गेंहू फसल पर बोनस की घोषणा के साथ पंजीयन के लिए किसानों का बढ़ा रुझान

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स्लीमनाबाद_ राज्य सरकार की ओर से गेहूं पर 125 रुपए प्रति क्विंटल के बोनस दिए जाने की घोषणा से किसानों के चेहरे पर चमक आ गई है। इसके चलते गेहूं बेचने के इच्छुक किसानों का पंजीयन कराने की ओर रुझान बढ़ा है।
क्योंकि इस बार समर्थन मूल्य पर रबी  सीजन की फसलों के विक्रय के लिए पंजीयन कराने की रफ्तार धीमी थी।
जिस कारण राज्य शासन ने कम पंजीयन होने पर दो बार पंजीयन की समयावधि बढाई।
वही गेंहू की फसल पर बोनस की घोषणा के बाद गेंहू पंजीयन के लिए किसानों ने रुचि दिखाई।
विभागीय जानकारी के अनुसार मंगलवार तक बहोरीबंद विकासखंड मै गेहूं, चना, मसूर और सरसो का किसान पंजीयन 13 हजार 742 रहा। इनमें गेहूं 8076, चना 1672, मसूर 97 और सरसो 1495 शामिल है।
। इस बार केंद्र सरकार से घोषित गेहूं का समर्थन मूल्य 2275 रुपए प्रति क्विंटल है। इस पर राज्य सरकार ने 125 रुपए प्रति क्विंटल बोनस की घोषणा की है। इससे अब सरकारी खरीदी केन्द्रों पर किसानों को 2400 रुपए प्रति क्विंटल का भाव मिलेगा।
खाद्य आपूर्ति विभाग का अनुमान है कि किसानों को बेहतर मूल्य मिलने पर वे सरकारी कोटा में गेहूं देने आकर्षित होंगे। इससे सरकारी पूल में गेहूं आने पर बाजार की कीमतें कंट्रोल में रहेगी।

किसानों का इस कारण नही था रुझान_
समर्थन मूल्य पर गेंहू फसल पंजीयन के लिए किसानों का रुझान क्यों कम हुआ था,इसके कई कारण किसानों ने बताया।किसानों का कहना था कि विधानसभा चुनाव से पूर्व भाजपा ने संकल्प पत्र जारी किया था ।जिसमे धान 3100 रुपए प्रति क्विंटल व गेंहू 2700 रूपये प्रति क्विंटल खरीदा जायेगा।लेकिन विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद खरीफ सीजन खरीदी का कार्य शुरू हुआ।लेकिन भाजपा की सरकार बनने के बाद धान 3100 रूपये प्रति क्विंटल पर नही खरीदी गई,न ही गेंहू 2700 रूपये प्रति क्विंटल खरीदने की बात कही गई।
गेंहू का समर्थन मूल्य 2275 रूपये निर्धारित किया गया।
किसानों का कहना था कि समर्थन मूल्य 2275 रूपये के हिसाब से तो बाजार भाव ही किसानों को मिल जाता है। न ही किसानों को अपनी उपज विक्रय के लिए परेशान होना पड़ता।

सरकार ने बढ़ाई पंजीयन की तिथि_
कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी पीयूष शुक्ला ने बताया कि गेहूं के बोनस का लाभ किसानों को दिलवाने राज्य सरकार ने तीसरी बार गेहूं के पंजीयन की तिथि 16 मार्च तक कर दी है। इससे पहले 6 और 10 मार्च तक पंजीयन तिथि बढ़ाई थी। इससे किसानों की संख्या में बढ़ोत्तरी की संभावना है। किसान नई घोषित तिथि तक पंजीयन करा सकेंगे।

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