छोटे पुल-पुलियों व रपटों की नही बढ़ाई गई ऊंचाई,वर्षा काल मे भारी बारिश से डूब जाते है पुल, आवागमन होता है प्रभावित
सुग्रीव यादव स्लीमनाबाद : ग्रीष्मकालीन समय चल रहा है!
एक माह बाद वर्षा काल का समय शुरू हो जायेगा!ऐसे मैं एक बार फिर बहोरीबंद क्षेत्र मे ऐसे पुल-पुलिया जिनकी ऊंचाई नही बढ़ाई जा सकी वो वर्षा काल मे परेशानी का सबब बनेंगे।
जनप्रतिनिधियों व विभागीय अधिकारियों की हठधर्मिता से आज भी सर्वागीण विकास का सपना अछूता है।
बहोरीबंद विकासखण्ड क्षेत्र अंतर्गत ग्राम अमरगढ़ व सोमकला के मध्य गाड़ा पड़रिया पुल की ऊंचाई आज तक नही बढ़ाई गई।जिससे वर्षा काल मे सुहार नदी उफान पर आने से पुल डूब जाता है ।जिससे आवागमन प्रभावित होता है।
पुल की ऊंचाई बढाई जा सके जिससे वर्षा काल मे परेशानी का सबब न बने इसके लिए जनप्रतिनिधियों व विभागीय अधिकारियों के द्वारा सिर्फ आश्वासन तक ही बात सीमित रही।
वही स्लीमनाबाद तहसील क्षेत्र के कौड़िया से पिपरिया परौहा मार्ग के मध्य खिरहनी मैं भी कटनी नदी मैं बने पुल की ऊंचाई छोटी है जिससे यहां भी वर्षा काल मे कटनी नदी उफान पर आने से पुल डूब जाता है।जिस कारण आवागमन प्रभावित होता है।राहगीरों को दूसरे मार्गो से होकर अपने गंतव्य स्थानों तक पहुँचना पड़ता है।
संगम नदी पुल तो चढ़ा लाफ़रवाही की भेंट-
स्लीमनाबाद से बिलहरी मार्ग के मध्य बना संगम नदी पुल के हाल भी बदहाल है।
यहां पुल की ऊंचाई बढ़ाने का काम विगत चार सालों से चल रहा है।लेकिन अभी तक पुल ऊंचाई के नाम पर सिर्फ इन चार सालों मैं मात्र पिलर बस ही खड़े हो पाए है।
जबकि यह मुख्य मार्ग है जो स्लीमनाबाद से बिलहरी होते हुए रीठी जाता है।वर्षा काल मे संगम पुल के डूब जाने से राहगीरों व वाहनों को दूसरे स्थानों से होकर आवागमन करना पड़ता है।
निर्माण एजेंसी पीएमजीएसवाई के द्वारा 18 माह मैं संगम पुल बनाने की समय सीमा निर्धारित की थी लेकिन ठेकेदार की मनमानी पर लगाम नही लगाई जा सकी जिस कारण 50 माह का समय बीत जाने के बाद भी पुल नही बन सका।
ऐसे में अधूरे निर्माण कार्य आम जनता पर भारी पड़ेंगे।पुल-पुलिया से आवागमन खतरे से खाली नहीं होगा। आवागमन में आम लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। हादसों की आशंका भी बनी रहेगी।
प्रतिवर्ष मानसून के समय असहज स्थिति निर्मित होती है।
ऐसे मैं अधिकांश समस्याएं विभागीय लापरवाही की वजह से उत्पन्न होती हैं। जिम्मेदार अधिकारियों के ढीले कामकाज की वजह से जनता मुश्किल में आ जाती है।
हादसे होने के बाद शासन-प्रशासन की नींद खुलती है। जर्जर पुल-पुलिया की वजह से तेज बारिश के समय कई गांव टापू बन जाते हैं। आवागमन के सभी रास्ते अवरुद्ध हो जाते हैं।
अधिकतर मार्गो का निर्माण कार्य लोक निर्माण विभाग व पीएमजीएसवाई के द्वारा ही किया जाता है।
इनका कहना है- प्रणय पांडेय विधायक
यह सही है कि अभी भी बहोरीबंद विकासखण्ड क्षेत्र अंतर्गत कुछ पुल-पुलियों की ऊंचाई कम है।पूर्व मैं विभागीय अधिकारियों को कार्ययोजना बनाकर ऊंचाई बढ़ाने को कहा गया था।जिसमे बिलहरी संगम पुल कार्य स्वीकृत हुआ था।यहां ठेकेदार की लाफ़रवाही पर टेंडर निरस्त कर दूसरे ठेकेदार को कार्य कराने पीएमजीएसवाई के जीएम को निर्देशित किया गया है।साथ ही जो और पुल -पुलिया जिनकी ऊंचाई बढ़ानी है उनपर भी प्रमुखता के साथ कार्ययोजना बनवाकर कार्य कराया जाएगा।
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