सेवानिवृत कर्मचारी को मूल वेतन पर फिर दी गई नौकरी, संविदा आधार पर दो वर्ष किया गया अनुबंध

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सुग्रीव यादव बहोरीबंद – जनपद पंचायत बहोरीबंद कार्यालय हमेशा किसी न किसी कारण से हमेशा सुर्खियों मे बना रहता है!अब ताज़ा मामला सेवानिवृत हुए सहायक लेखापाल आमोद तिवारी को पुन नौकरी मे रखने से उठ गया है!
जिसका खुलासा सूचना के अधिनियम के तहत मांगी गई जानकारी से हुआ है!जिस पर सेवानिवृत हुए सहायक लेखापाल को मूल वेतन 78 हजार 507 रूपये मे रखा गया है!सहायक लेखापाल को सेवानिवृत होने के बाद दुबारा नौकरी मे रखने जनपद पंचायत की सामान्य प्रशासन समिति ने प्रस्ताव पारित किया था!जिसने पंचायत राज अधिनियम की अवहेलना की थी!सहायक लेखापाल आमोद तिवारी की सेवानिवृत्ती 30 नवंबर 2023 को 62 वर्ष की सेवा पूर्ण करने के बाद हुई थी!सेवानिवृत्ती के समय सहायक लेखापाल का वेतन 78 हजार 507 रूपये था!

दो वर्ष के लिए अनुबंध –
सेवानिवृत सहायक लेखापाल आमोद तिवारी को सामान्य प्रशासन समिति के द्वारा 14 जून 2024 को प्रस्ताव पारित कर दो वर्ष के अनुबंध पर मूलवेतन 78 हजार 507 रूपये मे रखा गया!जबकि संविदा अनुबंध मूल वेतन से कम होना चाहिए लेकिन राजनैतिक दवाब के कारण सेवानिवृत सहायक लेखापाल को पुन जनपद पंचायत कार्यालय मे सहायक लेखापाल के पद पर नौकरी दी गई!जहाँ अभी तक सहायक लेखापाल को सेवावृद्धि का वेतन 4 लाख 55 हजार 835 रूपये का भुगतान भी किया जा चुका है!जिसमें महंगाई भत्ता व आवास भत्ता भी शामिल है!जिससे जनपद पंचायत बहोरीबंद कार्यालय की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान उठ रहे है!सेवानिवृत सहायक लेखापाल की पुन नियुक्ति को लेकर जनपद अध्यक्ष व जनपद सीईओ से बातचीत की गई तों बातो को लेकर टलामटोल करते रहे है!क्योंकि जनपद की सामान्य प्रशासन समिति जनपद अध्यक्ष के अधीन होती है!कोई भी प्रस्ताव बिना जनपद अध्यक्ष के अनुमोदन के पारित नहीं होता है!

इनका कहना है – लाल कमल बंसल जनपद अध्यक्ष बहोरीबंद

सामान्य प्रशासन समिति मेरे पास जरूर है!
लेकिन सेवनिवृत सहायक लेखापाल आमोद तिवारी को पुन नौकरी मे रखने का न कोई प्रस्ताव मेरे समक्ष न ही मेरे संज्ञान मे है!
ऐसा है तों सेवानिवृत सहायक लेखापाल का अनुबंध निरस्त किया जायेगा!

इनका कहना है – अभिषेक कुमार जनपद सीईओ बहोरीबंद

सामान्य प्रशासन समिति की बैठक मे जनपद अध्यक्ष व सदस्यों के बीच प्रस्ताव बनाया गया था जो पारित हुआ था!
नियमानुसार सेवानिवृत सहायक लेखापाल को 2 वर्ष की अवधि के लिए अनुबंध पर रखा गया!
पारित प्रस्ताव को संभागायुक्त के पास भेजा गया!
जहाँ संभागायुक्त से आदेश जारी होने पर सेवानिवृत सहायक लेखापाल को मूल वेतन पर रखा गया!
सामान्य प्रशासन समिति के पास अधिकार है कि वो अनुबंध को निरस्त कर सकती है!

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