लीज के लिए स्वीकृत भूमि के अतिरिक्त चारागाह की भूमि पर किया जा रहा बॉक्साइट का खनन कार्य

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सुग्रीव यादव स्लीमनाबाद : जिले मे बाक्साइड की प्रचुर मात्रा है।जहां बड़े बड़े उद्योगपति जिले मे बाक्साइड खनन कार्य मैं रुचि ले रहे है।लेकिन इन कारोबारियो के द्वारा खनन कार्य के नाम पर बड़ी भारी मनमानी की जा रही है।जिसका ताजा मामला स्लीमनाबाद तहसील क्षेत्र की ग्राम पंचायत पड़वार का सामने आया है।
ग्राम पड़वार मैं खसरा नम्बर 1004 की कुल भूमि 29 हैक्टेयर है।जिसमे से 11 हैक्टेयर भूमि लेटेराइट खनन के लिए वर्ष 2008 मैं कलेक्टर न्यायलय से लीज पर ग्वालियर के सचिन दुबे पिता आरएस दुबे को दी गई थी।
लेकिन वर्तमान मे उक्त लीज भूमि के अतिरिक्त चारागाह की भूमि पर लेटेराइट खनन कार्य किया जा रहा है।
जो लीज खनन शर्तो का खुलेआम उलघ्घन है।
चारागाह की अतिरिक्त भूमि पर अनाधिकृत रूप से कब्जा कर लेटेराइट खनन के लिए उपयोग किया जा रहा है।

किसानों की भूमि पर किया जा रहा लेटेराइट डंप-
पड़वार स्थित मेसर्स शिवशक्ति एवं राजेश शुक्ला द्वारा खदान संचालक राज बड़वले के द्वारा नियमो शर्तो के विपरीत कार्य किया जा रहा है।जिससे कृषकों व ग्रामीणों मैं आक्रोश व्याप्त है।
परेशान ग्रामीणों व किसानों ने ग्राम पंचायत सरपंच उर्मिला विश्वकर्मा को लेटेराइट खदान संचालक की मनमानी को लेकर स्लीमनाबाद तहसीलदार को शिकायत भी सौपी जा चुकी है।
शिकायत के माध्यम से बताया गया कि लीज भूमि के आसपास खसरा नम्बर 1081 है।साथ ही कुछ ओर अन्य खसरे है जिसमे गांव के किसानों की भूमि है जिस पर खदान संचालक के द्वारा अवैध तरीके से लेटेराइट का डंप कराया जा रहा है।जिससे भूमि का अनाधिकृत रूप से अधिग्रहण किया गया है।
साथ ही खसरा नम्बर 1004 की चारागाह की भूमि पर अनाधिकृत रूप से जेसीबी मशीन लगाकर ट्रंच लाइन खोद दी गई है।जिससे आवागमन मैं रुकावट उतपन्न कर दी गई है।
किसानों को अपने खेतों मैं जाना है या मवेशियों को जाना है तो ट्रंच लाइन बाधा बन गई है।आम निस्तार रास्ते को रोक दिया गया है।
सरपंच उर्मिला विश्वकर्मा का कहना था कि लेटेराइट खदान संचालक मनमानी कर रहा है।पंचायत अंतर्गत ऐसे कार्य जो किये जा रहे है उसके लिए पंचायत की कोई अनुमति भी नही ली जा रही है ।

इनका कहना है- राकेश चौरसिया एसडीएम

ग्राम पड़वार स्थित लेटेराइट खदान के संचालक की मनमानी को लेकर मामला प्रकाश मैं आया है।उक्त स्थल का निरीक्षण कर जांच की जाएगी।
जांच मैं जो भी गड़बड़ी मिलेगी उस आधार पर लेटेराइट खदान संचालक के विरुद्ध कारवाई प्रस्तावित की जाएगी।


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