मौसम मैं बदलाव:दिन का बढ़ता तापमान जल्द पकाएगा फसलें

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स्लीमनाबाद(सुग्रीव यादव ): मौसम में हुए बदलाव से अब सर्दी की रवानगी व गर्मी की दस्तक का अहसास होने लगा है। एकाएक बढ़ते तापमान के बीच फसलों में समय से पहले पकने से उसके उत्पादन पर प्रभाव पड़ सकता है। हालांकि अभी रात में ठंड बरकरार है। जिससे फिलहाल फसलों को ज्यादा खतरा नहीं है।हालांकि अब मौसम के तेवर तीखे देखने को मिलेंगे। आगामी दिनों में दिन का तापमान और बढ़ेगा।
मौसम बदलाव से हर दिन तापमान भी बढऩे लगा है। अधिकतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। मौसम में आए बदलाव के बीच ऐसा लगने लगा कि गर्मी इस बार जल्दी शुरू हो जाएगी। किसानों का कहना है कि मौसम बदलाव के चलते वातावरण में आई गर्मी के बीच फसलों में जहां पानी की जरूरत अधिक पड़ेगी, वहीं फसलों का उत्पादन भी प्रभावित होगा। चना व मसूर की फसल घेंटी व दाना भरने की अवस्था पर है, जबकि गेहूं की फसल गभोट व बालियों में दाना पडऩे की अवस्था पर है तो कही-कही बालियां भी आ गई है।बहोरीबन्द कृषि विभाग के एसएडीओ आर के चतुर्वेदी ने कहा की विकासखण्ड क्षेत्र मे 25 हजार हैक्टेयर मैं रबी सीजन की खेती की गई है।वर्तमान मे हुए मौसम बदलाव के चलते किसानों को यह सलाह दी गई है कि जहां गेहूं की फसल गभोट व बाली निकलने की अवस्था पर है, वहां पर एनपीके 18:18:18 या 19:19:19 मात्रा 1 किग्रा 200 लीटर पानी में घोल बनाकर छिडक़ाव करें।जहां गेहूं की फसल बालियों में दाना पडऩे की अवस्था पर है, वहां पर एनपीके 0:52:34 या 0:0:50 मात्रा 1 किग्रा 200 लीटर पानी में घोल बनाकर छिडक़ाव करें।चना व मसूर में उक्ठा रोग से पौधें सूखने पर नियंत्रण के लिए जैविक फफूंद नाशक ट्राइकोडर्मा विरिडी 500 ग्राम मात्रा को 10-12 तगाड़ी सड़ी हुई गोबर की खाद में मिलाकर खेतों में डालें।चने की फसल में इल्ली के नियंत्रण के लिए प्रोफेनोफॉस 50 ईसी या क्विनालफॉस 25 ईसी 1.5 लीटर/हैक्टेयर प्रयोग करें।

 


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