साक्षर बनने 1600 से अधिक असाक्षर देंगे परीक्षा

इस ख़बर को शेयर करें

स्लीमनाबाद- नवभारत साक्षरता कार्यक्रम अंतर्गत बहोरीबन्द विकासखण्ड के 1600 से अधिक असाक्षर, साक्षर बनने 17 मार्च को आयोजित होने वाली परीक्षा में शामिल होंगे।जिसके लिए तैयारियां की जा रही है।
विकासखण्ड साक्षरता समन्वयक विनोद पाटकर ने बताया कि साक्षरता दर बढ़ाने हेतु भारत सरकार के निर्देशानुसार संचालित नवभारत साक्षरता कार्यक्रम अंतर्गत नव साक्षरों की ’’मूलभूत साक्षरता एवं संख्यात्मकता मूल्यांकन परीक्षा’’ 17 मार्च को आयोजित की जा रही है।
विकासखण्ड में नवभारत साक्षरता कार्यक्रम में सर्वेक्षण कर चिन्हित किये गये 15 वर्ष से अधिक आयु के असाक्षरों को उनके ग्राम बसाहट क्षेत्र में संचालित सामाजिक चेतना केंद्रों में अक्षर साथियों द्वारा मूलभूत साक्षरता एवं संख्यात्मकता की शिक्षा प्रदान करते हुए साक्षर किया जा रहा है। राज्य शिक्षा केंद्र के दिशा निर्देशानुसार इस परीक्षा में अक्षर साथियों द्वारा नामांकित नव साक्षरों, पूर्व के नवसाक्षर जिन्होंने साक्षरता अभियान के अंतर्गत अंतरिम मूल्यांकन में सफलता अर्जित की है किंतु उनके पास प्रमाणीकरण नहीं है वे इस परीक्षा में शामिल हो सकते हैं।

2027 तक चलेगा साक्षरता अभियान_
17 मार्च को आयोजित होने वाली परीक्षा को लेकर विकासखंड स्तरीय बैठक बुधवार को स्लीमनाबाद मैं आयोजित हुई।
जहां जन शिक्षा केंद्र स्लीमनाबाद , तेवरी व देवरी के शिक्षक उपस्थित हुए।
बैठक मैं बीआरसी प्रशांत मिश्रा ने नव  साक्षर भारत कार्यक्रम अंतर्गत आयोजित होने वाली परीक्षा को लेकर विस्तृत दिशा_निर्देश दिए।
कहा कि परीक्षाएं ग्रामीण बसाहट की माध्यमिक-प्राथमिक शाला में ग्राम प्रभारी शिक्षक द्वारा ली जायेगी। परीक्षा के लिए विकासखण्ड में पंचायत स्तर पर प्राथमिक-माध्यमिक शालाओं को परीक्षा केंद्र निर्धारित किया गया है। इन परीक्षा केंद्रों में केन्द्राध्यक्ष की निगरानी में परीक्षा आयोजित की जाएगी।
154 परीक्षा केंद्र बनाए गए है।
परीक्षा उपरांत मूल्यांकन परीक्षा केंद्र में ही किया जाएगा। परीक्षा में सफल परीक्षार्थियों को साक्षरता प्रमाण पत्र जारी किया जायेगा।
17 मार्च को आयोजित होने वाली परीक्षा मैं अधिक से अधिक आसाक्षर उपस्थित होवे इसकी जवाबदेही भी निभाए।
परीक्षा के लिए पंजीयन न कराने वाले असाक्षर भी इस परीक्षा मैं शामिल हो सकते है।उन्हे परीक्षा आयोजन तक का समय रहेगा,इसलिए संख्या और अधिक बढ़ सकती है।

वही जन शिक्षक डॉ दिलीप त्रिपाठी ने कहा कि आज भी भारत मैं लगभग 20 फीसदी आबादी निरक्षरता के कलंक से ग्रसित है।जिसे मिटाए बिना हम पूर्ण विकसित भारत का सपना साकार नही कर सकते।
नव साक्षर भारत अभियान 2027 तक चलेगा यह महत्वपूर्ण कदम है।जिसमे निरक्षरो को साक्षर बनाना है।

 


इस ख़बर को शेयर करें