बुजुर्गो को ही नही केवल,बच्चो को भी सताने लगा है अस्थमा रोग
सुग्रीव यादव स्लीमनाबाद: अस्थमा, सांस से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है। अस्थमा की स्थिति में वायुमार्ग संकीर्ण और सूज जाते हैं, इसके अलावा अतिरिक्त बलगम का बनने लगता है, जिससे सांस लेने में दिक्कत होने लगती है। धूल, धुआं, हवा में मौजूद प्रदूषण और कई कारणों से अस्थमा के मरीजों की परेशानी बढ़ जाती है। खास बात यह है कि अस्थमा रोग अब केवल बुजुर्गों को ही नहीं, बल्कि बच्चों में भी होने लगा है और यह समस्या दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। बच्चों के लिए एक गंभीर बीमारी बनती जा रही है।
उक्त बाते विश्व अस्थमा दिवस के अवसर पर शासकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्लीमनाबाद मै मंगलवार को आयोजित जागरूकता कार्यक्रम मैं डॉ शिवम दुबे ने कही।
डॉ शिवम दुबे ने कहा कि अस्थमा ऐसी बीमारी है, जिससे बचाव के साथ-साथ यदि जांच और इलाज को लेकर सतर्क रहा जाए, तो यह बीमारी नियंत्रण में रहती है। ग्लोबल अस्थमा रिपोर्ट-2024 के मुताबिक भारत में तीन करोड़ पचास लाख लोग अस्थमा से पीडि़त हैं। रिपोर्ट के अनुसार विश्व में अस्थमा के 10 फीसदी मामले भारत में ही हैं, इनमें से 15 फीसदी मामले बच्चों में ही हैं। अस्थमा जैसी बीमारी के प्रति लोगों में जागरूकता लाने एवं विश्व स्तर पर अस्थमा से बचाव और रोकथाम के लिए जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिवर्ष मई महीने के पहले मंगलवार को विश्व अस्थमा दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष 7 मई 2024 को विश्व अस्थमा दिवस मनाया गया।
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अस्थमा को हल्के मैं लेना ठीक नही_
डॉ शिवम दुबे ने जागरूकता कार्यक्रम मैं उपस्थित आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं,सहायिकाओं,अस्पताल स्टॉफ व ग्रामीणों को जागरूक करते हुए कहा कि पिछले कुछ समय में प्रदूषण और लाइफ स्टाइल में बदलावों की वजह से अस्थमा के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है।
बच्चों में अस्थमा की बीमारी दिनों-दिन बढ़ रही है। इसके पीछे कई कारण हैं, जैसे एलर्जी, बच्चों का एक्सपोजर नहीं होना, अभिभावकों में अस्थमा होना आदि। बच्चों में अस्थमा के लक्षण भी बड़ों से अलग होते हैं।आज के आधुनिक युग मैं धूल,धुआं,हवा मैं मौजूद प्रदूषण व कई कारणों से भी अस्थमा बीमारी होती है।जो हमारे फेफड़ों पर सीधा असर करती है।अस्थमा एवम फेफड़ों की बीमारी धूम्रपान से भी होती है। बच्चों में अस्थमा की शिकायत होने पर डॉक्टर को दिखाना चाहिए, ताकि समय रहते उपचार हो सके। अन्यथा यदि 12-13 साल की उम्र में अस्थमा ठीक नहीं होता है तो उम्र भर के लिए बीमारी बन सकता है।कार्यक्रम के अंत मैं धूम्रपान न करने की शपथ दिलाई गई और अस्थमा जैसी गंभीर बीमारी से बचने के उपाय बतलाए।
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