान परेशान है!भुगतान न होने के कारण खरीदी प्रभारी भी परेशान है!क्योंकि भुगतान नहीं होने के कारण किसान खरीदी प्रभारी को खरी खोटी सुना रहे है!
वहीं किसानों का कहना था कि समर्थन मूल्य पर उपज विक्रय करने के 20 दिनों का समय बीत गया है लेकिन भुगतान नहीं हुआ!जिस कारण किसानों के सामने भी आर्थिक संकट उतपन्न हो गया है!क्योंकि रबी सीजन कृषि कार्य अन्य लोगों से रूपये उधार लेकर किये थे, जिन्हे देना भी है!
साथ ही रबी सीजन कृषि कार्य मे सिंचाई बाद खाद डालना नितांत आवश्यक है, जिसके लिए रुपयों की भी जरूरत है!
लेकिन राशि न मिलने से परेशान होना पड रहा है!

वेयरहाऊस की मेपिंग न होने से नहीं कट रहे चालान 

धरवारा खरीदी केंद्र मे अपनी उपज विक्रय कर चुके किसानों को भुगतान न होने के पीछे सबसे बड़ी वजह वेयरहॉउस की मेपिंग न होना है!जिसके पीछे वेयरहाऊसिंग कारपोरेशन के अधिकारियो की लाफ़रवाही सामने आ रही है!क्योंकि मेपिंग कार्य वेयरहाऊसिंग कारपोरेशन के अधिकारियो को करनी है!मेपिंग हो जाये तो चालान कटना शुरू हो जाये, जिसके बाद किसानों को भुगतान होना भी जारी हो जायेंगे!क्योंकि धरवारा खरीदी केंद्र जिस रामानुज वेयर हॉउस मे संचालित है उसके मालिक ने स्वयं भंडारण न करने की बात कही थी!
जिस कारण फिर वेयरहॉउस का अधिग्रहण किया गया था!
जिस कारण मेपिंग प्रक्रिया लेटलतीफी हो रही है!

इनका कहना है – चंद्रशेखर नान नोरे शाखा प्रबंधक वेयर हाऊसिंग कारपोरेशन

धरवारा खरीदी केंद्र के लिए वेयरहॉउस का अधिग्रहण किया गया था!
मेपिंग के प्रक्रिया के लिए लगातार वरिष्ठ अधिकारियो को पत्राचार के माध्यम से अवगत कराया जा रहा है!
क्योंकि वरिष्ठ अधिकारियो को ही करना है!
मेपिंग कार्य जल्द पूर्ण होने की बात कह रहे है!
मेपिंग होते ही चालान कटना शुरू हो जायेंगे ओर किसानों की भुगतान प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी!

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