जैन समाज के नही,सर्व समाज के संत थे आचार्य विद्यासागर

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स्लीमनाबाद (सुग्रीव यादव ):जैनाचार्य विद्यासागर केवल जैन समाज के ही नहीं बल्कि वह तो सर्व समाज के संत थे। आचार्य श्री ने अपना सम्पूर्ण जीवन अहिंसा, शाकाहार और मानवता के कल्याण के लिए समर्पित कर दिया। उनकी समाधि का समाचार सुनकर सम्पूर्ण जनमानस शोक में डूब गया। किसी को विश्वास ही नहीं हो रहा था कि गुरुदेव हमें छोडकऱ चले गए। आचार्य श्री के द्वारा किए गए कल्याणकारी कार्य हमारी स्मृति में और आचार्य श्री हमारे ह्रदय में सदैव विराजमान रहेंगे। उक्त उदगार जिला पंचायत सदस्य पंडित प्रदीप त्रिपाठी ने पाश्र्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर तेवरी मैं रविवार को विन्यांजली सभा में व्यक्त किए।
विनयांजलि सभा मैं बड़ी संख्या मैं साधर्मी बंधु,माता बहने,युवा साथी सम्मिलित हुए।
आचार्य श्री को श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
इस दौरान संत ब्रह्मानंद दास महाराज,विजय शुक्ला, पुरुषोत्तम सिंह,दिनेश असाटी महेन्द्र सिंह,रामकुमार असाटी, अमित अग्रहरि,लखन उपाध्याय, धनैन्द्र जैन , सुधर्म चंद्र शास्त्री ,अभय जैन ,राजेश जैन, संजय जैन ,नरेन्द्र जैन ,विजय जैन , माधुरी जैन एवं सर्व समाज के लोग शामिल हुए।

स्लीमनाबाद मैं भी आयोजित हुई विनयांजलि सभा_
पाश्र्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर स्लीमनाबाद मैं भी विनयांजलि सभा आयोजित की गई।
सकल जैन समाज अध्यक्ष श्रेयांस जैन ने बताया कि जैन तीर्थ चंद्रगिरी डोगरगढ में गुरुदेव संत दिगम्बराचार्य विद्यासागर महाराज 17-18 फरवरी की मध्यरात्रि 02:35 पर समाधि प्राप्तकर ब्रह्मलीन हो गए। जैन समाज स्लीमनाबाद द्वारा उनको श्रद्धासुमन अर्पित करने हेतु पाश्र्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर में विनयांजलि सभा का आयोजन किया गया। जिसमें बड़ी संख्या में साधर्मी बंधु, माता बहिनें, युवा साथी सम्मिलित हुए। विनयांजलि सभा में सभी लोग अपने अपने घर से घी का दीपक लेकर आए थे। सभी ने दीप प्रज्ज्वलित कर आचार्य श्री को श्रद्धा सुमन अर्पित किए। श्रद्धा सुमन अर्पित करते समय वक्ताओं ने आचार्य श्री के संस्मरण सुनाते हुए उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला।
इस दौरान निर्मलचंद्र जैन,प्रदीप जैन,संजय जैन,महेश जैन,आकेष जैन,मयूर जैन,पप्पू जैन,डी के जैन,विकास जैन,बबला जैन,सुधीर जैन सहित सर्व समाज की उपस्थिति रही।

 


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