रबी सीजन के लिए बाजार से महंगे दामों पर खाद खरीदना बनी किसानों की मजबूरी

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सुग्रीव यादव स्लीमनाबाद- रबी सीजन कृषि का दौर शुरू हो गया है ।किसान खेतो मैं जुताई व पलेवा के बुवाई कार्य शुरू कर दिए है!लेकिन इस बीच किसानों को सबसे ज्यादा परेशानी यूरिया व डीएपी खाद न मिलने के कारण हो रही है ।खाद न मिलने का कारण स्लीमनाबाद मैं सेवा सहकारी समिति मे नगद खाद विक्रय केंद्र का रबी सीजन मे शुरू न होना है!जिस कारण किसानों को महंगे दामों मैं बाजार से खाद खरीदने की मजबूरी बनी है।

दिखावा बनकर रह गया नगद खाद विक्रय केंद्र-
गौरतलब है कि किसानों को खाद की समस्या न हो इसके लिए स्लीमनाबाद मैं तत्कालीन कलेक्टर अविप्रसाद के द्वारा रबी सीजन 2023 मे नगद खाद विक्रय केंद्र खोला गया था!
जिससे रबी सीजन के कृषि कार्य के लिए किसानों को राहत मिली थी!लेकिन खरीफ सीजन 2024 के लिए नगद खाद विक्रय केंद्र संचालन शुरू नहीं हुआ, वहीं हाल रबी सीजन के लिए भी देखने को मिल रहा है!जिस कारण किसान बाजार से महंगे दामों मे खाद खरीदने विवश हो रहे है!स्लीमनाबाद तहसील क्षेत्र के कृषक 40 से 50 किलोमीटर की दूरी तय कर नगद खाद विक्रय केंद्र की उम्मीद से खाद लेने सहकारी समिति स्लीमनाबाद पहुंचते है!लेकिन नगद खाद विक्रय केंद्र संचालन न  होने के कारण उन्हें वापिस लौटना पड़ रहा है।
किसानों का कहना है कि बाजार से महंगे दामों मैं खाद खरीदना पड़ रहा है।डीएपी की खाद जिसका मूल्य 1350 रुपये निर्धारित है जो बाजार मे 1500 रुपये मैं मिल रही है।
किसानों का कहना है कि रबी सीजन के लिए नगद खाद विक्रय केंद्र का संचालन शुरू किया जाये जिससे किसानों को खाद के लिए भटकना न पड़े!इस ओर सहकारिता  विभाग व जिला प्रशासन के अधिकारियों का ध्यान बिल्कुल नही है।
किसानों का कहना है कि गेंहू बुवाई  के समय व बाद मै डीएपी व यूरिया खाद की नितांत आवश्यकता है।यदि खाद नही मिली तो फसल की ग्रोथ कमजोर होगी ,जिससे उत्पादन प्रभावित होगा।नगद खाद विक्रय केंद्र पर खाद न मिलने के कारण निजी दुकानदार मनमाने दामो पर खाद का विक्रय कर रहे है।प्रशासन के द्वारा भी इन खाद दुकानदारों पर कारवाई नही कर रहा है।

जिला पंचायत सदस्य ने ज्ञापन सौंप की मांग 

जिला पंचायत सदस्य पंडित प्रदीप त्रिपाठी ने बुधवार को प्रभारी कलेक्टर शिशिर गेमावत से भेंटकर
स्लीमनाबाद सहकारी समिति मै रबी सीजन के लिए नगद खाद विक्रय केंद्र खोले जाने के लिए ज्ञापन सौंप मांग की जिससे किसानों को परेशानी न उठानी पड़े!

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