खेतों मैं नही हो पा रही सिंचाई,बिजली की समस्या से जूझ रहे किसान

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सुग्रीव यादव स्लीमनाबाद– रबी सीजन में गेहूं व चने की बोवनी की तैयारी में जुटे किसान बिजली कटौती की समस्या से परेशान हैं। आमतौर पर यह समस्या हर साल होती है!
जिस कारण किसानों को विद्युत समस्या से जूझना पड़ रहा है।किसानों का कहना है कि सिंचाई के लिए निर्धारित दस घंटे बिजली नहीं मिल रही है। इस कारण सिंचाई नहीं हो रही है और बुआई प्रभावित हो रही है। 10 घंटे बिजली देने में कहीं बार बिजली ट्रिप व वॉल्टेज कम ज्यादा होने से परेशान है। किसान बताते हैं कि बिजली तो दे रहे हैं मगर बीच-बीच में इतनी बार चली जाती है। आधा समय बंद चालू में ही हो जाता है। यह परेशानी तब है जब हजारों का बिल कंपनी किसानों से वसूल रही है।बार-बार हो रही कटौती से परेशान किसानों कहना है कि बार-बार बिजली ट्रिपिंग के कारण मोटर पंप भी खराब हो रहे हैं। इससे आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। दिन में कभी आधे घंटे तो कभी एक घंटे पहले बिजली बंद कर दी जाती है। यह समस्या पूरे क्षेत्र में बनी है। इसके कारण सिंचाई नहीं हो रही। नवंबर चल रहा अभी तक हजारों हेक्टेयर में खेत सूखे पड़े और किसान सिंचाई नहीं कर पा रहे हैं।अभी किसानों को 10 घंटे बिजली दी जा रही है। इसके बाद भी बार-बार लाइट जाने से उपकरणों में फाल्ट हो रहे है तो कही सही से वॉल्टेज नहीं मिल रहा है। किसानों के मोटर पंप जल रहे उनको इसे ओर दोहरी मार लग रही है। क्योंकि मोटर जलने के बाद उसको निकलना डालना महंगा पड़ता है। एक बार जलने पर किसानों को 5 हजार की चपत लगती है। लेकिन बमुश्किल ग्रामीण अंचलों में 8 घंटे बिजली मिल रही है। किसानों की मांग है कि बिजली विभाग ने जो 10 घंटे बिजली प्रदाय करने का समय दिया है, उतनी बिजली दी जाए।कृषक अमरनाथ पटेल,राजकुमार यादव,जगन्नाथ कुशवाहा, प्रमोद काछी, ने बताया कि अगर बिजली सही से चले तो जल्दी से खेतों में पानी दे सके। बिजली तो सरकार का उपक्रम है। किसान क्या कर सकते। बिल जमा करने के बाद भी किसानों को समय पर बिजली नहीं मिल रही है। वाल्टेज की समस्या भी है।साथ ही यदि ट्रांसफार्मर खराब हो जाये तो नया ट्रांसफार्मर लगाने मैं पखवाड़ा भर का समय बीत जाता है। इससे बुआई लेट होगी।

इनका कहना है– सुमित सिन्हा कनिष्ठ अभियंता स्लीमनाबाद

कृषि कार्य के लिए दस घंटे विद्युत आपूर्ति दी जा रही है। वॉल्टेज की समस्या अथवा फॉल्ट होने पर शिकायत मिलने पर उसे दुरुस्त कराना पड़ता हैं। इसके कारण बिजली बंद कटौती करनी पड़ती है अन्यथा कटौती नहीं हो रही।

 

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