संत रविदास ने समाज मै भाई चारे को दिया बढ़ावा

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सुग्रीव यादव स्लीमनाबाद : संत शिरोमणि रविदास जी एक महान संत, दर्शनशास्त्री,  कवि और महान ईश्वर प्रेमी थे । उन्होंने प्रेम और ज्ञान दोनों का सामंजस्य बैठा कर अपनी रचनाओं को लिखा। उनके साहित्य में तत्कालीन कुरुतियां पर चोट की गई है। संत रविदास व्यक्ति की आंतरिक भावनाओं और आपस में प्रेम और भाई चारे को ही वास्तविक धर्म मानते थे। उन्होंने धर्म को आडंबर से दूर रखने के लिए भारतीय समाज को प्रेरित किया। संत रविदास सच्चे मायनों में मानवता और प्रेम के अनन्य उपासक थे उक्त बातें भाजपा जिला महामंत्री राजेश चौधरी ने रूपनाथ धाम मैं संत रविदास जयंती पर आयोजित कार्यक्रम मे बुधवार को कही।कार्यक्रम की शुरुआत संत रविदास जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण व पूजन अर्चन कर किया गया।इसके बाद संत रविदास जी के जीवन के बारे मे प्रकाश डाला गया।भारत संतों की भूमि है। यहां समय-समय पर संतों और ज्ञानियों ने अपने ज्ञान से समाज में विकास की रफ्तार को मजबूत किया और एकता का प्रचार किया है लेकिन संत बनना भी कोई आसान काम नहीं। इच्छाओं का अंत हो जाने पर ही मनुष्य संत की श्रेणी में आ सकता है।मीरा हो या कबीर सभी ने अपनी इच्छाओं को दरकिनार कर प्रभु भक्ति और समाज सेवा की वजह से ही इतनी अधिक प्रसिद्धी पाई। संत समाज के इसी भाव और भक्ति को और ऊंचे स्तर तक ले जाने का काम किया महान कवि रविदास ने।उनका भजन प्रभु जी तुम चंदन हम पानी यह प्रेरणा देता है कि गरीबों की सेवा ही उनके चरणों की सच्ची पूजा होगी।गुरु रविदास ने समाज मै भाई चारे को बढ़ाया ओर समाज सुधार मै खास योगदान दिया!गुरु रविदास भक्ति आंदोलन के प्रसिद्ध संत थे!उनके भक्ति गीतों व छंदो ने भक्ति आंदोलन पर स्थाई प्रभाव डाला था!महान संत गुरु रविदास को ओर उनके योगदान को आज भी दुनिया याद करती है ओर उनके सम्मान मै हर साल रविदास जयंती का पर्व माघ पूर्णिमा पर मनाया जाता है!संत रविदास के अनमोल विचार थे कि कोई भी व्यक्ति जन्म से छोटा या बड़ा नहीं होता है, लेकिन अपने कर्मो से छोटा बड़ा होता है!भगवान उस व्यक्ति के ह्दय मै वास करते है, जहाँ किसी तरह का बैर भाव नहीं होता है!इस दौरान बड़ी संख्या मै लोगों की उपस्थिति रही!इसके अलावा स्लीमनाबाद तहसील के ग्राम गुदरी, धूरी सहित अन्य ग्रामो मैं भी संत रविदास जी की जयंती मनाई गई।जहाँ संत रविदास के भक्तों ने पूजा अर्चना कर भजन कीर्तन गाये!शोभायात्रा निकाली गई ओर प्रसाद का वितरण किया गया!

 

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