पुलवामा अटेक में शहीद अश्विनी काछी को दी गई श्रद्धांजलि,यहाँ दुर्दशा का शिकार हुआ शहीद स्मारक

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जबलपुर /सिहोरा:आज के ही दिन कश्मीर के पुलवामा में आत्मघाती हमले में शहीद हुए 40 सीआरपीएफ जवानों ने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया था। आज सारा देश उनकी शहादत पर नमन कर रहा है।इन्हीं 40 अमर शहीदो में एक वीर भूमि खुडावल के सपुत अश्विनी काछी भी शामिल थे। ग्राम खुडावल में आज शहीद अश्वनी को शहीद स्मारक स्थल में जबलपुर से आए सीआरपीएफ के जवानों द्वारा श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए। परिजनों में श्रीमती कौशल्या बाई भाई सुमंत काछी गुरु दयाल काछी अवधेश काछी, ग्रामीण जन में एडवोकेट रामलाल दाहिया, महेंद्र पटेल, जगत पटेल, सनत दुबे सहित- सभी आंचल वासियो सहित लोगों ने शहीद को श्रद्धा सुमन अर्पित किए। साथ ही श्रद्धा सुमन कार्यक्रम के पश्चात कन्या भोज एवं भंडारे का आयोजन शहीद परिवार द्वारा किया गया।

अनेक युवा आज भी सरहद पर तैनात है 

तहसील मुख्यालय से करीब 5 कि.मी. दूर बसे खुडावल गांव में शौर्य, साहस और मातृभूमि के लिए जान तक न्यौछावर करने। की परंपरा पुरानी है। खुडावल की मिट्टी में ही कुछ ऐसा है कि यहां जवानों की शहादत के बाद सेना में जाने का जज्बा दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है किंतु संसाधनों के अभाव में गांव के युवा अपने अंदर छुपी प्रतिभाओं का प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं। वीर जवानों की शहादत पर श्रद्धा सुमन अर्पित करने आए जनप्रतिनिधि एवं शासन के नुमाइंदों ने गांव के विकास के लिए घोषणाएं तो अनेक की किंतु कोई भी कार्य रूप में एक भी परिणित नहीं हो सकी है।

दुर्दशा का शिकार शहीद स्मारक

गांव के लगभग आधा सैकड़ा युवा बीएसएफ. सीआरपीएफ अन्य सुरक्षा बलों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं इनमें से कुछ सेवानिवृत्त भी हो चुके हैं जबकि 3 जवानो ने शहादत प्राप्त की है। शहीदों की शहादत को सेल्यूट करने ग्राम के समीप बना शहीद स्मारक आज अपन दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है। तत्कालीन प्रदेश शासन के नुमाइंदों ने शहीद स्मारक का जीर्णोद्धार कर चाहर दीवारो से सुरक्षित। कर उपवन बनाने की घोषणा की किंतु न तो चहारदीवारी ओर न ही रंगमंच का निर्माण हो सका है

 


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