तालों मैं कैद 40 दुकाने बनी शोभा की सुपारी, कलेक्टर न्यायलय आदेश के 6 माह बीते अब तक बहोरीबन्द की नवनिर्मित 40 दुकानों का नही खुला ताला
कटनी/स्लीमनाबाद(सुग्रीव यादव ); बहोरीबन्द विकासखण्ड मुख्यालय मैं जनपद व विधायक निधि से निर्मित 40 दुकानो का ताला आखिरकार कब खुलेगा ।जबकि उक्त दुकानों के मामले मे कलेक्टर न्यायलय का आदेश भी पारित हो गया।कलेक्टर न्यायलय के आदेश के 6 माह से अधिक का समय बीत गया है। लेकिन 40 दुकानों की नीलामी प्रक्रिया की कवायद अब तक शुरू नही की गई।जिससे 40 दुकाने तालों मैं कैद है।जबकि 26 मई 2023 को
कलेक्टर न्यायलय मैं हुई सुनवाई के बाद कलेक्टर न्यायलय ने तत्कालीन एसडीएम बहोरीबंद के द्वारा की गई बेदखली कारवाई को वैधानिक मानते,बेदखल हुए व्यापारियों के द्वारा लगाई गई अपील को निरस्त करते हुए इस मामले का पटाक्षेप किया था।
जिसके साथ ही हाईकोर्ट ने जो निर्णय कलेक्टर कटनी को दिया था उसका भी निराकरण कलेक्टर अविप्रसाद के द्वारा उक्त दुकानों के मामले मे कर दिया गया था।मामले के निराकरण के बाद दुकानों की नीलामी प्रक्रिया विधि संगत नए सिरे से करने बहोरीबंद एसडीएम को नोडल अधिकारी बनाया गया ।लेकिन कलेक्टर न्यायलय के पारित आदेश के बाद 6 माह से अधिक का समय बीत गया है नोडल अधिकारी एसडीएम के द्वारा 40 दुकानों की नीलामी प्रक्रिया की कवायद शुरू नही कर सके।जिससे जनपद पंचायत बहोरीबंद भी हाथ पर हाथ धरे बैठी हुई है।
नियम विरुद्ध तरीके से हुआ था आवंटन एसडीएम ने की थी कारवाई-
गौरतलब है कि बहोरीबन्द विकासखण्ड मुख्यालय स्थित नव निर्मित 40 दुकानो मैं बिना नीलामी प्रक्रिया कराये पूर्व सरपंच ने आवंटन कर दिया था।जिस पर जनपद अध्यक्ष लाल कमल बंसल व ग्रामीणों के द्वारा इसकी शिकायत एसडीएम बहोरीबन्द से की गई थी।जिस पर तत्कालीन एसडीएम संघमित्रा ने जनपद सीईओ को जांच सौपी थी ।
जांच मैं यह पाया गया था कि जनपद व विधायक निधि की राशि से 40 दुकानों का निर्माण कार्य ग्राम पंचायत बहोरीबन्द के द्वारा कराया गया है।निर्माण कार्य गुणवत्ता हींन तरीके से कराया गया।
साथ ही दुकानें बनने के बाद जनपद को हैंडओवर भी नही की गई न ही उपयंत्री के द्वारा उक्त कार्यो का मूल्यांकन किया गया।
जनपद सीईओ के द्वारा जांच प्रतिवेदन एसडीएम को सौपा गया।जिसके बाद एसडीएम ने दुकानों मैं काबिज व्यापारियों को नोटिस देकर जवाब तलब किया।लेकिन व्यापारी कोई सार्थक स्पष्टिकरण नही दे सके।जिसके बाद एसडीएम ने 8 सितंबर 2022 को लोक परिसर अधिनियम मैं प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए पंचायत,पुलिस व राजस्व विभाग के अमले के साथ संयुक्त रूप से कारवाई करते हुए उक्त 40 दुकानों को खाली कराते हुए तालाबन्दी कर दी गई थी।
एसडीएम की इस कारवाई को लेकर बेदखल हुए व्यापारियों ने हाईकोर्ट मैं याचिका लगाई जिसमे हाईकोर्ट ने कटनी कलेक्टर को मामले का निराकरण करने के आदेश दिए।
जिए पर कलेक्टर कटनी के द्वारा मामले को निराकृत किया गया ।जिसमें कलेक्टर ने यह पाया कि ग्राम पंचायत के द्वारा विधि विरुध्द तरीक़े से पहले आओ-पहले पाओ की तर्ज पर दुकानों का आवंटन किया गया जो कि निर्मित दुकाने जनपद पंचायत के द्वारा नीलाम कर आवंटित की जानी थी।शासकीय या स्थानीय निकाय की परिसंपत्ति हेतु पहले आओ पहले पाओ का सिध्दांत अपनाया जाना उचित नही है।क्योंकि स्थानीय निकाय इस परिसम्पत्ति का कस्टोडियन होता है।
एसडीएम का क्षेत्राधिकार होता है जिसके तहत बेदखली कारवाई की गई जो वैधानिक है।
इनका कहना है- प्रदीप मिश्रा एसडीएम बहोरीबंद
40 दुकानों के मामले मे तत्कालीन एसडीएम के द्वारा की गई बेदखली कारवाई को कलेक्टर न्यायलय के द्वारा वैधानिक माना गया।साथ ही अपील भी निरस्त कर दी गई है।मामले का निराकरण होने के बाद बीच मैं विधानसभा चुनाव के चलते नीलामी प्रक्रिया मैं विलंब हुआ।
लेकिन अब 40 दुकानों की नीलामी प्रक्रिया को लेकर कवायद शुरू कर दी गई है। आगामी तीन-चार दिनों मैं विधि संगत आरक्षण प्रक्रिया को पूर्ण करने के बाद दुकानों की नीलामी प्रक्रिया का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा।जिसके बाद 40 दुकानों की निविदा प्रक्रिया जारी करते हुए, नीलामी प्रक्रिया पूर्ण कराई जाएगी।
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