ब्रज की तर्ज पर खेली गई लघु वृंदावन धाम बांधा इमलाज मैं होली

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कटनी /,स्लीमनाबाद (सुग्रीव यादव ): आज बिरज मैं होली रे रसिया,होली खेले रघुवीरा अवध मैं होली खेले रघुवीरा,रंग से रंग मिलाना सजन तुम ऐसे रंग मिलाना,खेली खेली रे राम संग फाग अवध मैं भरे रे कटोरा रंग केसर के जैसे फाग गीतों का गायन व धुन पर थिरकते लोग नजारा था लघु वृंदावन धाम बांधा इमलाज का।लघु वृंदावन धाम मैं ब्रज की तर्ज पर होली खेली गई।ब्रज होली मैं सम्मिलित होने बड़ी संख्या मे लोग पहुँचे।चहुँओर रंग से सरोबोर नजारा देखने को मिला।
ब्रज होली से पूर्व मंदिर मे फूलों की होली खेली गई,फिर वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच होलिका दहन किया गया।
फिर शुरू ब्रज होली खेलने का सिलसिला।जिसमे गांव के सभी लोग सम्मिलित तो हुए ही साथ ही दूरदराज से लोग भी आनंद लेने आये।लघु वृंदावन धाम मैं ब्रज होली के बीच 56 प्रकार का भोग भगवान बाँके बिहारी को अर्पित किया गया।
रंग-अबीर,गुलाल लगाकर एक दूसरे को होली की बधाई दी।
इस दौरान भगवानदास माहेश्वरी, बी एम तिवारी,रामनरेश त्रिपाठी,दौलत राम ,कमल बजाज , प्रद्युम्न बख्शी, नवनीत चतुर्वेदी, महेश पाठक ,सीताराम मिश्रा ,सतेन्द्र त्रिपाठी ,कृष्णकांत पांडे ,द्वारका मिश्रा, राघवेंद्र दुबे, ओम प्रकाश दुबे, श्याम मिश्रा, नितिन पाठक सहित अन्य जनों की उपस्थिति रही।वही हरिदास ब्रजधाम कोहका मैं देर शाम फागोत्सव आयोजन हुआ।जहाँ एक से बढ़कर एक फाग गीत लोगो के द्वारा गाये गए।तहसील मुख्यालय स्लीमनाबाद सहित तहसील भर के ग्रामीण अंचल मैं सोमवार को धुलेंडी धूमधाम से मनाई गई है। सुबह से ही गली-मोहल्लों और कॉलोनियों में होली का माहौल बन गया था।बच्चों में जबर्दस्त उत्साह था, जो पुराने कपड़े पहनकर तैयार थे।कई परिवारों में तो बच्चों के साथ बड़ों में भी होली का रंग चढऩे लग गया। रिश्तेदारों व आस पड़ोस के लोगों के आने-जाने का सिलसिला भी चलता रहा। इस बार की होली में गुलाल व सूखे रंगों का प्रयोग ज्यादा हुआ। पक्के रंगों को आम जनता ने दरकिनार करके हर्बल रंगों का ज्यादा उपयोग किया गया। हालांकि बच्चे गुब्बारे और पिचकारियां चलाने में पीछे नहीं रहे।

 


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