बेमौसम बरसात ने खोल दी खरीदी केंद्रों की व्यवस्थाओं की पोल

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जबलपुर :इंद्रदेव के बेमौसम मेहरबान होने से न केवल आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। बल्कि सबसे ज्यादा परेशानी अन्नदाताओं को हुई है। शुक्रवार की रात्रि को हुई बारिश ने किसानों को काफी नुकसान पहुंचाया है। खासतौर पर समर्थन मूल्य पर खरीदी जा रहे धान के भीगने से अन्नदाताओं को काफी क्षति हुई है। इस बेमौसम बारिश से लाखों क्विंटल धान के भीगने की संभावना जताई जा रही है। हालांकि, प्रशासन ने इसका अभी कोई अनुमान नहीं लगाया है। इधर, लगातार बारिश से दलहनी फसलों में इल्ली लगने की संभावना भी प्रबल है।ये पानी से भीगी धान का नजारा मझोली के सिमरिया ग्राम में सुब्रत वेयरहाउस में चल रही सरकारी खरीदी का है,इस वेयरहाउस में पहले भी धान में धांधली के आरोप लगे थे।

भीग गई धान कहा सोते रहे जिम्मेदार ?

लगभग तीन चार दिनों से मौसम के मिजाज खराब चल रहे थे उसके बाद भी खरीदी प्रबंधन ने लापरवाही की जिसके परिणामस्वरूप  बे मौसम बारिश से खरीदी केन्द्रों में रखी किसानों की धान भीग गई।इस बरसात से किसानों को काफी नुकसान हुआ है। मंगलवार शाम से मौसम मेें बदलाव आने से आसमान पर बादल डेरा जमाए हुए हैं मौसम के अचानक करवट लेने से आम जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है जिससे लोगों को बेहद ही परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। खासतौर पर किसानों की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही है। किसानों द्वारा अपनी उपज को बेचने केन्द्रों तक तो लाया जा रहा है, लेकिन केन्द्रों से धान का समय पर तोल एंव उठाव नहीं होने के कारण खुले आसमान के नीचे ही धान को भंडारित करना पड़ा। जिसके चलते शुक्रवार को हुई बारिश से यह धान भीग गई। हालांकि, किसानों द्वारा बारिश के पानी से धान को बचाने का प्रयास भी किया गया। लेकिन वह असरकारक नहीं रहा। जिसकी वजह से किसानों को काफी नुकसान हुआ है।

इनका क्या होगा ?

वहीँ ऐसे वेयरहाउस जिनकी मैपिंग नहीं हुई थी और किसानों से धान रखवा ली गई थी उन किसानों की धान भी इस बरसात में भीग गई है,अब ऐसे में सवाल उठता है इन किसानों को जो नुकसान होगा उसका जबाबदार कौन होगा ?

 


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