अन्नदाता की मेहनत पर फिर रहा पानी फसलों को बर्बाद कर रहे वन्यप्राणी

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स्लीमनाबाद(सुग्रीव यादव ):, रबी सीजन कृषि कार्य जारी है।रबी सीजन के तहत चना,मसूर व मटर की फसल की बोवनी अक्टूबर माह मैं ही हो गई है। वही गेंहू की बोवनी नवंबर माह मैं हुई।इस बीच बहोरीबंद विकासखण्ड छेत्र मैं इन दिनों जंगली सूकरों का आतंक फैला हुआ।जिससे अन्नदाताओं के मेहनत पर पानी फिर रहा है।उपतहसील स्लीमनाबाद  के आस-पास के इलाके में जंगली सूकर का आतंक है। खरीफ और रबी दोनों ही सीजन की फसलों को नुकसान पहुंचा रहे है। किसान चाहकर भी कुछ नहीं कर पा रहा। केवल बर्बाद हुई फसलों को देखकर आंसू बहा रहा है। किसी तरह का कोई मुआवजा भी उन्हें नहीं मिला रहा। महंगी बिजली, खाद और बीज का इस्तेमाल कर फसलें पालने के बाद उन्हें जंगली सूकर बर्बाद कर रहे। रात दिन गर्मी, ठंड और बरसात के दिनों खेतो मैं मेहनत करने वाले किसानों की मेहनत पर पानी फिर रहा है।किसानों ने बताया कि समय रहते पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए तो क्षेत्र के कई किसानों को बड़ा नुकसान झेलना पड़ेगा।

यहां बढ़ रहे सूकर 

तहसील छेत्र के ग्राम सिहुडी(छपरा),अमोच,जुजावल,पड़वार, राखी, कौड़िया ग्राम सहित अन्य क्षेत्रों में जंगली सूकर बड़ी संख्या में पहुंच रहे है। वर्तमान में गेहूं, चना, मटर सहित अन्य फसलों को बड़ा नुकसान पहुंचा रहे। इसके पहले बारिश में मक्का, सोयाबीन सहित अन्य फसलों को जंगली सूकर ने बबार्द किया है। कई किसानों को अब तक लाखों रुपए का नुकसान हो चुका है। बावजूद इसके सूकर को क्षेत्र से बाहर नहीं निकाला गया है।जिससे किसान परेशान है।जब कृषक सुबह अपने खेत पहुँचते है तो खेत की दुर्दशा देख अन्नदाता के आंसू बहने लगते है।वही जंगली सूकर के अलावा आवारा मवेशियों से भी किसान परेशान है।किसानों का कहना है की आवारा मवेशी भी फसलों को नष्ट कर रहे है।फसलों को बचाने रात्रि मैं खेतो मैं ही रतजगा करना पड़ रहा है।

किसान नही कर रहे सुरक्षा के इंतजाम-

जंगली सूकर खेतों तक पहुँचकर फसलों को नष्ट कर रहे है।इसके पीछे किसानों की भी लाफ़रवाही सामने आ रही है।
किसान अपने खेतों को यदि चारो तरफ से घेराबंदी कर देते तो जंगली सूकर नष्ट नही कर सकते ।लेकिन किसान स्वयं फसल को बचाने अपनी जवाबदेही का निर्वहन नही कर रहा।

 


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