सर्वार्थ सिद्धि और वृद्धि योग मैं होगा होलिका दहन, बाजारों मैं सज गई रंग_गुलाल व पिचकारियों की दुकान
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स्लीमनाबाद- उत्साह और उमंग का 5 दिवसीय होली पर्व धूमधाम से मनाए जाने की तैयारियां स्लीमनाबाद तहसील क्षेत्र मैं शुरू हो गई है।24 मार्च यानि रविवार को रात मैं होलिका दहन होगा और रंग वाली होली 25 मार्च को होगी।रंगपंचमी तक गाँवो मैं फाग गीतों की धुन सुनाई देगी।
तहसील मुख्यालय स्लीमनाबाद सहित ग्रामीण अंचलों मैं 150 स्थानों पर होलिका दहन किया जाएगा। होली पर्व को लेकर बाजार भी सज धज गए है।बाजार मे रंग-गुलाल व पिचकारियों की दुकान लग गई है।लोग खरीददारी भी करने लगे।शुक्रवार को स्लीमनाबाद मैं त्यौहारी बाजार के चलते रंग गुलाल व पिचकारियों वाली दुकानों मैं ग्राहकी देखने को मिली।वही होलिका दहन के लिए समितियों के द्वारा भी तैयारी की जारही है।लकड़ी,कंडे एकत्रित कर व्यवस्था की जा रही है।स्लीमनाबाद के हरिदास ब्रजधाम मंदिर, हनुमान मंदिर,सिंहवाहिनी मंदिर,बाबा गढ़ धाम मैं भी धुरेड़ी पर फाग गीतों का आयोजन होगा।ग्रामीण अंचल मैं होलिका दहन पर्व व धुरेड़ी पर किसी भी प्रकार की कोई घटना घटित न हो इसके लिए पुलिस के द्वारा चाक चौबंद व्यवस्था की जा रही है।
होली पर रहेगा भद्रा का साया _
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पंडित रमाकांत पौराणिक ने बताया कि इस बार होलिका दहन पर भद्रा का साया पड़ रहा है। होली दहन फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा तिथि पर 24 मार्च को है।लेकिन भद्रा होने से रात 11:12 बजे के बाद ही होलिका दहन करना शुभ रहेगा। 25 मार्च को धुलेंडी पर्व मनाया जाएगा। 24 मार्च को सुबह 9:55 बजे से भद्रा प्रारंभ होगी जो रात 11:12 बजे तक रहेगी।भद्रा काल के बाद रात 11:13 बजे से 12:29 बजे तक होलिका दहन के लिए सर्वोत्तम समय रहेगा।इस बार होलिका दहन सर्वार्थ सिद्धि और वृद्धि योग में उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में प्रदोष युक्त पूर्णिमा में किया जाएगा। वैसे तो तिथियों के और भद्रा के फेर में अक्सर पर्व-त्योहार आते रहते हैं, लेकिन भद्रा तिथि में होलिका दहन करना और राखी बांधना शास्त्रों में निषेध कहा गया है।वही पंडित दिलीप पौराणिक ने बताया कि पुराणों के अनुसार भद्रा भगवान सूर्य की पुत्री और शनिदेव की बहन है।पंचांग शुद्धि मैं भद्रा का खास महत्व रहता है।ज्योतिष मैं तिथि,वार,योग,नक्षत्र और करण से मिलकर पंचांग बनता है।इनमे सातवे करण विष्टि का नाम ही भद्रा है।
साथ ही बताया कि17 मार्च से होलाष्टक की शुरूआत हुई थी। ये 24 मार्च तक चलेंगे। इस दौरान सभी शुभ कार्य बंद रहते हैं। इन दिनों देवी-देवताओं की आराधना चलती है।
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