बीमारियों के चक्रव्यूह में संत आशाराम बापू, रिहाई की मांग करते हुए साधकों ने सौपा ज्ञापन

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जबलपुर: संत आशाराम बापू के साधकों ने राष्ट्रपति के नाम जबलपुर कलेक्टर और एसपी को ज्ञापन सौपते हुए मांग की है की 87 वर्षीय निर्दोष वयोवृद्ध संत आशारामजी बापू के गंभीर स्वास्थ्य के चलते उन्हें अनुकूल और उत्तम उपचार त्वरित उपलब्ध करवाने के साथ उनकी शीघ्र रिहाई की जाये।

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बताया झूठा और बनावटी केस 

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संत आशाराम बापू के साधकों ने ज्ञापन सौपते हुए बताया की 87 वर्षीय निर्दोष वयोवृद्ध संत श्री आसाराम जी बापू एक झूठे और बनावटी केस में पिछले 11 वर्षों से जोधपुर जेल में है, आसाराम जी बापू के निर्दोष होने के कई खुले प्रमाण है लेकिन उनको आज तक कोई राहत नहीं मिली है ।13 जनवरी 2024 की शाम को 87 वर्षीय आसाराम जी बापू के सीने में भंयकर दर्द के कारण उन्हे जोधपुर AIIMS में भर्ती किया गया । AIIMS में हुई एंजियोग्राफी के अनुसार उनके ह्रदय में 3 गंभीर ब्लॉकेज है । बापूजी को लगातार रक्तस्राव हो रहा है उसकी वजह से उनका हीमोग्लोबिन का स्तर घट रहा है जिसकी सोनोग्राफी और एंडोस्कोपी हुई उसमें रक्तस्राव का कारण पता नहीं लग पाया , उसके बाद कैप्सूलर एंडोस्कोपी हुई उसके अनुसार उनकी छोटी आँत में अल्सर पाया गया जो तीव्र रक्तस्राव का कारण है । 13 और 26 जनवरी के बीच 7 बोतल रक्त चढा दिया गया है फिर भी उनका हीमोग्लोबिन सामान्य स्तर पर नहीं आ रहा है । शरीर का वजन तेजी से घट रहा है ।वर्तमान में बापू जोधपुर AIIMS के CCU (कोर्डियक केयर यूनिट) में है । 20 दिनों से अधिक समय से भर्ती बापूजी की सेहत में कोई सुधार नहीं हो रहा है । बापू की गंभीर स्वास्थ्य को देखते हुए पैरोल की अर्जी लगाई गई थी जिसको बापू के स्वास्थ्य की गंभीर स्थिति को अनदेखा करके खारिज कर दिया गया । बापू अभी बीमारियों के चक्रव्यूह में है जिससे बाहर लाने के लिए उन्हें तनावमुक्त खुले वातावरण मिलना अत्यंत आवश्यक है ।

11 सालों में नहीँ मिली बेल और पेरोल

साधकों  का कहना है की साल 2021 में भी बापू के कोरोना पोजिटिव आने पर रेमेडिसीवर इंजेक्शन लगाये गये,बापूजी कई दिनों तक ICU में स्वास्थ्य हेतु संघर्ष करते रहे तब उनका हीमोग्लोबिन मात्र 3.7 पर आ गया था,तब भी कोर्ट से उन्हें कोई राहत नहीं मिली । उससे पूर्व भी जो भी बापू  की जमानत अर्जिया लगाई गई सारी अर्जिया खारिज की गई,11 सालों में एक बार भी बेल या पैरोल नहीं मिली । बापूजी पहले से ही ट्राईजेमिनल न्यूरोल्जिया से पीड़ित है,उनके जेल में आने के बाद उनको Diabetes,hypothyroid, high blood pressure,unstable angina,prostate,hypertensive,retinopathy, gastro intestinal bleeding आदि बीमारियां हो गई है ।

60 वर्षों से कर रहे संस्कृति की सेवा 

संत  आशाराम बापू के साधकों का कहना है की बापू  पिछले 60 वर्षों से सदैव भारतीय संस्कृति की जो सेवा कर रहे है,उसके समतुल्य कोई मिसाल नहीं है । देशवासियों के सामाजिक और आध्यात्मिक उत्थान में बापू का जो बहुमूल्य योगदान है,उससे आपश्री अनभिज्ञ नहीं है ।11 वर्षों से जेल में रहने के बावजूद बापूजी द्वारा स्थापित श्री योग वेदांत सेवा समितिया,महिला उत्थान मंडल,युवा सेवा संघ,बाल संस्कार केंद्र जैसे संगठन मातृ पितृ पूजन दिवस,तुलसी पूजन दिवस,गरीब आदिवासियों में भंडारे,व्यसनमुक्ति अभियान,सैकङो गौशालाएँ,दिव्य शिशु गर्भ संस्कार,कन्या भ्रुण हत्या रोको अभियान जैसी विभिन्न सेवायें अनवरत रुप से सेवायें चल रही है । पूज्य बापूजी ने धर्मांतरित हुए लाखों हिन्दूओ की घरवापसी करवाई,लाखों लोगों को धर्मांतरित होने से बचाया ।

संत को कब मिलेगा न्याय ?

साधकों की सरकार एवं न्यायपालिका से मांग है कि आशारामजी बापू को शीघ्र अतिशीघ्र न्याय मिले,वर्तमान की बापूजी की शारीरिक स्थिति को देखते हुए उन्हें तत्काल पैरोल या जमानत पर रिहा किया जाए और उनके मौलिक अधिकारों को ध्यान में रखते हुए उनकी अपनी अनुकूलता के अनुसार उन्हें उत्तम उपचार उपलब्ध कराया जाय ।भारत देश में आतंकवादियों के मानवाधिकारो को देखा जाता है तो निर्दोष राष्ट्रसेवी संतश्री को न्याय क्यों नहीं मिलेगा ?

 

 

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