सिहोरा में अधर में लटका डेढ़ करोड़ के नाले का निर्माण कार्य ,तीन वर्षों में भी नहीँ हो पाया पूरा

इस ख़बर को शेयर करें

जबलपुर /सिहोरा : गंदे पानी की निकासी एवं बर्षा ऋतु के दौरान निचली बस्तियों में जल प्लावन की समस्या से निजात पाने नगर की पालक संस्था द्वारा वर्ष 2021 में वार्ड क्रमांक 6,7,8 के गंदे पानी की निकासी हेतु डॉक्टर ब्रजपुरिया के मकान से बाईपास होते हुए बाह्य नाला तक लगभग डेढ़ करोड़ की लागत से बनने वाले नाला निर्माण का कार्य आदेश जारी किया था लेकिन नगर पालिका की लचर कार्य प्रणाली के चलते 4 वर्षों में भी उक्त नल का निर्माण पूर्ण नहीं हो सका निर्माण कार्य की धीमी रफ्तार आमजन के लिए परेशानी का सबब बन रही है। नगर पालिका की इंजीनियरिंग के चलते इस वर्षा ऋतु में भी नगर की निचली बस्तियों को जल प्लावन की समस्या से जूझना पड़ेगा।

इंडिया पोल खोल को आर्थिक सहायता प्रदान करने हेतु इस QR कोड को किसी भी UPI ऐप्प से स्कैन करें। अथवा "Donate Now" पर टच/क्लिक करें। 

Click Here >> Donate Now

*भूमि पूजन से ही रहा विवादों से नाता*

जन सामान्य की सुविधाओं के लिए बनाए जाने वाले भूमिगत नाले के भूमि पूजन के बाद से ही नाला निर्माण को लेकर विवाद सामने आते रहे बताया जाता है कि नगर पालिका के इंजीनियर द्वारा नाले के पानी के बहाब को नजर अंदाज करते हुए बगैर पेटी लेवल किये लेआउट कर दिया जिसके चलते नाले का निर्माण सड़क से लगभग डेढ़ फीट ऊपर होने के कारण सड़क किनारे रहने वाले लोगों का अपने ही घर में प्रवेश निषेध हो गया।

इंडिया पोल खोल के WhatsApp Channel को फॉलो करने के लिए इस WhatsApp आइकन पर टच/Click करें।

Google News पर इंडिया पोल खोल को Follow करने के लिए इस GoogleNews आइकन पर टच/Click करें।

*मामले की शिकायत भोपाल स्थित विभाग के उच्च अधिकारियों को भेजी

अनियमिताओं के आरोप प्रत्यारोप का जो दौर प्रारंभ हुआ वह थमने की जगह दिन-प्रतिदिन बढ़ता चला गया।आधे अधूरे बने अंडरग्राउंड नाले में निर्माण एजेंसी नगर पालिका द्वारा की जा रही अनियमिता की शिकायत नगर पालिका उपाध्यक्ष ने संचनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग से की । विभाग ने मामले को गंभीरता से लेकर मुख्य नगर पालिका अधिकारी सिहोरा को मामले की जांच कराने के निर्देश भी दिए । बताया जाता है कि जीरो से 100 मीटर तक नवनिर्मित नाले में नगर पालिका के इंजीनियर द्वारा तोड़कर सुधार कार्य कराया गया।

*इस्टीमेट भी हुआ रिवाइज*

नगर पालिका के सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार नाले के बाहर से लगभग डेढ़ फीट ऊपर बने भूमिगत नाल में पानी न जाने के कारण सड़कों पर बहती गंदगी को देखते हुए नगर पालिका द्वारा नाले का एस्टीमेट रिवाइज कर पुनः सुधार कार्य कराया गया। तद उपरान्त मझौली बाईपास से एनएच बायपास तक का निर्माण पूरा हो सका। लेकिन उसके बाद निजी भूमि का विवाद सामने आने पर मामला फिर रुक गया आधे अधूरे नाले का पानी किसानों की खेत में जाने से फसले खराब होने लगी।

*डिजाइन अप्रूवल को लेकर फिर अटका मामला*

खराब होती फसलों को बचाने किसानों ने एक मीटर निजी भूमि देने का आश्वासन तो दे दिया लेकिन डेढ़ मीटर चौड़े बन रहे नाले को आगे तक डेढ़ मीटर बनाने के लिए आधा मीटर जगह एन एच से लेने में नगर की पालक संस्था पूर्णत असफल रही जिसके चलते नाला निर्माण का कार्य रुक गया। जानकारों का कहना है कि नगर पालिका जितनी जगह मिल रही है उतने में ही नाले का निर्माण पूर्ण करने ठेकेदार पर दबाव बना रही है वहीं ठेकेदार का कहना है कि ई चेकिंग के नाम पर 50 लाख से अधिक का भुगतान नगर पालिका ने रोक रखा है इसके बावजूद भी नगर पालिका के इंजीनियर आगे की ड्राइंग का अप्रूवल दें तभी आगे का निर्माण किया जाना संभव है।
इनका कहना है,
पानी के फ्लो का टेक्निकल इश्यू है एक्सपर्ट से राय ली जा रही है शीघ्र ही नाले का निर्माण कार्य पूर्ण कराया जाएगा।
जय श्री चौहान
मुख्य नगर पालिका अधिकारी सिहोरा

 

इंडिया पोल खोल के YouTube Channel को Subscribe करने के लिए इस YouTube आइकन पर टच/Click करें।


इस ख़बर को शेयर करें