रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल क्यों नहीं हुए लाल कृष्णा आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी ?

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सोमवार 22 जनवरी 2024 के दिन राम मंदिर में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने के लिए देश-दुनिया से रामभक्त अयोध्या पहुंचे थे . 22 जनवरी का दिन रामभक्तों के लिए बहुत बड़ा दिन था. तीन दशक पहले जिन्होंने राम मंदिर आंदोलन की शुरुआत की थी उनका सपना आज सच होने जा रहा है. लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, विनय कटियार और साध्वी ऋतंभरा राम मंदिर आंदोलन के मुख्य चेहरे थे. आज वह दिन आ गया है, जिसके लिए उन्होंने सालों तक संघर्ष किया.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की. प्राण प्रतिष्ठा के लिए पीएम मोदी ने 11 दिन का अनुष्ठान किया था. इस खास अवसर पर देश-दुनिया के हजारों लोग अयोध्या में मौजूर रहे.

आइए जानते हैं वो लोग कहां थे, जो राम मंदिर आंदोलन का महत्वपूर्ण हिस्सा रहे 

लाल कृष्ण आडवाणी,भारत के पूर्व उप-प्रधानमंत्री लाल कृष्णा आडवाणी रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल नहीं हुए. उन्होंने बढ़ी हुई ठंड और खराब मौसम के कारण आज अयोध्या नहीं जाने का फैसला किया. लाल कृष्ण आडवाणी की उम्र 96 साल हो गई है. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने भी उनकी उम्र और स्वास्थ्य को देखते हुए समारोह में शामिल होने के लिए अयोध्या नहीं आने का अनुरोध किया था. पिछले महीने ही उन्हें राम मंदिर उद्घाटन के लिए निमंत्रण मिला था, लेकिन उनके समारोह में शामिल होने को लेकर संशय बना हुआ था. हालांकि, विश्व हिंदू परिषद के एक नेता आलोक कुमार ने बीते महीने कहा था कि एलके आडवाणी समारोह में शामिल होंगे और उनके लिए हर हेल्थ फैसिलिटी मुहैया करावई जाएगी.

मुरली मनोहर जोशी राम मंदिर आंदोलन का मुख्य चेहरा और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के पूर्व अध्यक्ष मुरली मोनहर जोशी भी समारोह में शामिल होने के लिए अयोध्या नहीं गए. उन्होंने भी उम्र और स्वास्थ्य को देखते हुए यह फैसला लिया. मुरली मनोहर जोशी को राम मंदिर उद्घाटन के लिए निमंत्रण भेजा गया था, लेकिन उनकी बढ़ती उम्र और स्वास्थ्य के कारण समारोह में शामिल होने को लेकर संशय बना हुआ था. ऐसे में चंपत राय ने उनसे भी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए अयोध्या नहीं आने का अनुरोध किया था.


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