खेतो से सीधे भूसा खरीद रहे व्यापारी, भेजा जाने लगा दूसरे जिला व राज्यो मै,आने वाले दिनों मैं होगी किल्लत
स्लीमनाबाद ( सुग्रीव यादव ); रबी सीजन की प्रमुख फसल गेंहू की कटाई_मिसाई शुरू होते ही भूसा व्यापारी खेत-खेत जाकर खरीदी करने लगे हैं। यहां से भूसा खरीदी कर दूसरे जिलों और राज्यो मैं भेजा जा रहा है। क्षेत्र का भूसा बाहर जाने से आने वाले दिनों में किल्लत होगी और फिर पशुपालकों को महंगे दामों पर भूसा खरीदना पड़ता है। भूसा व्यापारियों द्वारा अभी चार सौ से पांच सौ रुपए क्विंटल में भूसा खरीदा जा रहा है।कुछ यहीं स्टॉक कर रहे हैं, तो कुछ पनागर, परियट व जबलपुर के अलावा आदि जगहों पर महंगे दामों पर भूसा बेच भेज रहे हैं। दूसरी जगह भूसा भेजे जाने से कुछ दिनों बाद ही भूसा की किल्लत शुरू हो जाती है और फिर पशुपालकों को सात से आठ सौ रुपए क्विंटल भूसा खरीदना पड़ता है या फिर मिलता ही नहीं है। इस ओर अधिकारियों द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है।जबकि पिछले वर्ष कलेक्टर द्वारा क्षेत्र का भूसा दूसरे जिलों व राज्यो में भेजे जाने पर रोक भी लगाई गई थी।लेकिन इस वर्ष अभी तक आदेश जारी नहीं किया गया है।जिसका लाभ व्यापारी उठा रहे हैं।
भूसा से लोड ट्रालियां रातों मैं परियट व जबलपुर के लिए क्षेत्र से निकलती है।स्लीमनाबाद व बहोरीबंद तहसील क्षेत्र मे भूसा बाहर भेजे जाने का क्रम से जोरो से शुरू हो गया है।
गोशालाओं में आ जाता है भूसा का संकट-
बहोरीबंद विकासखण्ड क्षेत्र में 5 गौशाला संचालित है।
इन संचालित गोशालाओं में भी भूसा का संकट आ जाता है और दाम इतने ज्यादा हो जाते हैं कि मिलने वाली राशि में भूसा खरीदना मुश्किल हो जाता है।भूसा के दाम बढऩे से दूध के दामों में भी लगातार इजाफा हो रहा है, जिससे लोगों के किचन का बजट बिगड़ रहा है। यदि क्षेत्र का भूसा बाहर न भेजा जाए, तो पर्याप्त मात्रा में सस्ते दामों पर पशुपालकों को भूसा मिलता रहेगा।क्योंकि वर्तमान समय मैं गेंहू की 60 फीसदी कटाई हार्वेस्टर से हो जाती है।शेष 40 फीसदी कटाई ही मजदूरों व कृषक स्वयं करते है।जिससे पहले से ही भूसा की कमी रहती है साथ बाहर विक्रय होने से और कमी आ जाती है।
इनका कहना है- राकेश चौरसिया एसडीएम बहोरीबंद
अभी इस संबंध में कोई आदेश कलेक्टर के द्वारा जारी हुआ है या नही इसका अवलोकन किया जाएगा।
आदेश यदि नहीं आया है और आदेश आता है तो भूसा बाहर जाने से रोका जाएगा।
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