एलआईसी ने ठेका से काम न करने पर अस्थाई कर्मचारियों को गेट से भगाया,पीएम मोदी से लगाई न्याय की गुहार 

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LIC’s indifference, temporary employees were chased away from the gate:जिंदगी के साथ भी और जिंदगी के बाद का स्लोगन देने वाली एलआईसी ने 20 साल से काम कर रहे अस्थाई कर्मचारियों को कह दिया कि ठेकेदारी पर काम करना हो तो करो नहीँ तो बाहर का रास्ता देखो ।अब ऐसे में अस्थाई कर्मचारियों के सामने बड़ा संकट उतपन्न हो गया है और वो अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे हैं।मामला मध्यप्रदेश के जबलपुर की सिहोरा स्तिथ एलआईसी का है जहां पर शुक्रवार के दिन अस्थाई कर्मचारियों को एलआईसी के गाड ने शाखा प्रबंधक के आदेश का हवाला देते हुए गेट से बाहर भगा दिया।

पीएम के नाम एसडीएम और कलेक्टर को सौपा ज्ञापन 

दरसअल अस्थाई कर्मचारी प्रतिदिन की तरह शुक्रवार के दिन भी नियत समय पर एलआईसी की सिहोरा ब्रांच पहुँचे थे जहां पर सुरक्षाकर्मी ने उन्हें गेट से ही बाहर भगा दिया।कर्मचारियों में संतोष कोरी,संतोष श्रीवास,नरेंद्र पटेल और राजेश बर्मन  का कहना है की एलआईसी की सिहोरा ब्रांच में पदस्थ प्रशासनिक अधिकारी सोमदत्त गर्ग और ब्रांच मैनेजर संजय गुप्ता द्वारा उन चारों कर्मचारियों को एलआईसी के अंदर नहीँ जाने दिया गया।वहीं इस घटना के बाद एलआईसी सिहोरा में पदस्थ अस्थाई कर्मचारियों ने शुकवार के दिन जबलपुर कलेक्टर और सिहोरा एसडीएम को  पीएम नरेंद्र मोदी के नाम ज्ञापन सौपते हुए न्याय की गुहार लगाई है, कर्मचारियों का कहना है की वे लोग भारतीय जीवन बीमा निगम मंडलजबलपुर की सिहोरा शाखा के अंतर्गत लगभग 20 साल से कार्य कर रहे हैं ,उनके जैसे लोग दैनिक वेतन भोगीभा.जी.बी.निगम क्षेत्रीय कार्यालय भोपाल के अंतर्गत हजारों की संख्या में कार्यरत है ।

25 साल से कर रहे काम 

अस्थाई कर्मचारी भारतीय जीवन बीमा निगम मे लगभग 15 से 25 वर्षों से कार्यरत है 14.03.2024 को 3.30 पर प्रबंघन द्वारा अचानक से मौखिक आदेश दिया गया कि 15,03.2024 से आपको ठेकेदार के अधीन कार्य करना है नही तो 15.03.2024 से कार्यालय मत आना जबकि हमारे पास माननीय उप मुख्य श्रमायुत महोदय द्वारा पारित आदेश हैजिसमें भा. जी. बी.निगम क्षेत्रीय कार्यालय को यह आदेश दिया गया है कि इन सभीकर्मचारियों को भारतीय जीवन निगम में अरथाई कर्मचारियें को मौखिक आदेश के तहतठेका प्रथा करने बावद ।16.04.2024 तक यथा स्थिति बनाये रखे।

गाड ने भगा दिया बाहर

वहीं इनके द्वारा यह आदेश ना मानने के बाद पुनःदिनांक 14.03.2024 को प्रबंधन को सहमति हेतु बुलाया गया जिसमें प्रबंधन ने 5 दिनका समय मांगा । उसके दूसरे ही दिन 15.03.2024 को सभी कर्मचारियों को ठेकेदार केअधीन कार्य करने को मजबूर किया गया और मना करने पर किसी भी कर्मचारी कोकार्यालय के अंदर नही जाने दिया । सुरक्षा कर्मियों के द्वारा अस्थाई कर्मियों को बाहर भगा दिया गया ,ऐसी स्थिति में अस्थाई कर्मचारी बहुत ही भयभीत है और मानसिक रूप से प्रताडित है ।

इनका कहना है ,में बाइट देने के लिए अधिकृत नहीं हूँ आप डिवीजन ऑफिस में बात करें,

सिहोरा एलआईसी ,शाखा प्रबंधक संजय गुप्ता


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