भारतीय ज्ञान परम्परा अपने मूल मे कर्म, सत्य ओर संवेदना को देती है आधार
सुग्रीव यादव स्लीमनाबाद -उच्च शिक्षा विभाग के आदेशानुसार स्वामी विवेकानंद शासकीय महाविद्यालय स्लीमनाबाद मे भारतीय ज्ञान परम्परा के विविध संदर्भ विषय पर एक दिवसीय वेबिनार का आयोजन किया गया!उक्त वेबिनार का आधार भारतीय ज्ञान परम्परा के विविध आयाम रहा!कार्यक्रम की शुरुआत माँ सरस्वती के पूजन से हुआ!
प्राचार्या डॉ सरिता पांडेय भारतीय ज्ञान परम्परा के विविध पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वैदिक सभ्यता मे ज्ञान के प्रति उत्सुकता ओर खोज को महत्व दिया गया है!साथ ही उसके विकास को लोक ज्ञान के तालमेल से जोड़कर देखा गया है!भारतीय ज्ञान परम्परा अपने मूल मे कर्म, सत्य ओर संवेदना को आधार देती है, जो विश्व की अन्य ज्ञान परम्पराओ से स्वयं को अलग रेखांकित करती है! विश्व की ज्ञान परम्पराओ के समक्ष भारतीय ज्ञान परम्परा को श्रेष्ठ बताया ओर कहा कि भारतीय ज्ञान परम्परा सभी परम्पराओ का मूल स्त्रोत है!वही डॉ प्रीत नेगी ने कहा कि भारतीय ज्ञान परम्परा अत्यंत पुरानी परम्परा है!जो सामाजिक, राजनीतिक, धार्मिक, आर्थिक, सांस्कृतिक सभी परिदृश्यो को कही न कही प्रभावित करती है!अपनी परम्पराओ को बचाकर रखना ही हम सभी का महत्वपूर्ण दायित्व है!
11 नवंबर तक आयोजित होंगी विभिन्न प्रतियोगिता –
भारतीय ज्ञान परम्परा अकादमिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों की कार्यक्रम संयोजक डॉ प्रीत नेगी ने कहा विभिन्न प्रतियोगिताओ के माध्यम से भारतीय ज्ञान परम्परा पर प्रकाश डाला जायेगा!शुक्रवार को निबंध व भाषण प्रतियोगिता हुई!
शनिवार को पोस्टर व सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता होगी साथ ही 11 नवंबर को लोकनृत्य व लोकगीत प्रतियोगिता होगी!
प्रतियोगिता के लिए प्रभारी व सदस्य नियुक्त किये गए है!
इस दौरान कार्यक्रम सहसंयोजक डॉ अशोक पटेल,डॉ प्रीति यादव, डॉ रंजना वर्मा,डॉ शैलेन्द्र जाट, डॉ भारती यादव सहित महाविद्यालय स्टॉफ व छात्र -छात्राओं की उपस्थिति रही!