भय व संदेह से बड़ा आत्मघाती कदम और कुछ नहीं है”: डॉ. अमर सिंह

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भगवानदीन साहू छिंदवाड़ा: शासकीय महाविद्यालय चांद में प्रस्तुतीकरण के फोकस से सफलता पर आयोजित व्याख्यान में मुख्य वक्ता शासकीय महाविद्यालय चौरई की अंग्रेजी की विभागाध्यक्ष डॉ. अर्चना तिवारी ने भोज से परीक्षा दे रहे छात्रों को बताया कि परीक्षा में वांक्षित परिणाम की अप्राप्ति प्रश्न के जवाब में प्रस्तुतीकरण के फोकस की कमी से होती है। अनावश्यक पर फोकस करके प्रस्तुति की गुणवत्ता उन्नयन नहीं हो पाती है। चाहत को पारदर्शिता और गहराई से समझकर फोकस में वृध्दि की जा सकती है।

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व्यक्तिगत विकास हेतु शीर्ष कार्यसिद्धि रणनीति परीक्षार्थियों से अपनी विशेष योग्यता का प्रदर्शन करवाती है। प्राचार्य डॉ. अमर सिंह ने कहा कि डर के वशीभूत होकर स्वयं पर संदेह करने से ज्यादा घातक और कुछ नहीं होता है। आत्म अनुशासन से बढ़कर कोई गुणवत्ता नहीं होती है। हम अनावश्यक से ध्यान हटाकर आवश्यक पर फोकस कर स्वयं को अधिक प्रभावी बना सकते हैं। हमें कंफर्ट जोन से बाहर निकल चुनौतियों और अवरोधों के परे चले जाने का साहस रखना चाहिए। महज ख्वाबों में सपने बुनकर हकीकत में कुछ भी हासिल नहीं किया जा सकता है। प्रो. रजनी कवरेती ने कहा कि हमारे लक्ष्य वास्तविक हों और प्राप्त करने योग्य भी। जीत को पूर्व में जहन में जी लेने से और स्वयं को साथ सकारात्मकता से पेश आने से विजयश्री का वरण किया जाता है। प्रो. जी. एल. विश्वकर्मा ने कहा कि निरुद्देश्य ने न जाने कितने लोगों को निरर्थकता के अखाड़े में धकेल दिया है। कभी भी हार न मानने का जज्बा व्यक्तिगत विकास की मंजिल को करीब लाता है।

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