पार्थिव शिवलिंग निर्माण कर किया गया रुद्राभिषेक,

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सुग्रीव यादव स्लीमनाबाद :भगवान शिव की आराधना का विशेष पवित्र सावन माह चल रहा है।जिसमें सावन मास के अंतिम सोमवार को शिवालयों व शिवमंदिरों मै श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ा।जिनके द्वारा भगवान शिवशंकर का जलाभिषेक कर विशेष पूजा अर्चना की गई।

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भोलेनाथ का किया दर्शन-पूजन 

भक्तो के द्वारा हाथों में जल का लोटा व पूजन की थाली लिए शिवालयों मे पहुँचे।  अल सुबह से भक्त गण शिवालयों मैं पहुँचकर भगवान भोलेनाथ का दर्शन-पूजन किया। इस दौरान श्रद्धालुओं ने भोलेनाथ को नैवेद्य आदि अर्पित किए व जलाभिषेक किया।

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पार्थिव शिवलिंग निर्माण कर किया गया रुद्राभिषेक

सावन मास के अंतिम सोमवार को तेवरी स्थित शिव मंदिर मे शिव मंदिर समिति द्वारा पार्थिव शिवलिंग निर्माण आयोजित किया।जहां बड़ी संख्या मे महिलाओं ने पार्थिव शिवलिंग का निर्माण किया गया एवं चंदन ,रोली,अक्षत, बिल्वपत्र आदि से भगवान का दिव्य श्रृंगार किया गया। सभी भक्तों के साथ उनके सुख-समृद्ध, स्वस्थ, एवं खुशहाल जीवन के लिए पुष्पों, बिल्वपत्रों एवं फलों के द्वारा पूरे विधि-विधान के साथ पार्थिव शिवलिंग रुद्राभिषेक किया गया। इस दौरान मंत्रोच्चारों से पूरा वातावरण गुंजायमान हो उठा।समूचा वातावरण भगवान भोलेनाथ की भक्ति मैं रम गया। कलाकारों के द्वारा भगवान भोलेनाथ की भक्ति पर आधरित शिवमय गीतों की प्रस्तुतियां देकर उपस्थित जनसमूह को मंत्र मुग्ध कर दिया।
पंडित भरत दुबे ने महिलाओं को पार्थिव शिवलिंग निर्माण का महत्व बतलाया।महिलाओं ने  मिट्टी का शिवलिंग बनाने के लिए बेल के पेड़,नदी या तालाब की मिट्टी का उपयोग किया। साथ ही गाय का गोबर,गुड़,मक्खन ओर भस्म मिलाकर शिवलिंग बनाये गए ।

पूजा अर्चना के बाद कन्या पूजन भोज व भंडारे

पूजा अर्चना के बाद कन्या पूजन, भोज व भंडारे का आयोजन किया गया।जहाँ लोगो ने पहुँचकर प्रसाद ग्रहण किया।
अभिषेक पूजन उपरांत शिवलिंग को कोपर पर रखकर सिर पर धारण करते हुए महिलाओं का सैलाब नदी की ओर चला।जहां ढोल-नगाड़ों की धुन पर महिलाएं नृत्य करती हुई चल रही थी।शिवलिंगो को नदी मैं विसर्जित किया गया।

सुख-समृद्धि के लिए की कामना

इसके अलावा स्लीमनाबाद स्थित सिंहवाहिनी मंदिर व बाबा गढ़ धाम मैं भी विशेष पूजा अर्चना कर सुख समृद्धि की कामना की गई।वहीं प्रसिद्ध रुपनाथ धाम,जिलहरी धाम,शिव मंदिर व तपस कुंड धाम मैं सुबह से दर्शन-पूजन के लिए श्रद्धालुओं का लगा रहा। भगवान भोलेनाथ के दर्शन कर भक्तों ने सुख-समृद्धि के लिए कामना की व अच्छी वर्षा के लिए प्रार्थना की।

 

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