लोकसभा चुनाव के कारण जल संरक्षण की राह पर ब्रेक, बहोरीबंद जनपद की 79 ग्राम पंचायतों मैं नही चला जल संरक्षण अभियान
सुग्रीव यादव स्लीमनाबाद : लोकसभा चुनाव के चलते इस साल गर्मी में बहोरीबंद विकासखंड के गांवों मैं कहीं भी पेयजल के संरक्षण-संवर्धन के लिए अभियान नहीं चला। कहीं भी तालाब निर्माण, बोरी बंधान, नदियों व कुओं की साफ_सफाई करने अब तक जल संरक्षण अभियान शुरू नही हुआ न ही कोई प्रयास किए गए।
जबकि ग्रीष्मकाल मैं मूलभूत आवश्यकता पेयजल है। लेकिन बहोरीबंद विकासखंड के कई ग्रामों में पेयजल संकट बना है। ग्रामीण अंचलों मैं निवासरत आबादी दो किमी दूर से पेयजल लाने विवश है ।
पेयजल की किल्लत को लेकर शिकायत भी आ रही है।
जबकि जहां स्थानीय पेयजल स्रोत नदी-नाले में बोरी बंधान, कुएं की सफाई जैसे काम स्थानीय पंचायतों से कराए जा सकते हैं। इसके साथ ही भूमिगत जल की रिचार्जिंग भी संभव है।लेकिन वर्तमान मैं बहोरीबंद जनपद की 79 ग्राम पंचायतों मैं जल संरक्षण को लेकर कोई काम होता वर्तमान मैं नही दिख रहा।
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जलाभिषेक अभियान की नही आई कोई गाइडलाइन_
गौरतलब है कि पर हर वर्ष मार्च में ही जलाभिषेक अभियान की सरकारी गाइड लाइन आ जाती है। इस बार लोकसभा चुनाव में पूरी सरकार और शासन-प्रशासन की व्यस्तता के चलते गाइडलाइन जारी नहीं हो सकी। प्रशासनिक अधिकारी-कर्मचारी भी इसे स्वीकार रहे हैं।बहोरीबंद विकासखंड जन अभियान परिषद के विकासखंड समन्वयक अरविंद शाह ने बताया कि लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के चलते इस बार जल संरक्षण अभियान की गाइडलाइन नहीं आई है।जबकि जल संरक्षण अभियान की शुरुआत मार्च-अप्रेल में करने का नियम है। इस बार लोकसभा चुनाव के चलते पूरा प्रशासन व्यस्त रहा। इसके चलते कोई तैयारी नहीं हो सकी। अब मतगणना तिथि चार जून तक अभी महीने भर का समय है। इस समय का उपयोग किया जा सकता है।
क्योंकि खजुराहो लोकसभा के लिए चुनाव संपन्न होने के बाद प्रशासनिक गतिविधियां पटरी पर लौट रही हैं। ऐसे में प्रशासन से इस पर ध्यान देने की अपेक्षा की जा रही है। इस अभियान में नए तालाब निर्माण के भूमिपूजन, नदी-नालों में बोरी बंधान, भूमिगत जल रिचार्ज, कुंओं की सफाई, वाटर हार्वेस्टिंग जैसे काम कराए जा सकते हैं। इससे बारिश में पानी का प्रबंधन होता है।
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प्रमुख तीन नदियों को सवारने करने होंगे भागीरथी प्रयास_
बहोरीबंद विकासखंड मै तीन प्रमुख कटनी, पतने व सुहार नदी है।जो विकासखंड की जीवनदायिनी है।लेकिन वर्तमान मैं तीनो जीवनदायिनी नदियों मैं जल स्त्रोत कम हो गया है।
कटनी व पतने नदी तो सूख गई।यदि इन तीनो जीवदायिनी नदियों को संवारने का काम किया जाए तो विकासखंड क्षेत्र मैं पेयजल की संकट उत्पन्न न हो।लेकिन न तो जनप्रतिनिधि न ही प्रशासनिक अधिकारियों के द्वारा कोई भागीरथी प्रयास किए जा रहे।
इनका कहना है_ अभिषेक कुमार जनपद सीईओ
गावों मैं कही पुराने हैंडपंप की मरम्मत , कुएं की साफ_सफाई के काम तो कराए जा सकते है।साथ भूमिगत जल रिचार्ज कार्य को लेकर योजना बनाई जा रही है।
लेकिन पेयजल से संबंधित नए कार्य के लिए लोकसभा चुनाव की आचार संहिता समाप्त होने का इंतजार करना होगा ।हालांकि आचार संहिता समाप्ति के बाद वृहद स्तर पर बहोरीबंद विकासखंड मै जल संरक्षण अभियान चलाया जायेगा।
इनका कहना है_ राकेश चौरसिया एसडीएम
बहोरीबंद विकासखंड मै जल संरक्षण अभियान चले ताकि वर्षा जल का संरक्षण व संवर्धन किया जा सके।जनपद सीईओ के साथ बैठक लेकर जल संरक्षण अभियान की कार्ययोजना बनवाई जायेगी वा जल्द विकासखंड मै जल संरक्षण अभियान शुरू कराया जाएगा।
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