धान का पंजीयन होने के बाद अलग कर दिया गया खसरा,परेसान किसान ने एसडीएम से लगाई न्याय की गुहार

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जबलपुर : किसान की धान का पंजीयन होने के बाद भी खसरा अलग कर दिया गया जिसके कारण किसान प्रकाश पांडे की 200 किवंटल धान की उपज की बिक्री सरकारी खरीद केंद्र में नहीँ हो पा रही है, जबकि सरकारी खरीद अपने अंतिम चरण में है ऐसे में परेसान किसान है।किसान ने सिहोरा एसडीएम को बुधवार के दिन लिखित शिकायत देते हुए न्याय की गुहार लगाई है।

क्या है पूरा मामला ?

घुघरा निवासी प्रकाश पाण्डे ने बताया की उसने अपनी धान की फसल पंजीयन कराया था। जिसमें से उक्त खसरा नं. 94.81,507 / 1 रकवा कमश: 2.89,0,75,0.13 कुल रकवा 3.77 हे, जमीन जो मेरे स्वयं के नाम पर दर्ज है जिसे पटवारी द्वारा गिरदावली की गई है। जिसमें धान की फसल दर्ज की थी।उक्त खरा 94,81,507 / 1 रकवा कमश: 2.89,075.0.13 कुल रकवा 3.77 है. मेरे पंजीयन से काट दिये गया है। जिसकी शिकायत किसान  द्वारा एसडीएम और खाद्यान अधिकारी को मौखिक रूप से दी गई थी।लेकिन निराकरण आज दिनांक तक नहीं किया गया । जिसके कारण किसान की लगभग 200 क्विटल धान वेयर हाउस में पड़ी हुई है। पंजीयन में सुधार न होने के कारण वह अपनी धान बैच नहीं पा रहा है वहीं देखा जाये तो धान की सरकारी खरीद अपने अंतिम पड़ाव ऐसे में किसान समस्या के निदान को लेकर अधिकारियों के चक्कर लगा रहा है।


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