ज्वारे जुलूस मैं दिखा भक्ति का संगम,उमड़ा जनसैलाब, मंदिरों में हुए अनुष्ठान, जवारों का विसर्जन

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सुग्रीव यादव स्लीमनाबाद : चैत्र मास की प्रतिपदा से आरम्भ हुआ देवी पूजन का महापर्व चैत्र नवरात्र बुधवार को नवमी तिथि पर हवन पूजन के साथ संपन्न हुआ। नौ दिनों तक शक्ति की साधना के बाद देवी मंदिरों में वैदिक मंत्रोचार के बीच हवन-अनुष्ठान किया गया। नवरात्र व्रतधारकों ने कन्याभोज , हवन-पूजन करके शक्ति की आराधना की।देवी देवालयों सहित मन्दिरो में कन्याभोज आयोजित हुए। जरूरतमंदों व गोवंश को खिलाकर पुण्य की कामना की गई। श्रद्धालुओं ने भोजन के पैकेट बनाकर भी कन्याओं को पहुंचाया। कुछ लोगों ने गरीबों को भोजन कराया।

 

जुलूस के साथ जवारा विसर्जित-

नवमी तिथि पर देवी मंदिरों मैं बोए गए ज्वारे व मन्नत कलश लेकर भक्त चले।नवमी पर आदिशक्ति के 9 वे रूप माँ सिद्दीदात्री की पूजा अर्चना की।पूजा अर्चना कर सुख समृद्धि की कामना की गई।स्लीमनाबाद के चंडी माई मंदिर से ढोल नगाड़ों की धुन पर ज्वारे जुलूस निकला जो कटनी नदी मैं जाकर विसर्जित किया गया।वही ग्राम कोहका मैं भी ज्वारे जुलूस निकला जो सरोवर मैं जाकर विसर्जित किया गया।वही धरवारा मैं भी ज्वारे जुलूस निकाला ।जहां कलाकारों के द्वारा कलाकृतिया दिखाई गई।चैत्र नवरात्र की नवमी पर बहोरीबंद के प्रसिद्ध खड़रा स्थित शारदा मंदिर मे मातारानी के दर्शन करने भक्तो का सैलाब उमड़ा।मातारानी की पूजा अर्चना कर सुख समृद्धि की कामना की।दूरदराज क्षेत्र से लोग पूजा अर्चना के लिए मंदिर पहुचे।देर शाम मातारानी के दरबार मै बोये गए ज्वारे व मन्नत कलश को सिर पर धारण कर लोग चले।ज्वारे जुलूस मैं ढोल नगाड़ों की धुन पर देवी भगत गाते हुए भक्तगण चल रहे थे।देर शाम ज्वारे विसर्जित किये गए।वही बहोरीबंद के मरही माता मंदिर से भी ज्वारे जुलूस निकाला जिन्हें सरोवर मैं विसर्जित किया गया।साथ ही पहरुआ स्थित टिंशन माता मंदिर से भी ज्वारे जुलूस निकले।


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