फसल के पत्ते पीले पड़ने से नुकसान की आशंका,किसानों को सता रही चिंता

इस ख़बर को शेयर करें

सुग्रीव यादव स्लीमनाबाद ; खेती को लाभ का धंधा बनाया जा सके ओर किसान समृद्ध हो सके इसके लिए किसान रात -दिन खेती पर मेहनत करता है।लेकिन मौसम की प्रतिकूलता से किसान परेशान है।वर्तमान मे किसानों ने ग्रीष्मकालीन मूंग व उड़द की खेती की है।लेकिन पीला मौजेक रोग की चपेट मैं फसल आने से भारी नुकसान की चिंता सता रही है।
बता दे कि बहोरीबंद विकासखण्ड मैं लगभग छह हजार हैक्टेयर मैं मूंग व उड़द की फसल लगी है।वर्तमान समय मैं विकासखण्ड छेत्र मैं पीले मौजेक रोग व इल्ली का प्रभाव देखा जा रहा है।विकासखण्ड छेत्र मैं रबी और खरीफ सीजन के अतिरिक्त तीसरी फसल ग्रीष्मकालीन की ओर किसानों ने रुख किया था।लेकिन ग्रीष्मकालीन खेती कर रहे किसानों को फसल मैं पीले मौजेक रोग के लक्षण दिखाई देने लगे है।जिससे किसान काफी परेशान है।हैरानी की बात तो यह कि विकासखण्ड के कृषि विभाग के जिम्मेदार अधिकारी रोग नियंत्रण को लेकर किसानों के बीच जाकर उसे रोकने मैं कोई सार्थक कदम नही उठा रहे है।विकासखण्ड मैं ग्रीष्मकालीन फसल की कम खेती होती थी।लेकिन धीरे -धीरे हर वर्ष ग्रीष्मकालीन खेती की ओर किसान अपना रुख दिखा रहे है!
जिससे खेती का रकबा बढ़ रहा है!इस वर्ष 3500 हैक्टेयर मे मूंग व 2500 हैक्टेयर मे उडद की बोवनी हुई है!
लेकिन पीला मौजेक रोग के लक्षण फसल मैं आने से किसान चितिंत है।कृषक जुगलकिशोर यादव,अनुग्रह यादव,जितेंद्र हळदकार, इंद्रकुमार यादव ने बताया कि उन्होंने अपने खेतों मैं उड़द व मूंग की फसल बोई है।इन फसलों मैं अभी पेड़ व डंठल पीले पड़ने लगे है।किसानों ने बताया कि धीरे-धीरे रोग बढ़ता जा रहा है।एक बार फसल मैं रोग फैलने के बाद दवाओं के छिड़काव से यह भी पूरी तरह से खत्म नही हो पाता है।इससे किसानों को काफी घाटा उठाना पड़ रहा है।

इंडिया पोल खोल को आर्थिक सहायता प्रदान करने हेतु इस QR कोड को किसी भी UPI ऐप्प से स्कैन करें। अथवा "Donate Now" पर टच/क्लिक करें। 

Click Here >> Donate Now

इनका कहना है- आर के चतुर्वेदी एसएडीओ कृषि विभाग बहोरीबंद

मूंग व उड़द की फसल मैं पीला मौजेक रोग सफेद मक्खी द्वारा फैलता है।इसके नियंत्रण के लिए किसानों को जरूरी सलाह दी जा रही है।जिससे किसान मूंग व उड़द की फसल को इस फसल को इस रोग से बचा सके।रोग की प्रारम्भिक अवस्था मे ही यदि दवा का छिड़काव हो जाये तो रोग नियंत्रण हो जाता है।लेकिन यदि रोग फसल मैं फैल जाए तो फिर दवा छिड़काव के बाद भी रोग नियंत्रित नही हो पाता।
कृषि अमला खेतो का भ्रमण कर रहा है!साथ ही रोगों से फसल को बचाने किसानों समसामायिक सलाह दे रहे है!

इंडिया पोल खोल के WhatsApp Channel को फॉलो करने के लिए इस WhatsApp आइकन पर टच/Click करें।

Google News पर इंडिया पोल खोल को Follow करने के लिए इस GoogleNews आइकन पर टच/Click करें।

 

इंडिया पोल खोल के YouTube Channel को Subscribe करने के लिए इस YouTube आइकन पर टच/Click करें।


इस ख़बर को शेयर करें